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एक्‍सपेंस रेश्‍यो से ब्रोकरेज चार्ज तक, म्‍यूचुअल फंड में इन 7 बदलावों से निवेशकों को कैसे होगा फायदा

From Expense Ratio to Brokerage Fees: How SEBI New MF Rules Affect You : इन बदलावों में एक्सपेंस रेश्यो से जुड़े नियम, ब्रोकरेज लिमिट, एडवाइजरी सर्विसेज, TER से जुड़ी पारदर्शिता और AMC पर सख्त नियम शामिल हैं.

From Expense Ratio to Brokerage Fees: How SEBI New MF Rules Affect You : इन बदलावों में एक्सपेंस रेश्यो से जुड़े नियम, ब्रोकरेज लिमिट, एडवाइजरी सर्विसेज, TER से जुड़ी पारदर्शिता और AMC पर सख्त नियम शामिल हैं.

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Sushil Tripathi
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SEBI Tightens Mutual Fund Rules : प्रस्ताव है कि एक्सपेंस रेश्यो से सभी टैक्स अलग होंगे. एक्सपेंस रेश्यो की लिमिट थोड़ी कम की जाएगी. (Image : Freepik)

SEBI mutual fund regulations : SEBI ने म्यूचुअल फंड रेगुलेशन्स 1996 की समीक्षा के लिए नया ड्राफ्ट जारी किया है. इसमें कुल 7 बड़े बदलाव के बारे में प्रपोजल दिया गया है. इन बदलावों में एक्सपेंस रेश्यो से जुड़े नियम, ब्रोकरेज लिमिट, एडवाइजरी सर्विसेज, TER से जुड़ी पारदर्शिता और AMC पर सख्त नियम (SEBI Rules for Mutual Funds) शामिल हैं. इनका मकसद निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाना और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है. इन पर 17 नवंबर 2025 तक सुझाव मांगे गए हैं. 

फिलहाल ये प्रपोजल आने के बाद से म्यूचुअल फंड कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त हलचल है. ज्यादातर एएमसी स्टॉक बड़ी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं. ऐसे में निवेशकों के मन में भी ये सवाल होंगे कि आखिर ये बदलाव होते हैं, उनके फायदे पर क्या असर होगा. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो जानिए ये नए SEBI नियम आपके रिटर्न, खर्चों और लंबे समय की निवेश रणनीति को कैसे प्रभावित करेंगे. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इस पर एक रिपोर्ट जारी की है.

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1. AUM पर अतिरिक्त 5 bps चार्ज हटाने का प्लान

SEBI ने म्यूचुअल फंड निवेशकों पर खर्च कम करने के मकसद से, स्कीम के AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) पर लगने वाला अतिरिक्त 5bps का चार्ज हटाने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन AMC कंपनियों पर इसका असर कम हो, इसलिए ओपन-एंडेड एक्टिव फंड्स की पहली दो TER स्लैब्स में 5bps की बढ़ोतरी की गई है.

मतलब : पहले एग्जिट लोड वाली स्कीम पर 5bps का एक्स्ट्रा खर्च लगता था, अब नहीं लगेगा. इस नुकसान की भरपाई के लिए फंड मैनेजमेंट फीस की शुरुआती लिमिट थोड़ी बढ़ाई गई है.

2. टोटल एक्सपेंस रेश्यो और स्टैच्यूटरी चार्जेस अलग

अब प्रस्ताव है कि एक्सपेंस रेश्यो से सभी टैक्स अलग होंगे. एक्सपेंस रेश्यो की लिमिट थोड़ी कम की जाएगी ताकि सिर्फ इन टैक्स को अलग किया जा सके. इसका फायदा निवेशक को यह है कि भविष्य में टैक्स बढ़े या घटे, सीधा निवेशक तक पास हो सके.

इन चार्जेस को TER से बाहर किया जाएगा:

STT (सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स)

GST

CTT

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3. टोटल एक्सपेंस रेश्यो का खुलासा

SEBI ने साफ कर दिया है कि टोटल एक्सपेंस रेश्यो में ये सब शामिल होंगे:

स्कीम का खर्च 

ब्रोकरेज

एक्सचेंज और रेगुलेटरी फीस

इसका मतलब है कि अब फंड कंपनियों को TER के हर खर्च का पूरा विवरण साफ-साफ बताना होगा, ताकि निवेशकों को पूरी पारदर्शिता मिले.

4. परफॉर्मेंस के आधार पर खर्च लेने का विकल्प

नई व्यवस्था में ऐसा प्रावधान जोड़ा गया है कि म्यूचुअल फंड हाउस अपनी स्‍कीम के परफॉर्मेंस के आधार पर अलग-अलग खर्च (एक्सपेंस रेश्यो) ले सकते हैं. अभी तक यह वैकल्पिक है (AMCs चाहें तो लागू करें).

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5. बाकी सभी खर्च AMC और ट्रस्टीज उठाएंगे

SEBI ने दोबारा साफ किया है कि जो खर्च ऊपर वाली कैटेगरी में नहीं आते, वे AMC, ट्रस्टी या स्पॉन्सर को उठाने होंगे.

खासकर, नई स्कीम लॉन्च करने से लेकर यूनिट्स अलॉट होने तक के सारे खर्च AMC और ट्रस्ट की जिम्मेदारी हैं. निवेशकों से यह पैसा नहीं लिया जाएगा.

6. AMC के बिजनेस गतिविधियों पर नियम

SEBI का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले छोटे निवेशकों को बड़े संस्थागत निवेशकों की तुलना में किसी तरह का नुकसान न हो. इसलिए AMC को कुछ शर्तों के साथ गैर-पूल्ड फंड्स के लिए भी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और सलाह देने की अनुमति दी जाएगी.

यानी AMC अलग-अलग बिजनेस कर सकती है, लेकिन टीम, डेटा और फैसले पूरी तरह अलग-थलग होने चाहिए, ताकि छोटे निवेशकों का नुकसान न हो.

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7. TER के ऊपर अतिरिक्त ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन चार्ज पर नियम

फंड कंपनियां ट्रेड करते समय रिसर्च और अन्य सेवाओं के नाम पर ज्यादा ब्रोकरेज नहीं ले सकेंगी. निवेशक को एक ही रिसर्च के लिए दो बार पैसे नहीं देने पड़ेंगे. SEBI का मानना है कि ब्रोकरेज में सिर्फ ट्रेड की लागत नहीं होती, बल्कि उसमें रिसर्च जैसी सेवाएं भी शामिल हो सकती हैं.

अभी के नियमों में AMCs ट्रेडिंग पर ये चार्ज लेती हैं : कैश मार्केट में ट्रेड वैल्यू का 0.12% तक, डेरिवेटिव में ट्रेड वैल्यू का 0.05% तक.

SEBI Rules for Mutual Funds Mutual Fund Sebi