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8th Pay Commission : कब से बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन? 8वां वेतन आयोग बन जाने के बाद अब आगे क्या होगा

8th Pay Commission के चेयरपर्सन और मेंबर्स की नियुक्ति और आयोग की शर्तें तय होने के बाद अब सवाल ये है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ी हुई सैलरी और पेंशन कब से मिलेगी?

8th Pay Commission के चेयरपर्सन और मेंबर्स की नियुक्ति और आयोग की शर्तें तय होने के बाद अब सवाल ये है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ी हुई सैलरी और पेंशन कब से मिलेगी?

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Viplav Rahi
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8th Pay Commission : कब से बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंंशन? (AI Generated Image)

8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग के चेयरपर्सन और मेंबर्स की नियुक्ति और कामकाज की शर्तों (Terms of Reference) को कैबिनेट की मंजूरी दे दिए जाने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में संशोधन की प्रक्रिया एक कदम और आगे बढ़ गई है. लेकिन 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के मन में यह सवाल अब भी होगा कि उन्हें बढ़ी हुई सैलरी या पेंशन कब से मिलेगी? इस सवाल का जवाब जानने के लिए यह समझना जरूरी है कि 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद अब आगे की प्रक्रिया क्या होगी. 

 8वां वेतन आयोग : जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठन

28 अक्टूबर 2025 को केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद 8वें वेतन आयोग के गठन का औपचारिक एलान कर दिया. कैबिनेट की बैठक में मंजूर प्रस्ताव के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को आयोग का चेयरपर्सन बनाया गया है. उनके साथ आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष को पार्ट-टाइम मेंबर और पंकज जैन (पेट्रोलियम सचिव) को मेंबर-सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है. अब यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करेगा. 

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सिफारिशें आने में कितना वक्त लगेगा 

सरकार ने 8वें वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें देने के लिए 18 महीने का समय दिया है. इस अवधि में आयोग सभी संबंधित विभागों और संगठनों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा. आयोग अंतरिम रिपोर्ट्स 18 महीने की अवधि के दौरान भी दे सकता है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट 2027 के मध्य तक देनी होगी. 

फिटमेंट फैक्टर से तय होगी बढ़ोतरी 

वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी का आधार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को माना जाता है, जिसकी सिफारिश आयोग ही करता है. जिसके बाद सरकार उस पर अंतिम मंजूरी देती है. फिटमेंट फैक्टर का प्रस्ताव आने में तो अभी वक्त लगेगा, लेकिन पिछले आयोग की सिफारिशों के आधार पर अनुमान लगाए जा रहे हैं.

7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के बाद 2.57 फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी मिली थी. इस बार यह 1.83 से 2.86 तक होने की संभावना जताई जा रही है. इन अनुमानों के आधार पर अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर यह 32,940 से 44,000 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा डीए (Dearness Allowance) को नए वेतनमान में मर्ज किए जाने की भी परंपरा रही है. साथ ही नया आयोग एचआरए (House Rent Allowance) जैसे भत्तों में बदलाव की सिफारिश भी कर सकता है. शुरुआती अनुमानों के मुताबिक इन तमाम सिफारिशों के चलते सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 30 से 34 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है.

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कब से लागू होंगे नए वेतन और पेंशन

हालांकि आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशें कब से लागू होंगी, इसकी कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन परंपरा के अनुसार आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने के आसार हैं. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं. इसलिए यह माना जा रहा है कि सरकार 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित नए वेतनमान को भी 1 जनवरी 2026 से लागू कर देगी. यानी सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स उम्मीद कर सकते हैं कि उन्हें बढ़े हुए वेतन और पेंशन का लाभ इस तारीख से जोड़कर एरियर के साथ मिलेगा.  

किन्हें होगा वेतन, पेंशन बढ़ोतरी का फायदा

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ करीब केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनर्स को मिलेगा. इन सरकारी कर्मचारियों में डिफेंस फोर्सेज भी शामिल हैं. आमतौर पर केंद्र सरकार द्वारा नया वेतनमान लागू किए जाने के बाद राज्य सरकारें भी उसी हिसाब से अपने कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करती रही हैं. 

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8वां वेतन आयोग किन बातों पर करेगा विचार

सरकार द्वारा जारी आयोग की शर्तों (Terms of Reference) के मुताबिक आयोग को अपनी सिफारिशें देते समय सरकारी कर्मचारियों पर पड़ने वाले महंगाई के असर के साथ ही साथ सरकार की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन पर इसके संभावित असर को भी ध्यान में रखना होगा. साथ ही, इस दौरान राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति, नॉन-कॉन्ट्रिब्यूटरी पेंशन योजनाओं से जुड़ी देनदारियों और पब्लिक सेक्टर कंपनियों के कर्मचारियों के वेतनमान से तुलना भी की जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि 8वें आयोग के ToR में ‘ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेज की समीक्षा’ का क्लॉज हटा दिया गया है, जो 7वें आयोग की शर्तों में शामिल था.

सरकार के लिए बड़ा आर्थिक कदम

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें को लागू करना केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा आर्थिक कदम होगा. इतने बड़े पैमाने पर सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी से बजट पर भारी दबाव पड़ता है. यही वजह है कि सरकार ने आयोग को वित्तीय अनुशासन (Fiscal Prudence) का ध्यान रखने को भी कहा है. 

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत लाएगी, बल्कि लोगों की जेब में पैसे आने से उनकी परचेजिंग पावर यानी क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिसका फायदा अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा. 

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