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भोपाल में दिवाली पर कार्बाइड गन से घायल बच्चों का मामला सामने आया है. Photograph: (PTI)
Diwali 2025: भोपाल में दिवाली के दौरान "खतरनाक" कैल्शियम कार्बाइड गन का उपयोग करने से 60 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर 8 से 14 साल के बच्चे थे. घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अधिकारियों के अनुसार, किसी का जीवन खतरे में नहीं है, लेकिन कुछ की लोगों आँखों की रौशनी चली गयी है और कुछ के चेहरे जल गए हैं. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह के खतरनाक प्रयोगों से बचने की चेतावनी दी है.
भोपाल: स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) मनीष शर्मा ने PTI वीडियो को बताया, “कार्बाइड पाइप गन बहुत खतरनाक हैं. इन गनों के इस्तेमाल से घायल हुए 60 लोग अभी भी राज्य की राजधानी के अस्पतालों में उपचाराधीन हैं. हालाँकि सभी सुरक्षित हैं.”
उन्होंने कहा कि पांच लोग सेवा सदन अस्पताल में उपचाराधीन हैं, जबकि अन्य को हमीदिया अस्पताल, जेपी अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि इस दिवाली में “खतरनाक” गन का चलन रहा, जिसे गैस लाइटर, प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड से बनाया गया था. अधिकारी के अनुसार, गन में मौजूद कैल्शियम कार्बाइड पानी से मिलते ही एसीटिलीन गैस उत्पन्न करता है और चिंगारी लगते ही यह विस्फोट कर देता है.
विशेषज्ञों ने बताया कि पाइप से निकले छोटे प्लास्टिक के टुकड़े, जैसे कि शार्पनेल, शरीर में प्रवेश कर गंभीर चोटें पहुंचाते हैं और खासकर आंखों, चेहरे और त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि दिवाली के अगले दिन भोपाल शहर में कार्बाइड गनों के कारण 150 से अधिक चोटिल होने के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से कई को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.
उन्होंने बताया कि AIIMS में भर्ती 12 साल के बच्चे की दृष्टि को वापस लाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम काम कर रही है. वहीं, हमीदिया अस्पताल में लगभग 10 बच्चे भर्ती हैं, जिनमें से दो बच्चों का उपचार जारी है.
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परिवारों ने कार्बाइड गन पर प्रतिबंध की मांग की, प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
एरिस के पिता, सारिख खान ने कहा कि ऐसी गनें पहले बाजार में बेची ही नहीं जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, “जो लोग इन गनों का निर्माण और बिक्री करते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. बच्चों के चिकित्सा खर्चों को कवर करने के लिए मुआवजा भी दिया जाना चाहिए."
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CMHO मनीष शर्मा ने कहा कि प्रशासन उन लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है जो कार्बाइड गन का निर्माण और बिक्री करते हैं.
18 अक्टूबर को अधिकारियों के साथ एक बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्यभर के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को कार्बाइड पाइप गनों की बिक्री रोकने का निर्देश दिया था. हालांकि, इसके बावजूद ये उपकरण बाजार में खुलेआम बेचे जा रहे थे.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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