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“शानदार विचार, लेकिन…” चिदंबरम ने बेंगलुरु सुधार के लिए किरण मजूमदार-शॉ के प्रस्ताव पर दिया जवाब

बायोकॉन की मजूमदार-शॉ ने बेंगलुरु की 10-15 सड़कों के विकास के लिए फंड देने की पेशकश की. चिदंबरम ने इसे सराहा, लेकिन कहा कि मुख्य चुनौती कार्य का सही एक्सेक्यूशन है. शिवकुमार ने भी सहयोग का आश्वासन दिया.

बायोकॉन की मजूमदार-शॉ ने बेंगलुरु की 10-15 सड़कों के विकास के लिए फंड देने की पेशकश की. चिदंबरम ने इसे सराहा, लेकिन कहा कि मुख्य चुनौती कार्य का सही एक्सेक्यूशन है. शिवकुमार ने भी सहयोग का आश्वासन दिया.

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Arfa
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P Chidambaram and Kiran Mazumdar-Shaw

राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ के बेंगलुरु सुधार प्रयासों की सराहना की.

कई दिनों तक शहर की टूटी-फूटी और कचरे से भरी सड़कों की आलोचना करने के बाद, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ ने 10-15 सड़कों को सुधारने के लिए पैसे देने की पेशकश की है. इस कदम की राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने सराहना की. उन्होंने कहा कि यह काम आसान नहीं है, लेकिन यह एक अच्छा उदाहरण है और बेहतर तरीके से इसे किया जा सकता है.

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चिदंबरम की राय: काम सही तरीके से,समय पर पूरा करना और जिम्मेदारी लेना बेहद महत्वपूर्ण

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पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “मैंने दिलचस्पी के साथ देखा कि श्रीमती किरण मजुमदार-शॉ ने बेंगलुरु की कुछ सड़कों के विकास के लिए फंड देने की पेशकश की है. शानदार पेशकश! बधाई!"

उन्होंने जोर देकर कहा कि सार्वजनिक कार्यों में मुख्य समस्या पैसे की कमी नहीं बल्कि क्रियान्वयन (execution) है. “हमारे सार्वजनिक कार्यों की समस्या सार्वजनिक पैसे की कमी नहीं है; समस्या तो इन कार्यों के सही तरीके से लागू करने में है.”

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक गवर्नेंस मॉडल का प्रस्ताव रखा.

“सरकार शॉ के विचार में बदलाव कर सकती है: ठेकेदार चुनने के लिए सार्वजनिक पैसा, टेंडर आदि प्रक्रिया अपनाई जा सकती है. चयन के बाद, ठेकेदार को शॉ जैसी इच्छुक कंपनी या उद्योगपति की निगरानी में रखा जाएगा.”

चिदंबरम ने कहा कि ठेकेदार सार्वजनिक कार्य को पूरा करेगा, और निगरानी करने वाली कंपनी या उद्योगपति, इस मामले में मजूमदार-शॉ, कार्य की गुणवत्ता और उसके समय पर पूरा होने की जिम्मेदारी लेंगे.

उन्होंने सुझाव दिया, “ठेकेदार सार्वजनिक कार्य (जैसे सड़क) पूरा करेगा. हालांकि, निगरानी करने वाली कंपनी या उद्योगपति कार्य की गुणवत्ता और समय पर पूरा होने के लिए जिम्मेदार होंगे.” उन्होंने आगे कहा, “कोई भी जुर्माना या लागत अधिक होने की जिम्मेदारी निगरानी करने वाली कंपनी या उद्योगपति की होगी.”

चिदंबरम ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट को इस सुझाव के साथ समाप्त किया कि इस मॉडल को लागू करने के लिए बेंगलुरु या चेन्नई में से कोई एक पायलट सिटी चुनी जा सकती है.

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उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की प्रतिक्रिया

18 अक्टूबर को, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस प्रस्ताव के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया जताई. उन्होंने कहा कि हालांकि 72 वर्षीय मजूमदार-शॉ ने यह विचार सरकार के सामने नहीं रखा है, लेकिन अधिकारी उनके चुने हुए सड़कों के विकास में सहयोग करेंगे.

एएनआई ने शिवकुमार के हवाले से कहा, “अगर वह सड़कों को सुधारना चाहती हैं, तो उन्हें करने दें. अगर वह आएँ और मांगें, तो हम उन्हें सड़के दे देंगे." उन्होंने यह बात शहर के केआर पुरम इलाके में ‘बेंगलुरु नडिगे (Walk for Bengaluru)’ कार्यक्रम के दौरान कही.

यह प्रस्ताव मजूमदार-शॉ के पहले बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिर्फ सही इरादे और 1 बिलियन डॉलर के निवेश से बेंगलुरु की सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर को बदला जा सकता है.

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

To read this article in English, click here.

Bengaluru P Chidambaram