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EPFO ने आधार को UAN से लिंक करने और गलतियां सुधारने की प्रॉसेस को और आसान बना दिया है. (AI Generated, EPFO)
EPFO simplifies Aadhaar seeding, correction process in UAN : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. ईपीएफओ ने अब आधार को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से लिंक करने और गलतियां सुधारने की प्रॉसेस को और आसान बना दिया है. अब आधार लिंकिंग और डिटेल्स सुधारने के लिए बार-बार EPFO ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. नई व्यवस्था से न केवल समय बचेगा, बल्कि प्रॉसेस भी तेज हो गई है.
आधार और UAN डिटेल्स में गड़बड़ी होने पर क्या करें
अगर आपके नाम, जेंडर या जन्म की तारीख में आधार और UAN के बीच कोई अंतर है, तो अब आपका एंप्लॉयर (Employer) जॉइंट डिक्लेरेशन (JD) फीचर के जरिए इन डिटेल्स को ऑनलाइन सुधारने का अनुरोध भेज सकता है. पहले इस तरह की प्रॉसेस में काफी समय लगता था, लेकिन अब इसे सरल और तेज बना दिया गया है.
आधार लिंक करने का आसान तरीका
EPFO के सर्कुलर के अनुसार, अगर आपके UAN में नाम, जेंडर और जन्म की तारीख की डिटेल्स आधार से पूरी तरह मैच करती हैं, तो आप सीधे अपने एंप्लॉयर से आधार लिंक कराने का अनुरोध कर सकते हैं. एंप्लॉयर अपने पोर्टल के KYC फीचर के जरिए आपके आधार को UAN से लिंक कर सकते हैं. इस प्रॉसेस में अब EPFO से अलग से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है.
अगर गलत आधार लिंक हो गया है तो?
कई बार गलती से गलत आधार नंबर UAN से लिंक हो जाता है. ऐसे मामलों में भी अब समाधान आसान हो गया है. एंप्लॉयर ऑनलाइन JD फीचर के जरिए सही आधार नंबर दर्ज कर सकते हैं और इसे संबंधित EPFO रीजनल ऑफिस को मंजूरी के लिए भेज सकते हैं.
क्यों जरूरी है आधार-UAN लिंकिंग
UAN में आधार को KYC के रूप में लिंक करने का मकसद एंप्लॉयर को बीच में लाए बिना सदस्यों को सीधे सर्विसेज उपलब्ध कराना है. इससे सर्विस मुहैया कराने का समय काफी कम हो गया है और सदस्य तेजी से अपने लाभ उठा पा रहे हैं.
EPFO ने कैसे आसान की प्रॉसेस
EPFO ने अब एक आसान प्रॉसेस लागू कर दी है, जिसमें अगर सदस्य का आधार UIDAI से वेरिफाई हो चुका है, तो वे खुद अपनी प्रोफाइल में बदलाव कर सकते हैं. सिर्फ कुछ मामलों में, जहां आधार लिंक या वेरिफाई नहीं है, वहां एंप्लॉयर या EPFO की मंजूरी की जरूरत होगी. इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि सदस्यों की परेशानी भी कम होगी.