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Tax Relief in Budget : निवेशकों की ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स राहत की डिमांड उठने लगी है. (PTI)
Union Budget 2024-25 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले महीने संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं. ऐसी खबरें आ रही हैं कि जुलाई के तीसरे हफ्ते में आम बजट पेश किया जाएगा. फिलहाल आगामी बजट पर पूरे देश की निगाहें हैं. माना जा रहा है कि इस बजट में कुछ लोक लुभावन ऐलान किए जा सकते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार जहां सरकार का फोकस रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके बनाने पर रहेगा, वहीं टैक्स पेयर्स को भी बड़ी राहत दी जा सकती है. टैक्स स्लैब (Tax Slab Change) में बदलाव या ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स छूट (Tax Relief on Interest Income) जैसी घोषणाएं सरकार कर सकती है.
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एफडी इंटरेट पर बढ़ेगी राहत
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स में राहत की वकालत की है. उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को सेविंग्स जुटाने में मदद मिलेगी, जिसका इस्तेमाल लंबी अवधि वाली इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं के फाइनेंसिंग के लिए किया जा सकेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले महीने संसद में 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं. फिलहाल, बैंकों को उस स्थिति में टैक्स काटना पड़ता है, जब सभी बैंक शाखाओं में जमा राशि से ब्याज से होने वाली इनकम एक फाइनेंशियल ईयर में 40,000 रुपये से अधिक हो.
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डिपॉजिटर्स को बड़ा प्रोत्साहन
सेविंग्स अकाउंट के मामले में, 10 हजार रुपये तक हासिल होने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है. खारा के अनुसार अगर बजट में ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स छूट दी जा सके तो यह डिपॉजिटर्स के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा. आखिरकार, बैंकिंग सेक्टर देश में पूंजी निर्माण के लिए जुटाई गई जमा का उपयोग करता है. मौजूदा इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को देखते हुए एसबीआई चेयरमैन को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14-15 फीसदी क्रेडिट ग्रोथ (लोन ग्रोथ) की उम्मीद है.
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रोजगार बढ़ाने पर जोर
अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि 2024-25 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा देने के अलावा रोजगार बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है और सरकार को रोजगार के मौके बनाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए कंजम्पशन डिमांड कोई समस्या नहीं बनने जा रही है.
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PLI का बढ़ सकता है दायरा
औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान (आईएसआईडी) के निदेशक और मुख्य कार्यकारी नागेश कुमार ने कहा कि हमने इंफ्रा सेक्टर को आगे बढ़ाने की जरूरत पर काफी चर्चा की. बजट में एमएसएमई और कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाना चाहिए. नागेश ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना का दायरा बढ़ाने की वकालत की.