scorecardresearch

IT Rule Changes in 2023 : इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में इस साल हुए कई अहम बदलाव, इन 10 बड़ी बातों को याद रखना है जरूरी

10 Big Changes in IT Rules in 2023 : मौजूदा साल के दौरान देश के आयकर से जुड़े नियमों में कई अहम बदलाव हुए हैं, जिन्हें याद रखना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है.

10 Big Changes in IT Rules in 2023 : मौजूदा साल के दौरान देश के आयकर से जुड़े नियमों में कई अहम बदलाव हुए हैं, जिन्हें याद रखना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है.

author-image
Viplav Rahi
New Update
10 Big Changes in IT Rules in 2023, 10 big income tax rule changes

10 Big Changes in Income Tax Rules during 2023 : आयकर से जुड़े नियमों में इस साल कई अहम बदलाव हुए हैं, जिन्हें याद रखना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है. (Image: Pixabay)

10 Big Changes in Income Tax Rules during 2023 : देश में आयकर से जुड़े नियमों में मौजूदा साल के दौरान कई अहम बदलाव हुए हैं. इन बदलावों को याद रखना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है, वरना एक भी गलत कदम भारी आर्थिक नुकसान की वजह बन सकता है. खास तौर पर पिछले केंद्रीय बजट (Union Budget) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ऐसे एलान किए थे, जिनकी वजह से आयकर से जुड़े नियमों (Income-Tax Rules) में तब्दीली हुई है. हम यहां ऐसे ही 10 अहम बदलावों की चर्चा कर रहे हैं ताकि आप अपने निवेश और टैक्स की प्लानिंग में इनका ध्यान रख सकें. 

1. अपने आप सेलेक्ट होगी नई इनकम टैक्स रिजीम

वित्त वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में पेश की गई नई ऑप्शनल इनकम टैक्स व्यवस्था (New Income Tax Regime) को 1 अप्रैल 2023 से डिफ़ॉल्ट आईटी रिजीम बना दिया गया है.  यानी अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम (Old Income Tax Regime) में ही बने रहना चाहते हैं, तो उसे आपको सेलेक्ट करना पड़ेगा, वरना डिफॉल्ट के तौर पर नई टैक्स व्यवस्था अपने-आप ही आप पर लागू हो जाएगी. नई टैक्स रिजीम में आयकर के स्लैब अलग हैं और इनकम टैक्स की दरें पुरानी रिजीम से कुछ कम हैं. लेकिन इसमें आपको तरह-तरह के टैक्स एग्जम्पशन और डिडक्शन (exemptions and deductions) का लाभ नहीं मिलता. यही वजह है कि निवेश और होम लोन समेत टैक्स छूट के कई विकल्पों का इस्तेमाल करने वालों के लिए पुरानी टैक्स रिजीम ही अब भी बेहतर बनी हुई है. इसलिए अगर आप इन तमाम टैक्स छूटों का लाभ लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करना न भूलें.

2. टैक्स रिबेट की लिमिट बढ़ाकर 7 लाख रुपये की गई

Advertisment

सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से नई टैक्स रिजीम में सेक्शन 87A  के तहत मिलने वाली 25 हजार रुपये तक की टैक्स रिबेट की सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी है. इसका मतलब ये है कि जिस व्यक्ति की सालाना आय 7 लाख रुपये से कम है, उसे कोई नई टैक्स रिजीम अपनाने पर कोई इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी. इससे पहले सालाना 5 लाख रुपये तक की आय वालों को ही 12,500 रुपये की टैक्स रिबेट का लाभ मिलता था. 

Also read : PE, VC Fund Inflows: प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंड्स की भारतीय कंपनियों में घटी दिलचस्पी? 2023 में क्यों 40% कम हुआ निवेश

3. नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ

पुरानी टैक्स रिजीम के तहत नौकरीपेशा लोगों को मिलने वाले 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन वित्त मंत्री ने 1 अप्रैल 2023 से नई टैक्स रिजीम चुनने वाले सैलरीड लोगों को भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा देने का एलान किया है. इसकी वजह से नौकरीपेशा लोगों को सालाना 7.50 लाख रुपये तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

4. नई टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब में बदलाव

सरकार ने पुरानी टैक्स व्यवस्था के लिए तो टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन न्यू टैक्स रिजीम के लिए नए स्लैब और रेट घोषित किए हैं, जो 1 अप्रैल 2023 से लागू हैं. ये स्लैब और रेट इस प्रकार हैं :   


सालाना आय 0-3 लाख रुपये : कुछ नहीं

सालाना आय 3-6 लाख रुपये : 5%

सालाना आय 6-9 लाख रुपये : 10%

सालाना आय 9-12 लाख रुपये : 15%

सालाना आय 12-15 लाख रुपये : 20%

5. डेट म्यूचुअल फंड्स पर LTCG टैक्स बेनिफिट नहीं

1 अप्रैल 2023 के बाद स्पेसिफाइड डेट म्यूचुअल फंड्स में किए गए निवेश से हुई आय पर स्लैब रेट के हिसाब से आयकर देना होगा. इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स का बेनिफिट नहीं मिलेगा.  

6. मार्केट लिंक्ड डिबेंचर से जुड़े टैक्स नियमों में बदलाव


1 अप्रैल 2023 के बाद मार्केट लिंक्ड डिबेंचर (MLDs) में निवेश से हुई आय पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगेगा. पहले एक साल या उससे ज्यादा समय तक होल्ड किए गए MLD से हुए मुनाफे पर 10 फीसदी की दर से LTCG टैक्स लगता था.

7. जीवन बीमा पॉलिसी से जुड़े टैक्स के नियमों में बदलाव 

1 अप्रैल 2023 के बाद लागू नियमों के तहत 5 लाख रुपये से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी से हुई आमदनी पर इनकम टैक्स देना होगा. हालांकि यह नियम ULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) पर लागू नहीं होगा.

Also read : Top Mutual Funds of 2023: ये हैं बेस्ट रिटर्न देने वाले लार्ज, मिड और स्मॉल कैप फंड, चेक करें हर कैटेगरी की टॉप 5 स्कीम का मुनाफा

8. सीनियर सिटिजन्स के लिए नियमों में बदलाव

सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से सीनियर सिटिजन्स यानी 60 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों के लिए बनाई गई सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में अधिकतम निवेश की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी है. इसके अलावा बुजुर्गों के लिए मंथली इनकम स्कीम (MIS) में अधिकतम जमा राशि की लिमिट को भी सिंगल अकाउंट के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और ज्वाइंट अकाउंट के लिए 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. 

Also read : Mutual Fund: 2023 में सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड, टैक्स बेनिफिट के साथ दिया 18% तक रिटर्न

9. फिजिकल गोल्ड को EGR में बदलने पर LTCG लागू नहीं 

फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद (EGR) में बदलने पर या EGR को फिजिकल गोल्ड में तब्दील करने पर पूंजीगत लाभ कर (LTCG Tax) नहीं लगेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में किया गया यह एलान 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुका है. 

Also read : Small Cap Funds: स्मॉल कैप फंड्स ने 2023 में किया शानदार प्रदर्शन, 1 साल में दिया 56% तक रिटर्न, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

10. लीव एनकैशमेंट की लिमिट बढ़ी 

गैर-सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर लीव इनकैशमेंट के तौर पर मिलने वाली रकम पर एक सीमा तक टैक्स में छूट मिलती रही है. यह लिमिट 2002 से ही 3 लाख रुपये चली आ रही थी, जिसे इस साल बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है. 

Income Tax Income Tax Rules