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नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, एनसीपी-एसपी की सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत. (Photo : ANI)
Rahul Gandhi voices concerns over Maharashtra Voting Data : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं की संख्या और मतदान के आंकड़ों को लेकर चुनाव आयोग (ECI) से गंभीर सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा है कि "जब सरकारी आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में वयस्क नागरिकों की कुल आबादी 9.54 करोड़ ही है, तो भला विधानसभा चुनावों में 9.7 करोड़ लोगों ने मतदान कैसे किया. यह कैसे संभव है?" राहुल ने शुक्रवार को यह मसला बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उठाया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी-शरद पवार की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने भी हिस्सा लिया और राहुल की बातों का समर्थन करते हुए उन्हें और आगे बढ़ाया.
5 महीने में 39 लाख नए मतदाता जोड़ने पर सवाल
राहुल गांधी ने यह दावा भी किया है कि चुनाव आयोग के अपने ही आंकड़ों के मुताबिक 2019 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच राज्य में 32 लाख नए मतदाता जोड़े गए, जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों और उसी साल हुए विधानसभा चुनावों के बीच, सिर्फ 5 महीने में ही 39 लाख नए मतदाता जोड़ दिए गए. राहुल ने कहा, "मैंने संसद में इस मुद्दे को उठाया, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है." राहुल गांधी ने हाल ही में संसद में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच 5 महीनों के दौरान लाखों की संख्या में नए मतदाता जोड़े गए. उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि 7 हजार नए मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन शिरडी की एक ही बिल्डिंग के एड्रेस पर किया गया है.
लिखित जवाब देंगे : चुनाव आयोग
राहुल गांधी के इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद चुनाव आयोग ने इन बयानों के जवाब में कहा कि वह राहुल गांधी द्वारा मांगी गई सारी जानकारी लिखित रूप में मुहैया कराएगा. चुनाव आयोग ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को प्राइमरी स्टेकहोल्डर (priority stakeholder) मानता है और उनके विचारों, सुझावों, सवालों को महत्व देता है. आयोग सभी तथ्यों और देश भर में समान रूप से अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी के साथ लिखित जवाब देगा."
मैनीप्युलेटेड डेमोक्रेसी' नहीं बनने देंगे : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “महाराष्ट्र 2024 लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव की वोटर लिस्ट में भारी अंतर उजागर हुआ है. इसको देखते हुए चुनाव आयोग को एक्सेल फॉर्मेट (Excel Format) में एक सम्मिलित फ़ोटो वोटर लिस्ट, जिसका इस्तेमाल मतदान के लिए हुआ है, वो हमें उपलब्ध करानी चाहिए. चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता में विश्वास एवं लोकतंत्र में आस्था के लिए ये बेहद ज़रूरी है. हम 'मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी' को 'मैनीप्युलेटेड डेमोक्रेसी' नहीं बनने देंगे.”
नवंबर 2024 में भी उठा था मुद्दा
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावी नतीजों के एलान के 6 दिन बाद, नवंबर 2024 में ही यह मसला उठाया था. उस वक्त कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात करके और चिट्ठी लिखकर महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों के बाद से मतदाताओं की संख्या में 13% का "चौंकाने वाला" इजाफा होने चिंता जाहिर की थी. इसके साथ ही कांग्रेस ने आयोग से 39 लाख नए मतदाताओं का "रॉ डेटा" भी मांगा था.
चुनाव आयोग ने तब क्या कहा था
चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर को दिए जवाब में दावा किया था कि लोकसभा चुनावों से विधानसभा चुनावों के बीच 48,81,620 नए मतदाता जोड़े गए और 8,00,391 मतदाताओं को हटाया गया. इस तरह कुल 40,81,229 नए मतदाता जुड़े. आयोग ने यह भी बताया कि जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन के बाद अब नए मतदाताओं की एलिजिबिलिटी के लिए 4 तारीखें तय हुई हैं : 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर. इसलिए इन सभी तारीखों तक 18 साल की उम्र पूरी करने वाले मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ जाते हैं. आयोग ने उस वक्त कहा था कि मतदाताओं के नाम इसी प्रक्रिया के तहत जोड़े गए हैं और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में जोड़े गए मतदाताओं की संख्या में कोई असामान्य रुझान नहीं है."