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दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, AAP के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया संजीवनी योजना के लॉन्च के दौरान. (Express Photo)
Controversy in Delhi over Mukhyamantri Mahila Samman Yojna and Sanjeevani Yojna: दिल्ली में हाल ही में महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने और बुजुर्गों का मुफ्त इलाज करने के लिए दो योजनाएं शुरू करने के मुख्यमंत्री आतिशी के एलान पर बेहद चौंकाने वाला विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा घोषित इन योजनाओं को दिल्ली के सरकारी अधिकारियों ने बाकायदा सार्वजनिक नोटिस जारी करके फर्जी और गैर-अधिकारिक करार दिया है. दिल्ली की ब्यूरोक्रेसी दिल्ली की चुनी हुई सरकार की बजाय केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उप-राज्यपाल के मातहत काम करती है. लिहाजा इस मसले पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में जबरदस्त घमासान शुरू हो गया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा विवाद?
महिलाओं को 2100 रुपये देने की स्कीम पर घमासान
अरविंद केजरीवाल और आतिशी ने हाल ही में "मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना" के तहत गैर-करदाता महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने की घोषणा की. इस योजना के तहत लोगों का रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया. लेकिन दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी करके कहा है कि ऐसी कोई योजना अभी तक अधिसूचित नहीं की गई है.
विभाग के नोटिस में कहा गया है, "कोई राजनीतिक दल 2100 रुपये प्रति माह देने का दावा कर रहा है, लेकिन यह योजना अभी अधिसूचित नहीं हुई है. अगर कभी यह योजना अधिसूचित होती है, तो इसके लिए एक आधिकारिक डिजिटल पोर्टल शुरू किया जाएगा." अधिकारियों ने इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन किए जाने को भ्रामक और धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधि करार दिया और जनता से ऐसी किसी भी जानकारी पर भरोसा न करने की अपील की.
संजीवनी योजना पर भी छिड़ा विवाद
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने संजीवनी योजना के तहत 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिलाने का वादा भी किया है. लेकिन बुजुर्गों का मुफ्त इलाज कराने का वादा करने वाली इस योजना को भी दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने फर्जी बता दिया है. विभाग के अफसरों की तरफ से इस बारे में जारी नोटिस में कहा गया है कि इस योजना के नाम पर लोग अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों में जानकारी लेने पहुंच रहे हैं, लेकिन यह योजना अभी लागू नहीं हुई है.
ब्यूरोक्रेसी और सरकार के बीच टकराव
किसी राज्य में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित योजनाओं को उसी राज्य की ब्यूरोक्रेसी की तरफ से फर्जी बताए जाने का शायद यह देश में पहला ही वाकया है. दिल्ली सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच इस टकराव के बीच इस बात को ध्यान में रखना भी जरूरी है कि गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (GNCTD) अधिनियम में 2021 में हुए बदलाव के बाद से दिल्ली सरकार की ब्यूरोक्रेसी उपराज्यपाल के अधीन आ चुकी हैं. इससे चुनी हुई सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच खींचतान अब सड़कों तक आ गई है.
चुनावी माहौल में सियासी जंग
इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ब्यूरोक्रेसी की तरफ से जारी नोटिस के आधार पर दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा घोषित योजनाओं को लोगों को धोखा देने की कोशिश बता रही है. जबकि अरविंद केजरीवाल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बीजेपी पर पलटवार करते हुए लिखा कि, "महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना से ये लोग घबरा गए हैं. उन्होंने आतिशी जी को गिरफ्तार करने और सीनियर आप नेताओं के यहां छापेमारी करने की योजना बनाई है."
क्या है योजनाओं की मौजूदा स्थिति?
दरअसल महिला सम्मान योजना के तहत फिलहाल हर महीने 1,000 रुपये देने के प्रस्ताव को तो दिल्ली के बजट में मंजूरी मिल चुकी है. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. लेकिन 1000 रुपये की जगह 2100 रुपये देने के वादे और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों के मुफ्त इलाज की योजना को अब तक कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है. बहरहाल, दिल्ली में योजनाओं को लेकर चुनी हुई सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच चल रहा यह घमासान साफ दिखाता है कि प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर तालमेल की कमी है. जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भी उठाना पड़ सकता है.