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Gold Investment strategies : गोल्ड फंड ऑफ फंड्स कामकाजी झंझटों को खत्म करते हैं और सोने में निवेश का एक आसान रास्ता देते हैं. (AI Image)
Gold buying tips Dhanteras 2025 : धनतेरस और दिवाली के मौके पर सोना या चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. बहुत से लोग इसमें ट्रेडिशन के तौर पैसे लगाते हैं, लेकिन बहुत से लोग इन्वेस्टमेंट के लिहाज से भी सोना खरीदते हैं. दशकों से, ज्वेलरी के रूप में सोना (Gold) भारतीय परिवारों का एक अटूट हिस्सा रहा है. यह सांस्कृतिक प्रतीक होने के साथ-साथ अनिश्चितता से सुरक्षा का जरिया भी है. लेकिन अब सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं और यह 1.28 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार है. इस वजह से थोक प्रीमियम, मेकिंग चार्ज और मूल्यों में अस्थिरता अब सामान्य समय की तुलना में ज्यादा जोखिम बन गए हैं.
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इसके अलावा फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) के साथ एक व्यावहारिक चुनौती भी जुड़ी हुई है, क्योंकि इसे (गहने, बिस्किट आदि) रखने के लिए सुरक्षित स्टोरेज की जरूरत होती है. इसे अक्सर लॉकरों में या घरों में रखना पड़ता है, जिससे यह चोरी के जोखिम और इंश्योरेंस जैसे अतिरिक्त खर्चों के दायरे में आ जाता है. इसलिए आज की जटिल वित्तीय दुनिया में, हमें सोने को केवल ज्वैलरी या सिक्कों तक सीमित न रखकर, अपने निवेश सफर में कैसे शामिल करें, इस पर दोबारा सोचने की जरूरत है.
Gold ETF, FoF : सोने में निवेश के स्मार्ट और आसान तरीके
प्रशांत पिंपले, चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर - फिक्स्ड इनकम, बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड का कहना है कि जो निवेशक कम लागत, सुविधापूर्ण और आसानी से खरीदा-बेचा जा सकने वाला (लिक्विड) गोल्ड खरीदना चाहते हैं, उनके लिए गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETF) और गोल्ड ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स (Gold ETF FoFs) जैसे आधुनिक विकल्प, बेहतर तरीके पेश करते हैं.
1. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs): ये शेयर बाजार में ट्रेड होते हैं और सोने की कीमतों को बारीकी से ट्रैक करते हैं. इनमें निवेश के लिए आपको केवल डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है (यूनिट्स रखने के लिए) और ट्रेडिंग अकाउंट की रूरत होती है (खरीदने-बेचने के लिए).
2. गोल्ड ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स (FoFs): जिन रिटेल निवेशकों के पास डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट नहीं है, उनके लिए यह विकल्प बहुत अच्छा है. आप इनमें एसआईपी (SIPs), एसटीपी (STPs) या एकमुश्त (लम्प सम) तरीके से भी निवेश कर सकते हैं.
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इन डिजिटल तरीकों के फायदे
परिचालन में आसानी : गोल्ड फंड ऑफ फंड्स कामकाजी झंझटों को खत्म करते हैं और सोने में निवेश का एक आसान रास्ता देते हैं.
कई तरह का झंझट खत्म : आपको प्योरिटी, मेकिंग चार्ज या सुरक्षित स्टोरेज की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
आसान और पारदर्शी : इन डिजिटल माध्यम से, आप आसान, पारदर्शी और कम लागत वाले तरीके से सोना खरीद सकते हैं, जिसमें आपको सोने को फिजिकल रूप से रखने और उसकी सुरक्षा करने की कोई जरूरत नहीं होती है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (Sovereign Gold Bonds)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और ये सोने के ग्राम में मान्य होते हैं. इनसे मिलने वाला रिटर्न सोने की कीमत से जुड़ा होता है, साथ ही बॉन्ड की अवधि में लगभग 2.5% सालाना स्थिर ब्याज भी मिलता है.
एसजीबी के फायदे : यह डिजिटल फार्म में होता है तो रख रखाव का झंझट नहीं होता. साथ ही मेकिंग चार्ज की दिक्कत भी नहीं होती, स्टोरेज कास्ट भी नहीं. प्राइस अप्रेसिएशन के साथ सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलता है. मैच्योरिटी पर सोने की मौजूदा कीमत के हिसाब से कैश मिलता है. सेकेंडरी मार्केट में लिक्विडिटी अच्छी है. सोने के मूल्य पर कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगता, केवल ब्याज पर टैक्स लगता है.
डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)
आजकल कई फिनटेक ऐप्स और ज्वैलर-बैक्ड स्कीम्स आपको छोटे-मोटे निवेश में भी सोना खरीदने की सुविधा देती हैं. यह डिजिट वॉलेट में रखा जाता है. आपके पास डिजिटल रूप में सोना (Digital Gold) होता है, जो वॉल्ट में रखे गए भौतिक सोने से समर्थित होता है.
इसमें निवेश की शुरुआत आसान है, आप 1 ग्राम भी सोना तुरंत खरीद सकते हैं. कुछ प्लेटफॉर्म पर इसे फिजिकल गोल्ड में बदला जा सकता है या Gold ETF में परिवर्तित किया जा सकता है. इसमें कोई हैंडलिंग या स्टोरेज शुल्क नहीं लगता.
हालांकि डिजिटल गोल्ड पर रेगुलेटर यानी RBI या SEBI का कंट्रोल नहीं होता, यह निवेश का एक अनरेगुलेटेड तरीका है.
परंपरागत तरीका : बार, सिक्के और ज्वेलरी
इसे फिजिकल फॉर्म में खरीदा जाता है. यह आपके सामने होता है, जिसे देख और टच कर सकते हैं. इसमें लिक्विडिटी हाई है, इसे ज्वैलर्स या बुलियन डीलर्स को बेच सकते हैं.
हालांकि इस पर मेकिंग चार्ज के रूप में ज्वेलर 5% से 20% तक चार्ज कर सकते हैं, जो बेचते समय आपको नुकसान पहुंचाता है. इसे सुरक्षित रखने का टेंशन होता है, क्योंकि चोरी का डर रहता है. प्योरिटी का रिस्क है, इसलिए हमेशा विश्वसनीय ज्वेलर से हॉलमार्क सोना ही खरीदें.
(Disclaimer : गोल्ड एसेट क्लास पर सलाह या विचार एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)