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EPF Guide: नई नौकरी शुरू करने के समय ही अगर आप EPF से जुड़ी प्रॉसेस को सही ढंग से पूरा कर लेंगे, तो आगे चलकर परेशानी नहीं होगी. (Image : Pixabay)
EPF Guide for Beginners : एंप्लाईज प्रॉविडेंट फंड या कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का मकसद नौकरीपेशा लोगों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है. इस स्कीम का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों का प्रॉविडेंट फंड अकाउंट सही ढंग से खोला जाना जरूरी है. लेकिन पहली बार नौकरी ज्वाइन करने वाले लोगों को कई बार पीएफ अकाउंट सही ढंग से खोलने और मेंटेन करने के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती. ऐसे में अगर इस प्रॉसेस में कोई गलती हो जाए, तो आगे चल कर परेशानी हो सकती है. इसीलिए यहां हम बताएंगे कि नई नौकरी ज्वाइन करते समय EPF से जुड़ी किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि PF का पूरा फायदा मिल सके.
क्या आपकी कंपनी EPFO में कवर्ड है
जब आप नई नौकरी ज्वाइन करते हैं, तो सबसे पहले HR विभाग से यह जानकारी लें कि आपकी कंपनी एंप्लाईज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (Employees Provident Fund Organisation - EPFO) में रजिस्टर्ड है या नहीं. अगर कंपनी पर EPF एक्ट लागू होता है और आपकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये या उससे कम है, तो आपको ईपीएफ, ईडीएलआई (Employees Deposit Linked Insurance - EDLI) और पेंशन योजना (EPS) का सदस्य अनिवार्य रूप से बनाया जाएगा. अगर वेतन 15,000 रुपये से अधिक है तो आप एंप्लॉयर की सहमति से ईपीएफ सदस्य बन सकते हैं.
फॉर्म 11 भरना सबसे जरूरी
EPF में खाता खोलने के लिए आपको अपनी कंपनी के HR डिपार्टमेंट से फॉर्म 11 लेना होगा और उसे ध्यान से भरना होगा. यह फॉर्म आपके पिछले रोजगार और EPF सदस्यता से जुड़ी जानकारी देता है. इस फॉर्म में दी गई जानकारी आपके आधार और अन्य दस्तावेजों से मेल खानी चाहिए. कोई स्पेलिंग मिस्टेक न हो इसका खास ख्याल रखें. साथ ही आधार, पैन और बैंक पासबुक की कॉपी लगाएं और वही मोबाइल नंबर दें जो आधार से लिंक्ड हो.
UAN और मेंबर आईडी एक्टिवेट करें
फॉर्म 11 सबमिट करने के बाद आपका एंप्लॉयर आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) और मेंबर आईडी जेनरेट करेगा. इनके जेनरेट होने के बाद आप HR से यह जानकारी लेकर EPFO की वेबसाइट epfindia.gov.in पर जाएं और अपना UAN एक्टिवेट कर लें. एक्टिवेशन के बाद आप EPF पासबुक चेक करने और क्लेम सबमिट करने समेत बहुत सारी सर्विसेज का लाभ ऑनलाइन ले सकते हैं.
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UAN जेनरेट करने के लिए दस्तावेजों का मिलान ज़रूरी
EPFO में आपकी पहचान UAN यानी से जुड़ी होती है. यह नंबर आधार डेटा से वेरीफिकेशन के बाद ही क्रिएट किया जाता है. इसलिए यह जरूर पक्का कर लें कि आपके आधार में नाम और जन्म की तारीख सही दर्ज हो. बैंक अकाउंट और पैन की जानकारी भी बिल्कुल सही होनी चाहिए, क्योंकि इससे आपके EPF खाते में पैसा सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर किया जा सकेगा.
जॉइनिंग डेट और KYC जरूर चेक करें
UAN एक्टिवेट करने के बाद अपने मेंबर पोर्टल पर लॉगिन कर KYC की डिटेल्स और डेट ऑफ जॉइनिंग जरूर चेक करें. अगर कोई गलती नजर आए तो उसे HR के जरिए जॉइंट डिक्लेरेशन फॉर्म के माध्यम से ठीक करवा लें. ऐसा करने से आगे चलकर क्लेम के समय आपको काफी आसानी होगी.
जॉब बदलने पर भी UAN पुराना ही रहेगा
अगर आप आगे चलकर नौकरी बदलते हैं, तो नया एंप्लॉयर आपके पुराने UAN के तहत आपकी नई मेंबर आईडी बना सकता है. मेंबर आईडी बदल सकती है, लेकिन हर सदस्य को UAN एक बार ही अलॉट किया जाता है और हमेशा एक ही बना रहता है. आप ऑनलाइन रिक्वेस्ट करके अपने UAN से जुड़ी दो मेंबर आईडी को मर्ज भी करवा सकते हैं, जिससे खाते को मेंटेन करने में आसानी रहेगी.
आसानी से चेक करें कंट्रीब्यूशन
हर महीने आप अपनी EPF पासबुक में लॉगिन कर यह चेक कर सकते हैं कि आपका योगदान (Contribution) आपके पीएफ खाते में सही ढंग से जमा हो रहा है या नहीं. वैसे कंट्रीब्यूशन जमा होने पर EPFO की तरफ से भी SMS अलर्ट भेजा जाता है. अगर कोई दिक्कत हो तो फौरन HR से संपर्क करें या EPF IGMS पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें.
UMANG ऐप डाउनलोड कर लें
EPF से जुड़ी तमाम सर्विसेज, जिनमें पासबुक देखना, क्लेम करना, ट्रांसफर करना शामिल है, भारत सरकार के UMANG ऐप के जरिये उपलब्ध हैं. आप इस ऐप को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर डाउनलोड करके अपने EPF अकाउंट को स्मार्ट तरीके से मैनेज कर सकते हैं.
नई नौकरी शुरू करने के साथ ही अगर आप EPF से जुड़ी इन प्रॉसेस को सही ढंग से पूरा कर लेंगे, तो आपका वित्तीय भविष्य मजबूत और सुरक्षित रहेगा. हर छोटी जानकारी को सही ढंग से भरना, दस्तावेजों का मिलान करना और समय-समय पर खाते की निगरानी करना जरूरी है.