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Bank FD vs Post Office Small Savings Schemes: क्या पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स, बैंक एफडी से बेहतर विकल्प हैं? (Image : Pixabay)
Bank FD vs Post Office Small Savings Schemes: ज्यादातर आम निवेशक चाहते हैं कि उन्हें सुरक्षित और बेहतर रिटर्न वाले विकल्प मिलें. जो निवेशक पूरी तरह रिस्क फ्री इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं, उनके लिए बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स दोनों ही अच्छे विकल्प हैं और दोनों ही तरीके काफी पॉपुलर भी हैं. पोस्ट ऑफिस की कई स्मॉल सेविंग स्कीम्स फिलहाल 8.2% तक सालाना ब्याज दे रही हैं, जो बैंक एफडी के मुकाबले कुछ बेहतर हो सकते हैं. ऐसे में सवाल ये यह है कि क्या पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स, बैंक एफडी से बेहतर विकल्प हैं? इस सवाल का जवाब जानने के लिए अलग-अलग पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स के बारे में जानना जरूरी है.
पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स की विशेषताएं
पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स सरकारी गारंटी के साथ आती हैं. पोस्ट ऑफिस में इन स्कीम्स के कई विकल्प मौजूद हैं, जिनकी खास बातों को आप यहां देख सकते हैं.
1. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
- ब्याज दर: 7.1% सालाना.
- मिनिमम इनवेस्टमेंट: 500 रुपये.
- मैक्सिमम इनवेस्टमेंट: 1.5 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष.
- लॉक-इन पीरियड: 15 वर्ष.
- टैक्स बेनिफिट : निवेश पर 80C के तहत साल में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री.
2. मंथली इनकम स्कीम (MIS)
- ब्याज दर: 7.4% सालाना.
- मिनिमम इनवेस्टमेंट: 1,000 रुपये.
- मैक्सिमम इनवेस्टमेंट: सिंगल अकाउंट के लिए 9 लाख रुपये और जॉइंट अकाउंट के लिए 15 लाख रुपये.
3. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
- ब्याज दर: 8.2% सालाना.
- निवेश सीमा: 1,000 रुपये से शुरू, अधिकतम 30 लाख रुपये.
4. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
- ब्याज दर: 7.7% सालाना (सालाना कंपाउंडेड).
- मिनिमम इनवेस्टमेंट: 1,000 रुपये.
- कोई अधिकतम सीमा नहीं.
- लॉक-इन पीरियड: 5 साल.
- टैक्स बेनिफिट : निवेश पर 80C के तहत साल में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट. लेकिन ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट नहीं.
5. किसान विकास पत्र (KVP)
- ब्याज दर: 7.5% सालाना.
- मिनिमम इनवेस्टमेंट: 1,000 रुपये.
- निवेश की गई रकम 115 महीने में दोगुनी हो जाती है.
6. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
- ब्याज दर: 8.2% सालाना.
- मिनिमम इनवेस्टमेंट: 250 रुपये.
- मैक्सिमम इनवेस्टमेंट: एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये
- टैक्स बेनिफिट : निवेश पर 80C के तहत साल में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री.
बैंक एफडी बनाम पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स
बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस स्मॉस सेविंग स्कीम्स की तमाम खूबियों की तुलना करने पर यह बात समझना आसान होगा कि आपके लिए दोनों में से कौन बेहतर है.
1. ब्याज दर
- बैंक एफडी: अधिकांश बड़े / सरकारी बैंक 7% से 7.5% तक ब्याज दे रहे हैं.
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स: कुछ योजनाएं 8% से अधिक ब्याज प्रदान करती हैं.
2. टैक्स बेनिफिट्स
- बैंक एफडी: 5 साल की टैक्स-सेविंग एफडी पर धारा 80C के तहत छूट मिलती है.
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स: PPF, SSY और NSC जैसे विकल्पों पर 80C के तहत छूट मिलती है. PPF और SSY पर ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री है. लेकिन ब्याज आय कर योग्य हो सकती है.
3. जोखिम और सुरक्षा
- बैंक एफडी: डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की सुरक्षा.
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स: सरकारी गारंटी, पूरी तरह सुरक्षित.
4. लिक्विडिटी और लॉक-इन पीरियड
- बैंक एफडी में टेन्योर के मामले में लचीलापन होता है. हालांकि टैक्स सेविंग एफडी के लिए 5 साल का लॉक-इन लागू होता है.
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में लंबे लॉक-इन पीरियड हो सकते हैं, जैसे PPF का 15 साल.
5. इनवेस्टमेंट लिमिट
- बैंक एफडी: कोई ऊपरी सीमा नहीं.
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स: PPF, SSY और SCSS जैसी योजनाओं में अधिकतम निवेश की सालाना / ऊपरी सीमा तय है.
बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस स्कीम में किसे चुनें?
पोस्ट ऑफिस स्कीम्स और बैंक एफडी दोनों के अपने फायदे और सीमाएं हैं. अगर आप रिस्क-फ्री और स्टेबल रिटर्न चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स बेहतर विकल्प हो सकती हैं. पोस्ट ऑफिस स्कीम्स के साथ सीधे तौर पर केंद्र सरकार की गारंटी भी जुड़ी हुई है. लंबी अवधि के फाइनेंशियल टारगेट जैसे रिटायरमेंट या बच्चों के एजुकेशन के लिए फंड जमा करना हो, तो भी पोस्ट ऑफिस योजनाएं बेहतर हैं. लेकिन अगर आपको लिक्विडिटी और कम लॉक-इन पीरियड चाहिए, तो बैंक एफडी सही ऑप्शन हो सकते हैं.