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अवैध प्रवेश के आरोप में अमेरिका ने दर्जनों भारतीयों को निर्वासित किया, जिनमें से 50 हरियाणा से हैं.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने 54 भारतीयों को अवैध तरीके से देश में प्रवेश करने के आरोप में निर्वासित कर दिया है. यह सभी लोग “डंकी रूट” (Donkey Route) के जरिए अमेरिका पहुंचे थे. एएनआई के मुताबिक, यह समूह रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, निर्वासित किए गए 54 लोगों में से करीब 50 हरियाणा के रहने वाले हैं. इनमें 16 करनाल, 15 कैथल, 5 अंबाला, 4-4 यमुनानगर और कुरुक्षेत्र, 3 जींद, 2 सोनीपत, तथा 1-1 पंचकूला, पानीपत, रोहतक और फतेहाबाद के निवासी हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इन सभी को अवैध प्रवास के मामलों में अमेरिकी एजेंसियों ने हिरासत में लिया था और जांच के बाद भारत भेज दिया गया. अधिकारी अब इन व्यक्तियों से पूछताछ कर रहे हैं कि उन्होंने किस माध्यम और एजेंटों के जरिए अमेरिका पहुंचने की कोशिश की थी.
अवैध रास्ते से अमेरिका पहुंचे युवकों को परिवारों के हवाले किया गया, ट्रैवल एजेंटों पर अभी तक कोई शिकायत नहीं
अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे और बाद में निर्वासित किए गए सभी युवक 25 से 40 वर्ष की आयु के हैं. पुलिस ने बताया कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन्हें उनके परिवारों के हवाले कर दिया गया है.
अधिकारियों के अनुसार, अब तक किसी भी ट्रैवल एजेंट के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, जिन्होंने इन युवकों को अवैध तरीके से अमेरिका भेजने की व्यवस्था की थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन युवकों को “डंकी रूट” (Donkey Route) के माध्यम से विदेश भेजने में कौन से एजेंट शामिल थे.
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ट्रंप प्रशासन की सख्त इमिग्रेशन नीति के बीच अमेरिका से 54 भारतीयों का सामूहिक निर्वासन (mass deportation)
अमेरिका से 54 भारतीयों का यह सामूहिक निर्वासन ट्रंप प्रशासन की सख्त इमिग्रेशन कार्रवाई के बीच हुआ है. पिछले कई महीनों से अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी कर रहा है.
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 तक अमेरिका से लगभग 1,700 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया जा चुका है, जिनमें अधिकांश पंजाब और हरियाणा से हैं. अधिकारियों का कहना है कि इन कार्रवाइयों का मकसद अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने वालों पर सख्ती करना और मानव तस्करी में शामिल नेटवर्क को तोड़ना है.
अवैध प्रवास पर अमेरिकी सख्ती: मानव तस्करी नेटवर्क पर कार्रवाई, “डंकी रूट” के जरिए पहुंचने वालों पर निगरानी तेज
वॉशिंगटन स्थित अधिकारियों ने बताया कि हाल में की गई ये निर्वासन कार्रवाइयाँ अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी नेटवर्क जिसे आमतौर पर “डंकी रूट” कहा जाता है, को तोड़ने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं. यह अवैध मार्ग कई देशों से होकर गुजरता है और अत्यंत जोखिम भरा होता है, जिसके ज़रिए प्रवासी अमेरिकी दक्षिणी सीमा तक पहुँचने की कोशिश करते हैं.
निर्वासन से कुछ दिन पहले ही कैलिफोर्निया में एक भारतीय युवक को घातक सड़क दुर्घटना के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी. आरोपी की पहचान 21 वर्षीय जशनप्रीत सिंह के रूप में हुई है, जो वर्ष 2022 में अमेरिका की दक्षिणी सीमा पार कर अवैध रूप से देश में प्रवेश कर चुका था. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि “डंकी रूट” न केवल अवैध है, बल्कि बेहद खतरनाक भी, जिसमें कई बार जान का जोखिम तक उठाना पड़ता है.
पुलिस ने ‘डंकी रूट’ अपनाने पर दी सख्त चेतावनी
करनाल के डीएसपी संदीप कुमार ने इस मामले की पुष्टि की. एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “आज अमेरिका से कई भारतीयों को निर्वासित किया गया है, जिनमें लगभग 50 हरियाणा के रहने वाले हैं. इनमें से करीब 16 करनाल जिले से हैं. इन लोगों ने ‘डंकी रूट’ के ज़रिए अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया था और आज उन्हें वहां से निर्वासित किया गया है.”
डीएसपी संदीप कुमार ने युवाओं को चेतावनी दी कि इस तरह के खतरनाक और गैरकानूनी रास्तों से विदेश जाने की कोशिश न करें. उन्होंने कहा कि ऐसे “डंकी रूट” न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि इनमें जान का गंभीर जोखिम भी होता है. पुलिस अब इन मामलों की जांच कर रही है ताकि ऐसे नेटवर्क में शामिल एजेंटों और दलालों की पहचान की जा सके.
डीएसपी ने कहा,लौटे हुए सभी लोग परिवारों से मिल चुके हैं
डीएसपी संदीप कुमार ने बताया कि अमेरिका से निर्वासित किए गए सभी लोगों को सत्यापन के बाद उनके परिवारों के हवाले कर दिया गया है. उन्होंने कहा, “अभी तक किसी भी एजेंट के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है. हम लोगों को सख्त सलाह देते हैं कि वे अवैध तरीकों से विदेश जाने की कोशिश न करें, क्योंकि ऐसा करने से बाद में और बड़ी परेशानियाँ खड़ी हो जाती हैं.”
डीएसपी ने आगे कहा कि पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. उन्होंने जोड़ा, “अगर निर्वासित किए गए लोगों में से किसी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड हुआ, तो वह जांच के दौरान सामने आ जाएगा.”
उन्होंने दोहराया कि इस तरह के अवैध रास्ते जैसे ‘डंकी रूट’ न केवल खतरनाक हैं, बल्कि कानूनन अपराध भी हैं, और ऐसे नेटवर्क में शामिल एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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