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DA Hike : अगले डीए रिवीजन में केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 2% से कम होगा इजाफा? क्‍या है इसकी वजह

dearness allowance : महंगाई भत्ता एक प्रकार का कास्‍ट ऑफ लिविंग एडजस्‍टमेंट अलाउंस है, जो केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है. डीए को साल में 2 बार संशोधित किया जाता है.

dearness allowance : महंगाई भत्ता एक प्रकार का कास्‍ट ऑफ लिविंग एडजस्‍टमेंट अलाउंस है, जो केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है. डीए को साल में 2 बार संशोधित किया जाता है.

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FE Hindi Desk
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Dearness Allowance, inflation, DA Hike, All India Consumer Price Index

What is DA : डीए, आल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (AICPI-IW) पर आधारित है और कर्मचारियों की वास्तविक आय को बनाए रखने में मदद करता है. (Pixabay)

DA Hike Latest News : केंद्र सरकार ने पिछले महीने करीब 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में 2 फीसदी की बढ़ोतरी करके 55 फीसदी करने की घोषणा की थी.  यह 2 फीसदी डीए बढ़ोतरी पिछले 78 महीनों में सबसे कम थी. लेकिन अब, इस कैलेंडर ईयर 2025 के पहले 3 महीनों में महंगाई में और गिरावट से संकेत मिल रहा है कि अगले डीए संधोधन में केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 2 फीसदी से कम या यहां तक कि जीरो फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

इससे केंद्र सरकार के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को और निराशा होगी, जो जुलाई-दिसंबर 2025 के साइकिल में अपने महंगाई भत्ते में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. तकनीकी रूप से, यह 7वें वेतन आयोग में अंतिम डीए संशोधन होगा , जो इस साल 31 दिसंबर को अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा करेगा. 

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इस आर्टिकल में हम डीए (Dearness Allowance) में संभावित कटौती के पीछे के कारणों, इसके कैलकुलेशन के तरीके और सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स पर इसके प्रभाव के बारे में भी चर्चा करेंगे. लेकिन उससे पहले, आइए डीए का मतलब समझते हैं. 

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महंगाई भत्ता (डीए) क्या है?

महंगाई भत्ता एक प्रकार का कास्‍ट ऑफ लिविंग एडजस्‍टमेंट अलाउंस है, जो केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है. डीए को साल में 2 बार संशोधित किया जाता है - जनवरी और जून साइकिल और जुलाई से दिसंबर साइकिल के लिए. साल की पहली बढ़ोतरी आमतौर पर मार्च में घोषित की जाती है, और दूसरी हर साल अक्टूबर/नवंबर में घोषित की जाती है.

डीए, आल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (AICPI-IW) पर आधारित है और कर्मचारियों की वास्तविक आय को बनाए रखने में मदद करता है.

(Source: Labour Ministry)

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AICPI-IW के आंकड़ों में गिरावट

2025 के पहले दो महीनों के लिए आल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (AICPI-IW) के आंकड़ों में गिरावट देखी गई, जिससे जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए DA बढ़ोतरी कम हो सकती है. AICPI-IW कर्मचारियों के DA बढ़ोतरी का कैलकुलेशन करने के लिए एक महत्वपूर्ण मीट्रिक है. इसलिए अब जब हमारे पास इस साल के पहले दो महीनों के लिए AICPI-IW डेटा है और अगर गिरावट का सिलसिला अगले 4 महीनों तक जारी रहता है, तो यह सुनिश्चित होगा कि केंद्रीय कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों को 2 फीसदी से कम DA बढ़ोतरी या यहां तक ​​कि शून्य फीसदी हाइक के साथ समझौता करना पड़ सकता है.

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आल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (AICPI-IW), वह इंडेक्‍स है, जिसके आधार पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी तय होती है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले लेबर ब्‍यूरो ने पिछले महीने के अपने आंकड़ों में दिखाया कि फरवरी 2025 में आल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स 0.4 अंक गिरकर 142.8 पर आ गया, जबकि जनवरी 2025 में यह 143.2 था. 

फरवरी 2025 की ईयर-ऑन-ईयर इनफ्लेशन घटकर 2.59% हो गई, जबकि फरवरी 2024 में यह 4.90% थी. 

अब यह उम्मीद की जा रही है कि देश में ओवरआल मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुए मार्च और अप्रैल में AICPI-IW में और गिरावट आ सकती है.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल मार्च में 5 साल के निचले स्तर 3.34 फीसदी पर आ गई, जबकि फरवरी में यह 3.61 फीसदी थी. 

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DA Calculator : 7वें वेतन आयोग का फॉर्मूला कैसे काम करता है?

पहले डीए बढ़ोतरी का कैलकुलेशन बेस्‍ड ईयर 2001 के साथ AICPI के आधार पर की जाती थी. बाद में इसे सितंबर 2020 से डीए कैलकुलेशन के लिए बेस ईयर 2016 के साथ एक नए एआईसीपीआई के साथ बदल दिया गया.

डीए = (पिछले 12 महीनों के लिए CPI-IW (बेस 2016=100) का एवरेज x 2.88 - 261.4)*100/(261.4))

जहां AICPI पिछले 12 महीनों का एवरेज कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स है.

7वें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित बेस इंडेक्‍स 261.4 है.

कुल मिलाकर अगर इंडेक्स के आंकड़े नहीं सुधरे तो जुलाई 2025 में होने वाला अगला डीए संशोधन न सिर्फ बहुत कम होगा, बल्कि इसका असर कर्मचारियों के वेतन पर भी पड़ेगा. पेंशनर्स के लिए भी यह चिंता का विषय है, क्योंकि डीए उनके मासिक भत्ते का एक बड़ा हिस्सा होता है.

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