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Jobs : कौन सी नौकरियां बढ़ेंगी, कहां आएगी सबसे ज्यादा गिरावट? वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में क्या हैं संकेत

Future of Jobs Report 2025 : वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हो रहे तकनीकी और अन्य बदलावों की वजह से 2030 तक 22% नौकरियां प्रभावित होंगी.

Future of Jobs Report 2025 : वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हो रहे तकनीकी और अन्य बदलावों की वजह से 2030 तक 22% नौकरियां प्रभावित होंगी.

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Viplav Rahi
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Future of Jobs Report 2025 से पता चलता है कि नौकरियों का भविष्य तेजी से बदल रहा है. (Image : Freepik)

World Economic Forum : Future of Jobs Report 2025: आने वाले कुछ बरसों के दौरान दुनिया भर में किस तरह की नौकरियां बढ़ेंगी और किन सेक्टर्स की जॉब्स में सबसे ज्यादा गिरावट आएगी, इसका खुलासा वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) की एक ताजा रिपोर्ट में किया गया है. "फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025" के नाम से जारी इस रिपोर्ट में भविष्य की नौकरियों और उनमें होने वाले बदलावों पर गहराई से रोशनी डाली गई है.

स्विट्जरलैंड के डावोस में जारी हुई रिपोर्ट

स्विट्जरलैंड के डावोस (Davos) में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक दुनिया भर की करीब 22% नौकरियों पर असर पड़ेगा. तकनीक और आर्थिक ढांचे में आ रहे बदलावों की वजह से नौकरियों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. इस बदलाव का असर तकनीकी प्रगति, आर्थिक दबाव और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण होगा. रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि जहां कुछ नौकरियों में भारी वृद्धि होगी, वहीं कई क्षेत्रों में बड़ी गिरावट देखी जाएगी.

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जेनरेटिव AI और ऑटोमेशन का असर

रिपोर्ट के मुताबिक जेनरेटिव AI और ऑटोमेशन ने जॉब्स मार्केट को पूरी तरह बदल दिया है. लगभग 50% एंप्लॉयर नई संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए AI को अपनाने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, यह भी सच है कि 41% कंपनियां ऑटोमेशन के कारण अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर सकती हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य क्षेत्रों में हो रही टेक्निकल प्रोग्रेस की वजह से नौकरियों पर काफी तेजी से असर पड़ेगा. बिग डेटा, AI और साइबर सेफ्टी जैसी तकनीकी कुशलताओं की मांग बढ़ेगी. हालांकि, इंसानी विशेषज्ञता, क्रिएटिव सोच, फ्लेक्सिबिलिटी और नेतृत्व क्षमता जैसी बातों की अहमियत भी बनी रहेगी. मौजूदा दौर में बेहतर पॉलिसी फॉलो करने वाली अच्छी कंपनियां अपने कर्मचारियों को अपस्किल करने पर जोर दे रही हैं, ताकि वे बदलते समय के अनुरूप खुद को ढाल सकें.

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इन क्षेत्रों में बढ़ेंगी नौकरियां

रिपोर्ट के अनुसार, एग्रीकल्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर्स में काम करने वाले वर्कर्स और डिलीवरी ड्राइवर्स की मांग 2030 तक सबसे ज्यादा बढ़ेगी. इनके अलावा, नर्सिंग प्रोफेशनल्स और स्कूल टीचर्स जैसे सर्विस सेक्टर्स में भी नौकरियां तेजी से बढ़ेंगी. एजुकेशन और हेल्थ केयर जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर्स में डेमोग्राफिक बदलावों के कारण मांग बढ़ने की संभावना है. इसी के साथ रिन्यूएबल एनर्जी, एनवॉयर्नमेंटल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी एक्सपर्ट जॉब्स की मांग बढ़ेगी. AI और ऑटोमेशन जैसी तकनीक पर जोर बढ़ने के कारण डेटा साइंटिस्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर्स और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स जैसे स्किल्स की डिमांड भी बढ़ेगी.

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इन नौकरियों में आएगी गिरावट

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैशियर और टिकटिंग क्लर्क जैसी नौकरियों में सबसे अधिक गिरावट देखी जाएगी. इसके अलावा, प्रशासनिक सहायक, डेटा एंट्री क्लर्क और अकाउंटिंग जैसी पुरानी नौकरियां भी AI और ऑटोमेशन के कारण कम होने के आसार हैं. यहां तक कि ग्राफिक डिजाइनर जैसे क्रिएटिव फील्ड में मिलने वाली नौकरियां भी जेनरेटिव AI की प्रोग्रेस के कारण तेजी से घट सकती हैं.

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जरूरी स्किल्स में होगा बड़ा बदलाव

वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 के मुताबिक 2030 तक काम के लिए जरूरी 40% स्किल्स पूरी तरह से बदल जाएंगे. AI और बिग डेटा से जुड़े तकनीकी स्किल्स की मांग बढ़ेगी. साथ ही क्रिएटिव सोच, फ्लेक्सिबिलिटी और एनवॉर्नमेंटल मैनेजमेंट जैसे स्किल्स भी प्रासंगिक रहेंगे. इन दोनों तरह के स्किल्स के तालमेल से तेजी से बदलते जॉब मार्केट में बड़ा बदलाव आने की संभावना है.

कुल मिलाकर "फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025" से पता चलता है कि नौकरियों का भविष्य तेजी से बदल रहा है. जहां तकनीकी प्रगति की वजह से नौकरियों के नए अवसर बनेंगे, वहीं पुराने ढंग की जॉब्स में गिरावट का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में, पर्सनल और तकनीकी स्किल्स का विकास ही इस बदलाव के साथ कदम मिलाने का सबसे अच्छा तरीका होगा.

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