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Gold Return : क्या इस धनतेरस सोना खरीदें तो अगले साल धनतेरस या दिवाली तक सोने में फिर 50 से 60 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. Photograph: (Image : Freepik)
Gold Price Forecast 2026 : सोने की सुपरसोनिक स्पीड जारी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले साल धनतेरस पर सोने का भाव 78,840 रुपये पर था, जो इस साल धनतेरस आते आते 1,28,200 रुपये पर पहुंच गया. इसका मतलब यह हुआ कि रुपये में इसका भाव 1 साल में 63 फीसदी बढ़ चुका है. वहीं इस दौरान डॉलर में सोने का भाव 53 फीसदी बढ़कर 2,769 डॉलर से बढ़कर 4,254 डॉलर हो गया.
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सोना अब इतना महंगा हो चुका है कि निवेशक अब नई खरीदारी के लिए इसका भाव नीचे आने का इंतजार कर रहे हैं. फिर भी धनतेरस पर सोना खरीदने की परंपरा है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इस धनतेरस सोना खरीदें तो अगले साल धनतेरस या दिवाली तक सोने में फिर 50 से 60 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. वैसे एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस तो इसे लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं और अगली दिवाली तक सोने का भव 1,50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान लगा रहे हैं.
क्या अगले धरनतेरस तक 1.50 लाख होगा भाव
वेंचुरा सिक्योरिटीज के हेड ऑफ कमोडिटीज एंड सीआरएम, एनएस रामास्वामी का कहना है कि आगे भी सोने में तेजी जारी रहने की उम्मीद है. उनका कहना है कि सोने में रेजिस्टेंस लेवल 1,30,000 रुपये से 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच देखा जा रहा है. जबकि सपोर्ट लेवल 1,21,000 रुपये या 4,000 डॉलर के आसपास है.
अगर कीमत 1,20,000 रुपये या 3980 डॉलर से नीचे जाती है, तो ही सोने में कमजोरी देखने को मिल सकती है. अगर सोना धनतेरस 2025 से नई तेजी शुरू करता है, तो 2026 की दिवाली या धनतेरस तक यह 5,000 डॉलर प्रति औंस या 1,50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए ऊंचे स्तर को छू सकता है.
निवेशक रणनीति: गिरावट पर खरीदें, धैर्य रखें
ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि निवेशक सोने में गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाएं. ब्रोकरेज का सुझाव है कि निवेशक 1.05 से 1.15 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में धीरे-धीरे सोना खरीदें, जिसका लक्ष्य दिवाली 2026 तक 1.45 से 1.50 लाख रुपये रखा गया है.
जब तक कॉमेक्स गोल्ड 3,800 डॉलर प्रति औंस से ऊपर बना रहता है, तेजी बरकरार है. अगला रेजिस्टेंस लेवल 4,700 से 4,800 डॉलर के बीच दिख रहा है.
अगर सोना 3,800 डॉलर से ऊपर बना रहता है, तो इसका अगला लक्ष्य 4,700 से 4,800 डॉलर तक जा सकता है. यह सेफ हेवन डिमांड, मौद्रिक नीति में ढील, और जियो-पॉलिटिकल टेंशन जैसे कारणों से संभव है.
वहीं अगर भाव 3,446 डॉलर से नीचे जाता है, तो सोना 3,100 डॉलर के सपोर्ट जोन को परख सकता है, जो ट्रेंड बदलने का अहम स्तर होगा.
निवेशकों के लिए सोना क्यों जरूरी
एक्सिस सिक्योरिटीज के अनुसार सोना अब भी महंगाई से बचाव और पोर्टफोलियो को स्थिर रखने का अच्छा जरिया है. जो लोग स्टोरेज की झंझट नहीं चाहते, वे Gold ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश कर सकते हैं. इनसे लंबे समय का फायदा मिलता है, और प्योरिटी या लिक्विडिटी की कोई चिंता नहीं रहती.
सोने की तेजी क्यों रहेगी जारी
अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती, कम ब्याज दरों से सोने में निवेश ज्यादा आकर्षक बनता है.
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद जारी. कई देश अब अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता घटाकर अपने भंडार में सोना बढ़ा रहे हैं.
जियो-पॉलिटिकल टेंशन, टैरिफ वार के चलते सेफ हेवन निवेश यानी सोने की मांग मजबूत बनी हुई है.
कमजो होते डॉलर और अमेरिका के बढ़ते कर्ज से सोने की आकर्षण और बढ़ गया है.
ETF में बढ़ती मांग, खुदरा निवेशक अब लिक्विडिटी और महंगाई से सुरक्षा के लिए सोने पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं.
(Disclaimer : गोल्ड एसेट क्लास पर सलाह या विचार एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)