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ELSS फंड सिर्फ टैक्स सेविंग ही नहीं, लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए भी आकर्षक विकल्प हैं. (AI Generated Image)
Best Return ELSS Funds: ईएलएसएस यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम बरसों से निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर रही है. इक्विटी में निवेश के जरिये लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के अलावा टैक्स सेविंग बेनिफिट इस स्कीम के आकर्षण की बड़ी वजह रहा है. लेकिन पिछले कुछ अरसे में यह रुझान बदलता दिख रहा है.जून 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड की 11 में से 10 कैटेगरी में निवेश का इनफ्लो देखने को मिला. सिर्फ ELSS ही ऐसी कैटेगरी रही जिसमें इनफ्लो की जगह 556 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दिखाई दिया. ऐसा लगातार तीसरे महीने हुआ है.
माना जा रहा है कि न्यू टैक्स रिजीम का दायरा बढ़ने की वजह से अब टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट में लोगों की दिलचस्पी कम हो गई है. लिहाजा वे ELSS से दूर जा रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि ELSS में निवेशकों की घटती दिलचस्पी कितनी वाजिब है? अगर न्यू टैक्स रिजीम अपनाने के बाद टैक्स बेनिफिट नहीं लेना हो, तो क्या इस स्कीम में पैसे लगाना फायदेमंद नहीं है?
क्या बताते हैं ELSS के पिछले प्रदर्शन के आंकड़े
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम के रिटर्न के पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात बिलकुल साफ हो जाएगी कि ये फंड कैटेगरी सिर्फ टैक्स सेविंग के लिए नहीं है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के पोर्टल पर मौजूद आंकड़े बताते हैं कि टॉप 5 ELSS ने पिछले 5 साल के दौरान 27% से 33% तक औसत सालाना रिटर्न दिया है:
5 साल में बेस्ट रिटर्न देने वाले टॉप 5 ELSS फंड
स्कीम का नाम / 5 साल का एनुअल रिटर्न (डायरेक्ट प्लान)
- Quant ELSS Tax Saver Fund : 33.10%
- Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund : 28.89%
- SBI ELSS Tax Saver Fund : 28.32%
- HDFC ELSS Tax Saver Fund : 27.33%
- Bandhan ELSS Tax Saver Fund : 27.24%
(Source : AMFI)
ELSS कैटेगरी की आखिरी स्कीम ने भी दिया आकर्षक रिटर्न
सिर्फ टॉप 5 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम ही नहीं, इस कैटेगरी के तमाम फंड्स ने पिछले 5 साल में आकर्षक रिटर्न दिए हैं. AMFI के पोर्टल पर जिन 36 ELSS स्कीम के डायरेक्ट प्लान के 5 साल के आंकड़े उपलब्ध हैं, उनमें से 23 का 5 साल का एवरेज एनुअल रिटर्न (CAGR) 23% या उससे ज्यादा रहा है. इनमें 36वें नंबर वाली अंतिम स्कीम का औसत सालाना रिटर्न भी 16% से अधिक है. इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि इक्विटी में निवेश के जरिये लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता ELSS की बड़ी खासियत है.
क्या है 3 साल के लॉक-इन का मसला
ईएलएसएस स्कीम में टैक्स सेवर फंड होने की वजह से 3 साल का लॉक-इन होता है. हालांकि यह किसी भी और टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले कम है, फिर भी जिन लोगों को टैक्स बचाने के लिए निवेश नहीं करना वे सवाल कर सकते हैं कि आखिर ऐसी स्कीम में पैसे क्यों लगाए जाएं, जिसमें 3 साल का लॉक-इन होता है. इस सवाल का सीधा जवाब यह है कि ईएलएसएस ही नहीं, किसी भी इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश का पूरा फायदा लेना है, तो 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए पैसे लगाना बेहतर होता है. इसके अलावा 3 साल का लॉक-इन होने से फंड मैनेजर को भी लॉन्ग टर्म नजरिये से निवेश करने में आसानी होती है. इसलिए सही मायने में वेल्थ क्रिएशन के लिए इक्विटी में निवेश करना हो, तो 3 साल के लॉक-इन से कोई नुकसान नहीं, बल्कि फायदा ही है. जिन लोगों को 3 साल से कम समय के लिए निवेश करना है, उन्हें इक्विटी फंड्स की जगह दूसरे एसेट्स पर विचार करना चाहिए.
रिस्क समझकर करें फैसला
ईएलएसएस के रिटर्न के पिछले आंकड़े भले ही आकर्षक हों, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि इक्विटी फंड्स के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा रहता है और पिछला प्रदर्शन भविष्य में जारी रहने की गारंटी नहीं होती. यही वजह है कि रिस्कोमीटर पर इन सभी ELSS को बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) की रेटिंग मिली है. हालांकि लंबी अवधि के लिए एसआईपी के जरिये निवेश करने पर बाजार में उथल-पुथल से जुड़े रिस्क को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. फिर भी निवेश से जुड़े फैसले करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर ध्यान में रखें.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश से पहले इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)