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High Return : म्यूचुअल फंड की कई स्कीम हैं, जिन्होंने 21 साल में 15 से 18 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न दिया है. (AI Generated)
SWP Calculator : क्या 8 से 10 साल नौकरी करने के बाद आपने अपने रिटायरमेंट के बारे में सोचा. अगर यह सवाल वर्किंग क्लास से पूछा जाए तो बहुत से लोगों का जवाब होगा कि अब तक बहुत ठोस प्लानिंग नहीं की है. जबकि सभी को यह पता होता है कि आज से 20 या 25 साल बाद रिटायर होने पर कम से कम 1 लाख रुपये महीने की जरूरत होगी, ताकि बुढ़ापा सही से कट सके.
इस तरह की समस्या बहुत से लोगों की हो सकती है. अगर आप भी 8 से 10 साल बाद इस समस्या को लेकर अलर्ट हुए हैं और परेशान हैं तो टेंशन न लें. पहले लम्स सम और बाद में सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) आपकी मदद कर सकता है.
SWP के लिए पहले तैयार करना होगा फंड
सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान अपनाने (SWP Investment) के पहले आपको सबसे पहले उसमें निवेश के लिए एक बड़ा फंड तैयार करना होगा. यहां मदद कर सकती है इक्विटी म्यूचुअल फंड की बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम. मान लिया कि आज से 21 साल बाद आप अपना रिटायरमेंट प्लान कर रहे हैं. ऐसे में आपके पास पहले फंड जुटाने के लिए 21 साल बचे हैं. आप निवेश के लिए लम्प सम या एसआईपी किसी भी विकल्प का सहारा ले सकते हैं.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की कई स्कीम हैं, जिन्होंने 21 साल में 15 से 18 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न दिया है. ऐसे में अगर 5 लाख रुपये 21 साल के लिए एकमुश्त (Lump Sum) निवेश करें और अनुमानित रिटर्न 15 फीसदी सालाना मान लें तो 21 साल में 94,00,000 रुपये फंड तैयार हो सकता है.
लम्प सम कैलकुलेटर
वन टाइम इन्वेस्टमेंट : 5,00,000 रुपये
निवेश की अवधि : 21 साल
21 साल के लम्प सम पर अनुमानित रिटर्न : 15 फीसदी सालाना
21 साल बाद निवेश की वैल्यू : 94,00,000 रुपये
SWP कैलकुलेटर : हर महीने निकालें 1 लाख
वन टाइम इन्वेस्टमेंट : 94,00,000 रुपये
निवेश की अवधि : 20 साल
अनुमानित रिटर्न: 8 फीसदी सालाना
हर महीने विद्ड्रॉल अमाउंट : 1 लाख रुपये
20 साल में विद्ड्रॉल अमाउंट : 1,45,00,000 रुपये
20 साल बाद बैलेंस : 747 रुपये
आपके निवेश पर रिटर्न : 51,00,747 रुपये
(calculator source : franklin templeton india)
क्या है सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान
SWP या सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान अपने निवेश से पैसा निकालने का एक अनुशासित तरीका है. यह विकल्प रिटायरमेंट के लिए या जॉब से ब्रेक लेने के समय बेहतर काम करता है. आपको इसके लिए अपने म्युचुअल फंड को महीने की एक तय तारीख पर एक तय राशि डेबिट करने के लिए निर्देश देना होगा, और पैसा आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. निकासी के बाद बचा हुआ फंड निवेश में बना रहता है और आपको उस पर रिटर्न मिलता रहता है, जिससे आपको कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलना जारी रहता है.
(नोट : हमने यहां एसडबल्यूपी कैलकुलेटर के आधार पर जानकारी दी है. किसी भी इक्विटभ्कि स्कीम में पैसे लगाने की सलाह नहीं दी है. सिर्फ बताया है कि इक्विटी स्कीम में लंबी अवधि के दौरान हाई रिटर्न संभव है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)