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8th Pay Commission के गठन के मुद्दे पर सांसदों ने 4 अहम सवाल पूछे हैं जिनके जवाब वित्त मंत्री को देने हैं. (Image : Pixabay)
8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों को आज इस बारे में कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है. इस उम्मीद की वजह है लोकसभा (Lok Sabha) में दो सांसदों की तरफ से 8वें वेतन आयोग के गठन के बारे में पूछे गए अहम सवाल, जिनका जवाब आज वित्त मंत्रालय की तरफ से दिए जाने की उम्मीद है. सांसद टी आर बालू और आनंद भदौरिया ने जो वित्त मंत्री से जो सवाल पूछे गए हैं, उनके जवाबों से 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया को लेकर जारी असमंजस काफी हद तक दूर हो सकता है. संसद का मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) आज यानी सोमवार 21 जुलाई से शुरू हो गया है.
सांसदों ने सरकार से क्या पूछा है
लोकसभा में डीएमके सांसद टीआर बालू और समाजवादी पार्टी के सांसद आनंद भदौरिया ने 8वें वेतन आयोग पर सरकार से 4 अहम सवाल पूछे हैं. संसद की वेबसाइट पर 21 जुलाई 2025 को सरकार की तरफ से मौखिक जवाब के लिए लिस्टेड इन सवालों में वित्त मंत्री से पूछा गया है:
“(a) क्या केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है, जिसका एलान जनवरी 2025 में किया गया था?
(b) अगर हां, तो उसका डिटेल दिया जाए और अगर नहीं, तो 6 महीने बीतने के बावजूद आयोग का गठन नहीं किए जाने के कारण बताए जाएं.
(c) वह समय सीमा बताई जाए, जब तक 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) के चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति का काम कमीशन के टर्म्स ऑफ रेफरेंस के साथ पूरा हो जाएगा, और
(d) वह समय सीमा बताई जाए, जब कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए संशोधित वेतनमान लागू हो जाएंगे.”
जाहिर है कि अगर सरकार ने सोमवार को लोकसभा में इन सवालों के जवाब दे दिए, तो 8वें वेतन आयोग से जुड़ी उन तमाम बातों पर स्थिति काफी हद तक साफ हो जाएगी, जिन्हें लेकर देशभर के 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के मन में ढेरों सवाल उमड़ रहे हैं.
जनवरी में हुआ था वेतन आयोग बनाने का एलान
जनवरी 2025 में जब केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया था, तो कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. उन्हें लगा था कि अब जल्दी ही वेतन और पेंशन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू होगी. लेकिन अब जुलाई का महीना आ चुका है और आयोग का ढांचा अब तक तैयार नहीं हो पाया है. न तो आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस तय हुए हैं, और न ही चेयरमैन या सदस्यों की नियुक्ति हुई है.
टर्म्स ऑफ रेफरेंस के बिना नहीं शुरू हो सकता काम
कोई भी वेतन आयोग तभी काम शुरू कर सकता है जब उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी काम के दायरे और शर्तें तय हो जाएं. अप्रैल 2025 में उम्मीद थी कि सरकार इसे अंतिम रूप दे देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग ने आयोग के लिए चार अंडर-सेक्रेटरी स्तर के पदों पर आवेदन जरूर मंगाए थे, लेकिन उसके बाद इस पर कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी गई. टर्म्स ऑफ रेफरेंस के अभाव में आयोग का गठन अधूरा ही रह गया है.
जनवरी 2026 से आयोग शुरू कर पाएगा काम?
सवाल यही है कि क्या जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग अपना कामकाज शुरू कर पाएगा? अब तक की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए यह आसान नहीं माना जा रहा. पिछली बार भी जब 6ठें और 7वें वेतन आयोग बने थे, तब उन्हें रिपोर्ट देने में करीब 18 से 24 महीने का वक्त लगा था. उसके बाद रिपोर्ट पर सरकार की मंजूरी और अमल में भी समय लगा. अगर 8वां वेतन आयोग अगस्त-सितंबर 2025 तक बनता भी है, तब भी उसकी रिपोर्ट 2027 की शुरुआत में ही आ सकती है, और उसका लागू होना और आगे तक खिंच सकता है. ऐसे में तमाम कर्मचारियों की नजरें इस बात पर टिकी होंगी कि 8वें वेतन आयोग से जुड़े अहम सवालों पर सोमवार को लोकसभा में सरकार क्या जवाब देती है.