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Economic Survey 2024 के मुताबिक APY, NPS के सब्सक्राइबर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है. (Photo : Indian Express Archive)
APY, NPS increase Pension Coverage in India says Economic Survey 2024: देश में पेंशन स्कीम के सब्सक्राइबर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इस ग्रोथ में अटल पेंशन योजना (APY) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) जैसी सरकार द्वारा पेश की गई योजनाओं का बड़ा योगदान है. यह जानकारी सोमवार को लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में दी गई है. सर्वेक्षण के मुताबिक अब देश की करीब 5.3 फीसदी आबादी को इन पेंशन स्कीम्स का कवरेज मिल चुका है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह अनुपात महज 1.2 फीसदी था.
7 साल में काफी तेजी से बढ़ा पेंशन सेक्टर : सर्वे
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मुताबिक मार्च 2024 तक, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) के ग्राहकों की कुल संख्या बढ़कर 7 करोड़ 35 लाख 60 हजार पर पहुंच गई. जबकि मार्च 2023 के अंत में यह संख्या 6 करोड़ 23 लाख 60 हजार के आसपास थी. इस तरह इन योजनाओं के सब्सक्राइबर्स की तादाद में सालाना 18% की दर से ग्रोथ हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक APY और NPS की इस सफलता की वजह से ही देश में दोनों पेंशन स्कीमों का कवरेज कुल जनसंख्या के 5.3% तक पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2016-17 में केवल 1.2% पर था.
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APY का सबसे बड़ा योगदान
इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक पेंशन कवरेज बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान कमजोर आय वाले समूहों को ध्यान में रखकर लाई गई अटल पेंशन योजना (APY) का है. देश में पेंशन स्कीम्स के सब्सक्राइबर्स में सबसे ज्यादा, लगभग 80% हिस्सेदारी इसी योजना की है. मार्च 2023 में APY के कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या, पुराने नाम NPS Lite को मिलाकर, 5.01 करोड़ थी, जो मार्च 2024 तक बढ़कर 5.88 करोड़ हो गई. इस स्कीम का कवरेज महिला-पुरुष बराबरी के मामले में भी काफी अच्छा रहा है. वित्त वर्ष 2016-17 में इस स्कीम में महिला ग्राहकों का अनुपात 37.2% था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 48.5% हो गया. इसके अलावा, इस स्कीम में युवाओं के शामिल होने का रुझान भी साफ-साफ नजर आता है. वित्त वर्ष 2016-17 से वित्त वर्ष 2022-23 के बीच इस स्कीम में 18 से 25 साल की उम्र वाले युवाओं की हिस्सेदारी 35% से बढ़कर 46.7% हो गई है.
पेंशन के कवरेज से जुड़ी चुनौतियां
इसके साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण देश में पेंशन के कवरेज से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों की ओर भी इशारा करता है. मिसाल के तौर पर तेज ग्रोथ के बावजूद, अटल पेंशन योजना (APY) के लगभग 92% सब्सक्राइबर्स ने 1,000 रुपये प्रति माह की मिनिमम पेंशन के लिए ही प्रीमियम भरा है, जिससे पता चलता है कि कम आय वाले परिवारों के लिए अब भी रोजमर्रा के उपभोग से जुड़ी ज़रूरतें सुरक्षित भविष्य के लिए जरूरी पेंशन जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों पर भारी पड़ जाती हैं. वहीं महीने में 5 हजार रुपये की पेंशन के लिए सब्सक्राइब करने वालों का अनुपात महज 4.7 फीसदी है.
चार गुना हुआ APY और NPS का AUM
APY और NPS के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AuM) में भी काफी वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2016-17 में इन दोनों स्कीम का AUM देश की GDP के 1.1% के बराबर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 4 गुना बढ़कर GDP के 4% के बराबर हो गया है. यह ग्रोथ भारत की अर्थव्यवस्था में पेंशन क्षेत्र के बढ़ते महत्व को दर्शाती है.
क्या है इन योजनाओं का भविष्य
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि आने वाले दिनों में NPS का कवरेज तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. खास तौर पर प्राइवेट सेक्टर में NPS का कवरेज बढ़ने के आसार हैं. सर्वे के मुताबिक भारत में जैसे-जैसे प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी और उच्च-मध्यम आय वाले लोगों की संख्या में इजाफा होगा, कॉर्पोरेट कर्मचारी और सेल्फ एंप्लॉयड लोग बड़ी संख्या में एनपीएस में शामिल होंगे.