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गोवा में JN.1 वेरिएंट के 19 मामले और केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामले सामने आए हैं.
कोरोना के मामले (Corona Cases) हाल ही में भारत समेत दुनियाभर में बढ़ रहे (Corona spread) हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में गुरुवार को कोरोना वायरस (corona case reported in Noida) का पहला मामला सामने आया जब नेपाल से लौटे 54 वर्षीय एक व्यक्ति के कोविड-19 से संक्रमित (Coronavirus) होने की पुष्टि हुई. संक्रमित व्यक्ति का नमूना जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) के लिए भेजा गया है.
इस बीच गुरुवार को, देश में कोरोना के JN.1 वेरिएंट के 21 मामलों की पुष्टि हुई है. साथ ही भारत में कोविड-19 के 594 नए मामले सामने आए जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 2,669 हो गई, जो एक दिन पहले 2,311 थी. गोवा में JN.1 वेरिएंट के 19 मामले और केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामले सामने आए हैं. आइए विस्तार से जानते हैं कोरोना के JN.1 वेरिएंट के बारे में...
कितना खतरनाक है कोरोना का JN.1 सब-वेरिएंट
जेएन.1 कोरोना सबवेरिएंट न सिर्फ भारत में, बल्कि सभी दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने हाल ही में कहा कि... JN.1 के मामले कई देशों में सामने आ रहे है. दुनियाभर में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ-WHO) ने JN.1 को इसके पैरेंट लीनिएज BA.2.86 से अलग "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई)" के रूप में वर्गीकृत किया है.
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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि JN.1 वेरिएंट के स्वास्थ्य प्रभाव का पता लगाने के लिए और अधिक अध्ययन की जरूरत है. हालांकि, ग्लोबल हेल्थ बॉडी ने कहा कि अब तक मिले सबूतों के आधार पर JN.1 द्वारा उत्पन्न समग्र रिस्क कम बना हुआ है.
जेएन.1 सब-वेरिएंट के चलते हुए संक्रमण को अब तक माइल्ड बताया गया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने गुरुवार को कहा कि अब तक, ऐसा कोई डेटा नहीं है जो यह बताता हो कि कोरोना का नया सब वेरिएंट JN.1 अधिक गंभीर है.
ऐसे में घबराने करने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे पता चले कि यह वेरिएंट JN.1 अधिक गंभीर है या यह अधिक निमोनिया, या फिर नया वेरिएंट अधिक मौत का कारण बनने जा रहा है.