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ज़हरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिल्लीवासी, पटाखों के धुएं ने बढ़ाया AQI

दिवाली के अगले दिन दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित रही. द्वारका का AQI 417 तक पहुंचा, वजीरपुर और आनंद विहार समेत कई इलाके ‘गंभीर’ प्रदूषण की गिरफ्त में. पटाखों और धुएं के कारण राजधानी में सांस लेना मुश्किल हो गया.

दिवाली के अगले दिन दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित रही. द्वारका का AQI 417 तक पहुंचा, वजीरपुर और आनंद विहार समेत कई इलाके ‘गंभीर’ प्रदूषण की गिरफ्त में. पटाखों और धुएं के कारण राजधानी में सांस लेना मुश्किल हो गया.

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Aditi Shivi
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Diwali Pollution

दिवाली के बाद दिल्ली की हवा हुई जहरीली, सांस लेना हुआ मुश्किल

Diwali 2025: दिल्ली में दिवाली के अगले दिन सुबह राजधानी कड़ाके की धुंध में घिरी नजर आई. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई और सुबह 5:30 बजे औसत AQI 346 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. इससे लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं.

दिवाली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता  का बुरा हाल 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा त्योहार के दौरान हरित पटाखों (green crackers) के उपयोग की अनुमति दिए जाने के बावजूद, राजधानी में वायु गुणवत्ता गिरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई. शहर के अधिकांश हिस्से रेड जोन में रहे, जिससे निवासियों के लिए जोखिमपूर्ण परिस्थितियां बन गईं. सोमवार रात 10 बजे 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 36 ने प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया, जिससे दिल्ली में वायु गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर तक रहने की चेतावनी जारी की गई.

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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र और उनका AQI इस प्रकार हैं:

  • द्वारका: 417 (गंभीर)

  • अशोक विहार: 404 (गंभीर)

  • वजीरपुर: 423 (गंभीर)

  • आनंद विहार: 404 (गंभीर)

इन सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब और स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम वाली रही.

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के SAMEER ऐप के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के स्तर बेहद गंभीर रहे. वहीं, वजीरपुर का AQI सबसे अधिक 408 दर्ज किया गया, शादीपुर में 393, पंजाबी बाग में 375, आरके पुरम में 369 और विवेक विहार में 367 रहा. अन्य क्षेत्रों में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब रही, जिसमें रोहिणी में 367, सोनिया विहार में 359, नॉर्थ कैम्पस (DU) में 352, पूसा में 346, ओखला फेज़-2 में 345, पटपडगंज में 339 और सिरीफोर्ट में 310 दर्ज किया गया. इन सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे की स्थिति में रही.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आज सुबह दिल्ली में इंडिया गेट के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 342 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है.

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दिवाली के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर, कई इलाके ‘गहरे’ प्रदूषण की  गिरफ्त में

दिवाली के त्योहार के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है. नरेला का AQI 354, नजफगढ़ 334, मुंडका 357, मंदिर मार्ग 325, मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम 358 और लोधी रोड 334 दर्ज किया गया. जेएलएन स्टेडियम में वायु गुणवत्ता 317 रही, जबकि जाहंगीरपुरी में प्रदूषण का स्तर बढ़कर 404 तक पहुंच गया.

केंद्रीय क्षेत्रों में ITO और दिलशाद गार्डन में क्रमशः 345 और 346, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में द्वारका सेक्टर-8 333 और मथुरा रोड 341 दर्ज किया गया. बावना राजधानी का सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा, जहां AQI 418 रहा, जबकि आनंद विहार में 352 दर्ज किया गया. अन्य क्षेत्रों में भी वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में रही. ग्राफ से यह साफ दिखा कि त्योहार के बाद प्रदूषण में तेज वृद्धि हुई है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार AQI को छह श्रेणियों में बांटा जाता है. 0-50 अच्छा, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401-500 गंभीर प्रदूषण को दर्शाता है. वर्तमान में दिल्ली गंभीर (Severe) श्रेणी में है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.

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एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)

नोएडा: ओवरआल  AQI – 324

  • सेक्टर 125: 326

  • सेक्टर 62: 307

  • सेक्टर 1: 322

  • सेक्टर 116: 340

गुरुग्राम: ओवरआल AQI – 338

  • ग्वाल पहाड़ी: 347

  • सेक्टर 51: 346

  • विकास सदन: 320

गाज़ियाबाद: ओवरआल  AQI – 326

  • इंदिरापुरम: 329

  • लोनी: 329

  • वसुंधरा: 351

एनसीआर के इन सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित रही.

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स्टेज II GRAP लागू

रविवार को, एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज II लागू कर दिया. इसका मतलब है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे. GRAP उप-समिति इसकी समीक्षा शनिवार को करेगी और इसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) की प्रदूषण की भविष्यवाणी भी देखी जाएगी.

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

To read this article in English, click here.

 

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