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ITR Filing : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय इन 8 गलतियों से बचना जरूरी, वरना हो सकता है नुकसान

Avoidable Mistakes While Filing ITR : आयकर रिटर्न फाइल करते समय यहां बताई गई गलतियों से बचें, वरना आपको नुकसान हो सकता है. ऐसा करते समय हाल में हुए बदलावों का ध्यान रखना खास तौर जरूरी है.

Avoidable Mistakes While Filing ITR : आयकर रिटर्न फाइल करते समय यहां बताई गई गलतियों से बचें, वरना आपको नुकसान हो सकता है. ऐसा करते समय हाल में हुए बदलावों का ध्यान रखना खास तौर जरूरी है.

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Viplav Rahi
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Common Mistakes To Avoid While ITR Filing

ITR Filing : आयकर रिटर्न फाइल करते गलतियों से बचना जरूरी है. (AI Generated Image / ChatGPT)

Common Mistakes To Avoid While ITR Filing :  आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना हर टैक्सपेयर के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है, लेकिन इसमें की गई छोटी-छोटी गलतियां भी बड़े नुकसान की वजह बन सकती हैं. पिछले बजट में भी कई ऐसे अहम बदलाव हुए हैं, जिन्हें लागू करने में लग रहे वक्त की वजह से इस बार आम टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन पहले ही 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर की जा चुकी है. यह राहत जरूर है, लेकिन अगर आपने आईटीआर फाइल करते समय नए बदलावों को ठीक से नहीं समझकर उन पर अमल नहीं किया है या कुछ गलतियां कर दीं, तो आगे चलकर दिक्कत हो सकती है. इसमें रिफंड में देरी, टैक्स नोटिस मिलने या पेनाल्टी लगाए जाने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. आगे चलकर ऐसे झंझट न झेलने पड़ें, इसके लिए यहां बताई गई गलतियों को समझकर उन्हें पहले से ही दूर कर लेना बेहतर है.

गलती नंबर 1 : गलत ITR फॉर्म भर देना

कई बार टैक्सपेयर आईटीआर भरते समय गलत फॉर्म सेलेक्ट कर लेते हैं, इससे रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है. यह भी ध्यान रखें कि अगर आपने शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से पूरे वित्त वर्ष के दौरान 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कमाया है, तो नए नियमों के तहत आप ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि पहले ITR-2 या ITR-3 भरना होता था.

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गलती नंबर 2 : रिटर्न फाइल न करना

बहुत से लोग सोचते हैं कि उनकी आमदनी इतनी नहीं है कि उन्हें इनकम टैक्स (Income Tax) देना पड़े, इसलिए उनके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी नहीं है. लेकिन ऐसा सोचना हमेशा सही नहीं होता. अगर आपने विदेश यात्रा में 2 लाख रुपये या उससे ज्यादा खर्च किए हैं, या बिजली बिल 1 लाख रुपये से अधिक आया है, तो भी आईटीआर फाइल करना अनिवार्य हो जाता है. साथ ही, अगर आपने टीडीएस कटवाया है और रिफंड क्लेम करना है, तो बिना रिटर्न फाइल किए यह संभव नहीं है. साथ ही नई टैक्स रिजीम में बढ़ी हुई टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए भी टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है.

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गलती नंबर 3 :  हाल में हुए बदलावों को नजरअंदाज करना

इस साल आईटीआर फाइल करते समय सबसे बड़ी गलती होगी अगर आप टैक्स से जुड़े नियमों में बजट 2024 के जरिये किए गए बदलावों को शामिल नहीं करते. मिसाल के तौर पर अब लिस्टेड शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 12.5% के हिसाब से लगेगा और इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा. इसके अलावा, शॉर्ट टर्म गेन पर टैक्स 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है.

इसी तरह, 23 जुलाई 2024 को कट-ऑफ डेट मानकर, आपको अपने कैपिटल गेन को उस तारीख से पहले और बाद में हुए ट्रांजैक्शन के हिसाब से अलग-अलग दिखाना होगा. साथ ही, अब ITR 1, 2, 3 और 5 फॉर्म में केवल आधार नंबर ही मान्य होगा, आधार एनरोलमेंट आईडी नहीं. इसके अलावा, नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को डिफॉल्ट बना दिया गया है. अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) को चुनना चाहते हैं, तो ITR से पहले फॉर्म 10-IEA भरना होगा.

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गलती नंबर 4 : फॉर्म 26AS और AIS को चेक न करना

आपके सभी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन, टीडीएस जैसी टैक्स से जुड़ी जरूरी की जानकारी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट  (AIS) और फॉर्म 26AS में होती है. इन्हें चेक किए बिना आईटीआर फाइल करना एक बड़ी गलती हो सकती है. अगर इनमें और आपके अपने बैंक स्टेटमेंट या फॉर्म 16 में कोई मिस-मैच है, तो उसे पहले ठीक कराना चाहिए. इससे रिटर्न में गड़बड़ी नहीं होगी, रिफंड जल्दी मिलेगा और टैक्स नोटिस मिलने की नौबत भी नहीं आएगी.

गलती नंबर 5 : सभी सोर्सेज से हुई इनकम को रिपोर्ट न करना

कई बार लोग सिर्फ वही इनकम रिपोर्ट करते हैं जिस पर टीडीएस कटा हो, लेकिन ऐसा करना गलत है. सेविंग अकाउंट, एफडी, आरडी, किराया, विदेश से हुई आय या फ्रीलांस इनकम जैसी कई इनकम ऐसी हो सकती है, जिन पर टीडीएस नहीं काटा गया हो. ऐसे में कई बार लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसा होने पर इनकम की गलत रिपोर्टिंग से टैक्स कैलकुलेशन भी गलत हो सकते हैं. ये गलती बाद में सामने आने पर पेनल्टी लग सकती है.

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गलती नंबर 6 : एग्जम्प्शन वाली इनकम को न दिखाना

ऐसी इनकम को भी आईटीआर भरते समय सही सेक्शन में रिपोर्ट करना जरूरी है, जिस पर इनकम टैक्स में एग्जम्प्शन (Exemption) यानी छूट मिली हुई है. मिसाल के तौर पर पीपीएफ का ब्याज, एग्रीकल्चरल इनकम, एलटीए, एचआरए, इन्श्योरेंस मैच्योरिटी, या सुकन्या समृद्धि योजना से मिलने वाले रिटर्न. इन रिटर्न्स को आईटीआर में नहीं दिखाने पर रिटर्न डिफेक्टिव माना जा सकता है और समय पर करेक्शन न किया जाए, तो रिटर्न को इनवैलिड भी माना जा सकता है.

गलती नंबर 7 : पुराने एंप्लॉयर की इनकम को न जोड़ना

अगर आपने फाइनेंशियल ईयर के दौरान नौकरी बदली है, तो पुराने और नए दोनों एंप्लॉयर्स की ओर से फॉर्म 16 लेकर सारी इनकम को मिलाकर दिखाना जरूरी है. कई बार दोनों एम्प्लॉयर्स अलग-अलग डिडक्शन दे देते हैं, जिससे टैक्स कम कटता है और अंत में खुद से एडवांस टैक्स देना पड़ता है. ऐसा न करने पर ब्याज और पेनल्टी लग सकती है.

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गलती नंबर 8 : HRA क्लेम करने में प्रूफ की कमी 

पुरानी टैक्स रिजीम में एचआरए क्लेम करने के लिए किराए की रसीद, एग्रीमेंट और मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी होता है. अगर आप इन दस्तावेजों को नहीं देते हैं या कोई गलत जानकारी देते हैं, तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है और टैक्स नोटिस भी आ सकता है.

आईटीआर फाइल करना अब पहले से आसान जरूर हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों और नए नियमों को समझना उतना ही जरूरी हो गया है. बजट 2024 के बाद हुए बदलावों को ध्यान में रखते हुए सही फॉर्म का चुनाव करना, सभी इनकम का खुलासा करना और दस्तावेजों का मिलान करना जरूरी है ताकि आप टैक्स से जुड़ी किसी परेशानी से बच सकें.

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