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अगर रिटायरमेंट प्लानिंग में कंपाउंडिंग का बूस्ट बढ़ा दें तो इसका जबरदस्त फायदा मिलेगा. इसके लिए आपको जल्द से जल्द प्लानिंग करनी होगी. (Pixabay)
Power of Compounding in SIP : निवेश और बचत में कंपाउंडिग की भूमिका किसी मैजिक से कम नहीं है. कंपाउंडिंग का मतलब है कि रिटर्न पर रिटर्न हासिल करना, जिसके चलते लंबी अवधि में किए जाने वाले निवेश पर इसका असर बहुत ज्यादा होता है. अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग में थोड़ा कंपाउंडिंग का बूस्ट बढ़ा दें तो इसका जबरदस्त फायदा मिलेगा. और इसके लिए आपको अपने रिटायरमेंट के लिए जल्द से जल्द प्लानिंग करनी होगी, ताकि आपको निवेश के लिए लंबा समय मिल जाए. हमने यहां कैलकुलेशन किया है, जिसमें महज 2 साल और 2 फीसदी रिटर्न के अंतर से आपके रिटायरमेंट कॉर्पस में 93 फीसदी अंतर आ सकता है.
क्या है पावर ऑफ कंपाउंडिंग?
पावर ऑफ कंपाउंडिंग का मतलब है कि रिटर्न पर रिटर्न हासिल करना है. यानी आपने जो मूलधन जमा किया है, उस पर मिलने वाले ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आपने कहीं 1 लाख रुपये निवेश किया है और उस पर 10 फीसदी सालाना के हिसाब से रिटर्न मिलता है तो यह एक साल बाद 110000 रुपये होगा. अगले साल इस 110000 रुपये पर ब्याज मिलेगा. यह ब्याज पर ब्याज मिलने की प्रक्रिया तब तक चलेगी, जब तक आपका निवेश बना रहेगा या मैच्योरिटी अवधि तक.
पावर ऑफ कंपाउंडिंग का सबसे ज्यादा असर देखना हो तो आप म्यूचुअल फंड एसआईपी (SIP) का उदाहरण देख सकते हैं. वहीं फिक्स्ड इनकम योजनाओं (Fixed Income Schemes) में भी कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है. फिक्स्ड इनकम योजनाओं में एक तय ब्याज के हिसाब से कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. वहीं एसआईपी (SIP) में ब्याज पर मिलने वाला ब्याज कम या ज्यादा हो सकता है. हालांकि लंबी अवधि के एसआईपी (Long Term SIP) की बात करें तो 12 से 15 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न बेहद आम बात है.
केस 1 : 25 साल के लिए निवेश, ब्याज 12% सालाना
मंथली SIP : 5000 रुपये
अनुमानित रिटर्न : 12% सालाना
निवेश की अवधि : 25 साल
25 साल में कुल निवेश : 15,00,000 रुपये (15 लाख रुपये)
25 साल बाद SIP की वैल्यू : 85,11,033 रुपये (85 लाख रुपये)
कुल फायदा : 70,11,033 रुपये (70 लाख रुपये)
केस 2 : 28 साल के लिए निवेश, ब्याज 13% सालाना
मंथली SIP : 5000 रुपये
अनुमानित रिटर्न : 13% सालाना
निवेश की अवधि : 28 साल
28 साल में कुल निवेश : 16,80,000 रुपये (16.8 लाख रुपये)
28 साल बाद SIP की वैल्यू : 1,46,22,103 रुपये (1.5 करोड़ रुपये)
कुल फायदा : 1,29,42,103 रुपये (1.3 करोड़ रुपये)
केस 3 : 30 साल के लिए निवेश, ब्याज 15% सालाना
मंथली SIP : 5000 रुपये
अनुमानित रिटर्न : 15% सालाना
निवेश की अवधि : 30 साल
30 साल में कुल निवेश : 18,00,000 रुपये (18 लाख रुपये)
30 साल बाद SIP की वैल्यू : 2,81,58,852 रुपये (2.82 करोड़ रुपये)
कुल फायदा : 2,63,58,852 रुपये (2.6 करोड़ रुपये)
रिजल्ट
कैलकुलेशन में साफ है कि अगर 28 साल के लिए निवेश (SIP) करते हैं और अनुमानित रिटर्न 13 फीसदी सालाना है तो कुल रिटायरमेंट कॉर्पस 1,46,22,103 रुपये (1.5 करोड़ रुपये) बनेगा.
जबकि निवेश (SIP) की अवधि 2 साल बढ़ा दें और इस पर 2 फीसदी ज्यादा रिटर्न मिले तो कुल रिटायरमेंट कॉर्पस 2,81,58,852 रुपये (2.82 करोड़ रुपये) बनेगा. लंबी अवधि की एसआईपी में रिटर्न बढ़ने के चांस भी बढ़ जाते हैं.
(source : SIP calculator, compounding calculator)