/financial-express-hindi/media/media_files/2025/04/28/Gab4MQD6LWFoDes1OTQE.jpg)
Dhanteras Diwali Gold Buying Tips : सोना खरीदते समय कुछ जरूरी बातों को भूलकर भी नजरअंदाज न करें. (Image : Freepik)
Dhanteras 2025 : दिवाली पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. यह परंपरा सिर्फ आस्था का सवाल नहीं, बल्कि निवेश का तरीका भी है. लेकिन इस साल सोने के दाम में करीब 60% की तेजी आने के बाद, बिना सोच-समझे खरीदारी करना नुकसान भी करा सकता है. अगर आप इस दिवाली पर सोना खरीदने जा रहे हैं, तो कीमत और प्योरिटी से लेकर टैक्सेशन से जुड़े नियमों तक, तमाम जरूरी बातों को पहले से समझ लेना चाहिए
1. सोने का भाव क्रॉस-चेक जरूर करें
दिवाली के मौके पर ज्यादातर ज्वैलर्स ग्राहकों की भीड़ का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. कई बार दुकानदार असल बाजार भाव से ज्यादा कीमत वसूल लेते हैं. इसलिए खरीदारी से पहले अलग-अलग दुकानों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सोने की रेट जरूर तुलना करें. यह ध्यान रखें कि 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने के दाम अलग-अलग होते हैं, इसलिए आपको किस शुद्धता का सोना चाहिए, यह तय करना जरूरी है.
इस समय बाजार में कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स भी हैं जो 24 कैरेट गोल्ड कॉइन और बार बेचते हैं. इनमें कीमतें पारदर्शी होती हैं और आप डिस्काउंट ऑफर्स भी चेक कर सकते हैं.
2. सोने की शुद्धता और हॉलमार्क जांच लें
सोना खरीदते समय सबसे जरूरी बात होती है उसकी शुद्धता यानी प्योरिटी. हॉलमार्क इस बात का प्रमाण होता है कि सोना असली है. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने सोने के लिए 6-डिजिट अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग कोड अनिवार्य किया है. आप बीआईएस केयर ऐप (BIS Care App) की मदद से किसी भी ज्वेलरी की ऑथेंटिसिटी चेक कर सकते हैं.
कई बार नकली या कम कैरेट के गहने भी हॉलमार्क के नाम पर बेचे जाते हैं, इसलिए मोबाइल ऐप से वेरिफिकेशन जरूर करें. चाहें तो आप घर पर मैग्नेट टेस्ट, पानी टेस्ट या स्किन टेस्ट जैसी सामान्य जांच भी कर सकते हैं.
3. कहां से और कैसे खरीदें सोना
आज के समय में सोना खरीदने के कई तरीके मौजूद हैं—फिजिकल गोल्ड (जैसे गहने या सिक्के), डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETF . अगर आप गहनों के रूप में खरीद रहे हैं तो हमेशा बिल लें और मेकिंग चार्जेज, वेस्टेज और GST को ध्यान से समझें.
ऑनलाइन खरीदारी में पारदर्शिता अधिक होती है और कई बार क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अतिरिक्त डिस्काउंट भी मिल जाता है.
4. सोने की एक्सचेंज वैल्यू ठीक से समझ लें
अक्सर लोग नए गहनों के लिए पुराने गहने एक्सचेंज कर देते हैं, लेकिन यहां भी सावधानी जरूरी है. पुराने गहनों की एक्सचेंज वैल्यू हमेशा बाजार भाव के बराबर नहीं मिलती. ज्वैलर्स मेकिंग चार्ज और GST घटाने के बाद ही एक्सचेंज रेट तय करते हैं. इसलिए एक्सचेंज करने से पहले स्पष्ट पूछ लें कि पुराने सोने का मूल्य कैसे निकाला जाएगा.
अगर आप पुराना सोना बेच रहे हैं, तो आपको केवल मौजूदा गोल्ड रेट पर रकम मिलेगी, लेकिन खरीद के समय जो अतिरिक्त चार्जेज दिए थे, वे वापस नहीं मिलते.
Also read : Diwali Stocks 2025 : मोतीलाल ओसवाल ने दिवाली के लिए चुने बेस्ट 10 स्टॉक, 38% तक रिटर्न की उम्मीद
5. सोने पर टैक्सेशन और GST का असर
सोना खरीदते समय आपको 3% GST देना होता है, और मेकिंग चार्ज पर करीब 5% तक GST लगता है. यानी जितनी ज्यादा डिजाइनिंग और फिनिशिंग होगी, उतना ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा.
अगर आप बाद में सोना बेचते हैं और उसमें से मुनाफा होता है, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है. दो साल के भीतर बेचने पर यह मुनाफा शॉर्ट टर्म गेन माना जाता है और आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना पड़ता है. दो साल बाद बेचने पर यह लॉन्ग टर्म गेन बनता है, जिस पर 12.5% टैक्स (साथ में सरचार्ज और सेस) देना होता है. जुलाई 2024 से इंडेक्सेशन बेनिफिट हटा दिया गया है, इसलिए टैक्स का असर पहले से ज्यादा हो सकता है.
Also read : HDFC म्यूचुअल फंड की टॉप 5 स्कीम ने 5 साल में 35% तक दिया सालाना रिटर्न, 1 लाख लंपसम से बना 4.5 लाख का फंड
सोच-समझकर करें निवेश
दिवाली पर सोना खरीदना शुभ जरूर है, लेकिन सिर्फ परंपरा निभाने के लिए ऊंचे दाम पर खरीदना समझदारी नहीं. अगर आपका मकसद लंबी अवधि का निवेश है, तो गोल्ड को पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के तौर पर देखा जा सकता है. लेकिन कम समय में मुनाफा कमाने के लिए सोना खरीदना जोखिम भरा हो सकता है.