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HDFC Pharma and Healthcare Fund ने लॉन्च के बाद से अब तक शानदार प्रदर्शन किया है. (Image : Pixabay)
HDFC Mutual Fund High Return Scheme: एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम 'एचडीएफसी फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड' (HDFC Pharma And Healthcare Fund) ने 1 साल में SIP और लंपसम दोनों पर 50% से ज्यादा का शानदार रिटर्न दिया है. HDFC फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों में निवेश करती है. इस सेक्टोरल फंड का प्रदर्शन न सिर्फ अपने कैटेगरी एवरेज से बेहतर रहा है, बल्कि इसने अपने बेंचमार्क, बीएसई हेल्थकेयर इंडेक्स (BSE Healthcare Total Return Index) को भी पीछे छोड़ दिया है. आइए जानते हैं इस फंड की पूरी डिटेल और इसके पोर्टफोलियो की खासियत.
SIP और लंपसम पर शानदार रिटर्न
HDFC फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड को लॉन्च हुए एक साल से थोड़ा ही ज्यादा वक्त हुआ है. इतने ही समय के दौरान इस स्कीम ने अच्छा खासा रिटर्न दिया है. अगर किसी ने 1 साल पहले इस स्कीम में एक साथ 1 लाख रुपये का एकमुश्त (Lump Sum) निवेश किया होगा, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू करीब 1.54 लाख रुपये हो गई होगी. HDFC म्यूचुअल फंड की वेबसाइट के मुताबिक इस स्कीम का 1 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न (Annualised Return) 53.62% है. अगर किसी ने इस स्कीम की शुरुआत के साथ ही, यानी 4 अक्टूबर 2023 को 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू 1.67 लाख रुपये और एन्युलाइज्ड रिटर्न 55.85% हो चुका होगा. वहीं अगर अगर किसी ने इस स्कीम में पिछले 1 साल के दौरान हर महीने 10,000 रुपये की मंथली SIP की होगी, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू करीब 1.52 लाख रुपये हो चुकी होगी. जबकि इस दौरान उसका कुल निवेश 1.20 लाख रुपये होगा.
एकमुश्त निवेश पर रिटर्न का कैलकुलेशन
1 लाख रुपये के निवेश की फंड वैल्यू :
- 1 साल में : 1,53,619.10 रुपये
- स्कीम के लॉन्च से अब तक : 1,67,030 रुपये
- 1 साल का रिटर्न : 53.62% (एन्युलाइज्ड)
- लॉन्च से अब तक का रिटर्न : 55.85% (एन्युलाइज्ड)
SIP पर रिटर्न का कैलकुलेशन
मंथली SIP : 10 हजार रुपये
1 साल में कुल निवेश : 1.20 लाख रुपये
SIP इनवेस्टमेंट की 1 साल में वैल्यू : 1,51,89.41 रुपये
SIP पर 1 साल का रिटर्न : 52.29% (एन्युलाइज्ड)
HDFC फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड की खास बातें
स्कीम की शुरुआत : 4 अक्टूबर 2023
NAV (डायरेक्ट प्लान): 17.37 रुपये (3 जनवरी 2025 को)
1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट प्लान): 53.62% (HDFC MF की वेबसाइट के मुताबिक)
कैटेगरी एवरेज: 25.29%
बेंचमार्क रिटर्न: 39.58% (BSE Healthcare Index)
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 1,609.33 करोड़ रुपये
एक्सपेंस रेशियो: 0.92%
रिस्क लेवल: बहुत अधिक (Very High Risk)
फंड का पोर्टफोलियो : किन कंपनियों में है निवेश
HDFC फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड के पोर्टफोलियो में मुख्य तौर पर फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं. 30 नवंबर 2024 तक अपडेटेड डिटेल के मुताबिक फंड की टॉप 10 होल्डिंग्स और पोर्टफोलियो में उनकी हिस्सेदारी इस प्रकार है:
सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज (Sun Pharma): 13.48%
डिविस लैबोरेट्रीज (Divis Lab): 7.85%
सिप्ला लिमिटेड (Cipla): 7.75%
लुपिन लिमिटेड (Lupin): 5.8%
ग्लैंड फार्मा लिमिटेड (Gland Pharma): 3.99%
इप्का लैबोरेट्रीज (Ipca Lab): 3.75%
एस्टर डीएम हेल्थकेयर (Aster DM Healthcare): 3.57%
विजया डायग्नोस्टिक सेंटर (VIJAYA DIAGNOSTIC CENTRE): 3.54%
एरिस लाइफसाइंसेज (Eris Lifesciences): 3.38%
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharma): 3.37%
फंड मैनेजमेंट और स्ट्रैटजी
HDFC फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड के मैनेजर निखिल माथुर और ध्रुव मुछल हैं. इस स्कीम का मकसद मुख्य तौर पर फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से जुड़े दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके लॉन्ग टर्म में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. यह एक सेक्टोरल फंड है, इसलिए इस पर फार्मा सेक्टर के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ सकता है. यही वजह है कि इसमें डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स के मुकाबले अधिक रिस्क होता है.
किनके लिए सही है यह फंड?
यह फंड उन निवेशकों के लिए सही विकल्प हो सकता है, जो लंबी अवधि के लिए कैपिटल ग्रोथ की तलाश में हैं और फार्मा एंड हेल्थकेयर सेक्टर में दिलचस्पी रखते हैं. इस स्कीम में इनवेस्ट करने वालों को कम से कम 3 साल या उससे अधिक समय के लिए निवेश की तैयारी रखनी चाहिए. इक्विटी फंड में एसआईपी के जरिये निवेश करना बेहतर रहता है. HDFC फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड ने अपने शानदार प्रदर्शन से निवेशकों का ध्यान खींचा है. लेकिन इसमें निवेश करने से पहले अपनी रिस्क बर्दाश्त करने की क्षमता और निवेश की अवधि का आकलन करना जरूरी है.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. म्यूचुअल फंड का पिछला रिटर्न भविष्य में भी जारी रहने की गारंटी नहीं होती. निवेश से जुड़े फैसले इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लेकर ही करें.)