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दक्षिण कोरिया में ट्रंप–शी जिनपिंग बैठक लाइव: बुसान के गिम्हे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बैठक से पहले ट्रंप और शी जिनपिंग ने हाथ मिलाया। Photograph: (AP)
Trump-Xi Jinping South Korea Meeting Live Updates: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में हुई उच्चस्तरीय बैठक लगभग दो घंटे तक चली. बैठक समाप्त होने के बाद ट्रंप ने एयर फ़ोर्स वन से घोषणा की कि वे चीन पर लगाए गए टैरिफ में 10% की कटौती कर रहे हैं, जो तुरंत प्रभाव से लागू होगी.
ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने चीन पर टैरिफ को 47% तक घटाने पर सहमति जताई है. इसके बदले बीजिंग ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू करने, दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ्स) के निर्यात को जारी रखने और फेंटानिल के अवैध व्यापार के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है.
यह बैठक 2019 के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने मुलाकात थी. यह वार्ता ट्रंप के एशिया दौरे के अंतिम पड़ाव का हिस्सा रही, जिसमें उन्होंने दक्षिण कोरिया, जापान और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ नए व्यापार समझौतों पर भी चर्चा की.
बैठक शुरू होने से पहले ट्रंप ने संकेत दिया था कि चीन के साथ किसी समझौते की संभावना हो सकती है. जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या वे आज ही किसी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “हो सकता है. हम सबकी बहुत अच्छी समझ है.”
वार्ता के दौरान शी जिनपिंग ने अनुवादक के माध्यम से डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि दोनों देशों के व्यापार वार्ताकारों ने बुसान में हुई बैठक के दौरान एक बुनियादी समझौते पर सहमति बना ली है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, शी ने यह भी कहा कि चीन का विकास “मेकिंग अमेरिका ग्रेट अगेन” (अमेरिका को फिर महान बनाना) के ट्रंप के लक्ष्य के अनुरूप है.
सीएनबीसी के अनुसार, शी जिनपिंग ने बैठक के दौरान लंबा संबोधन दिया और डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि उनको उन्हें दोबारा देखकर खुशी हुई. उन्होंने इस मुलाकात को एक “गरमजोशी भरा पुनर्मिलन” बताया.
शी ने उल्लेख किया कि इस वर्ष की शुरुआत से अब तक दोनों नेताओं के बीच तीन बार टेलीफोन पर बातचीत हुई, कई पत्रों का आदान-प्रदान हुआ और वे नियमित संपर्क में रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के नेतृत्व में चीन-अमेरिका संबंध बड़े पैमाने पर स्थिर बने हुए हैं.
शी ने आगे बताया कि पिछले सप्ताहांत मलेशिया में दोनों देशों की व्यापारिक टीमों द्वारा हुई प्रगति ने इस बैठक के लिए मजबूत आधार तैयार किया. उन्होंने शांति को बढ़ावा देने के लिए ट्रंप के प्रयासों की सराहना की, हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच हमेशा सहमति नहीं होती.
शी ने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है, क्योंकि दोनों के अपने-अपने राष्ट्रीय हालात और प्राथमिकताएँ हैं. इसके बावजूद, उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों पक्षों को सही दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए और चीन-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करना चाहिए.
शी जिनपिंग ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि चीन की तरक्की ट्रंप के “अमेरिका को फिर से मजबूत बनाने” के लक्ष्य में मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका को साझेदार और मित्र होना चाहिए, क्योंकि इतिहास और वर्तमान परिस्थितियाँ दोनों ही इसकी माँग करती हैं. शी ने गाज़ा संघर्षविराम (ceasefire) में भूमिका निभाने और थाईलैंड व कंबोडिया के बीच हुए शांति समझौते के साक्षी बनने के लिए ट्रंप की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि ये प्रयास ट्रंप की वैश्विक शांति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
क्या ट्रंप और शी जिनपिंग सुलझा पाएंगे व्यापार विवाद?
वैश्विक बाजारों की निगाहें आज दक्षिण कोरिया पर टिकी हुई हैं, जहाँ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 2019 के बाद पहली बार आमने-सामने मुलाकात कर रहे हैं.
दोनों नेताओं के बीच होने वाली यह वार्ता वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच चल रहे सबसे जटिल मुद्दों पर केंद्रित रहने की उम्मीद है. इनमें प्रमुख हैं- व्यापार शुल्क (टैरिफ) और चीन के नए रेयर अर्थ (दुर्लभ खनिज) निर्यात नियम, जिनसे अमेरिका और वैश्विक उद्योगों में हलचल मच गई है.
इसके साथ ही, अमेरिका चीन से आने वाले सामानों पर नए टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है, जिससे वैश्विक बाज़ारों में अनिश्चितता और चिंता बढ़ी हुई है.
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विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के लिए तनाव कम करने का मौका
यह बैठक अमेरिका और चीन, जो दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ हैं, के नेताओं को व्यापार से जुड़ा चल रहा तनाव कम करने का मौका देती है.
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में टैरिफ नीति को दोबारा लागू करने और चीन द्वारा रेयर अर्थ (दुर्लभ खनिज) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण बना दिया है. अब दोनों पक्षों को यह समझ आने लगा है कि व्यापारिक टकराव को ज्यादा आगे बढ़ाना न केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक होगा, बल्कि उनके अपने देशों की विकास दर को भी प्रभावित कर सकता है. व्यापार से हट के, दोनों नेता फेंटानिल नियंत्रण, टिकटॉक के भविष्य और सोयाबीन व्यापार व पोर्ट शुल्क से जुड़ी जारी विवादों पर भी चर्चा कर सकते हैं.
भूराजनीतिक (geopolitical) मुद्दों पर, ताइवान और यूक्रेन में रूस के युद्ध का विषय भी प्रमुख रहने की संभावना है, हालांकि किसी बड़े ब्रेकथ्रू (सफल समाधान) की उम्मीद फिलहाल कम है.
फिर भी, यह बैठक तनाव को कम करने या नए विवादों को जन्म देने की दिशा तय कर सकती है. बुसान में हुआ ट्रंप–शी हैंडशेक संभवतः अमेरिका-चीन संबंधों के अगले अध्याय की दिशा निर्धारित करेगा.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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