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EPFO Rules 2025 : ईपीएफओ के नियमों में इस साल 5 बड़े बदलाव, हायर पेंशन से पीएफ ट्रांसफर तक, आसानी से समझें

EPFO : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने साल 2025 में अपने करोड़ों सदस्यों के लिए कई बड़े और जरूरी बदलाव किए हैं. इनका मकसद कर्मचारियों को ज्यादा सुविधा देना, प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाना और पारदर्शिता बढ़ाना है.

EPFO : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने साल 2025 में अपने करोड़ों सदस्यों के लिए कई बड़े और जरूरी बदलाव किए हैं. इनका मकसद कर्मचारियों को ज्यादा सुविधा देना, प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाना और पारदर्शिता बढ़ाना है.

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Sushil Tripathi
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EPF : पहले नौकरी बदलने पर पीएफ (Provident Fund) ट्रांसफर करने में काफी दिक्कतें होती थीं, लेकिन अब यह प्रक्रिया भी सरल हो गई है. (FE File Image)

5 big changes in EPFO rules : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने साल 2025 में अपने करोड़ों सदस्यों के लिए कई बड़े और जरूरी बदलाव किए हैं. इन बदलावों का मकसद कर्मचारियों को ज्यादा सुविधा देना, प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाना और पारदर्शिता बढ़ाना है. चाहे प्रोफाइल अपडेट करना हो, नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर करना हो या ज्यादा पेंशन से जुड़ी नीतियों की बात हो, अब यह सब पहले से आसान हो गया है. आइए, इन 5 बड़े बदलावों को आसान भाषा में समझते हैं. 

1. प्रोफाइल अपडेट करना अब हुआ आसान

अब EPFO में अपनी प्रोफाइल अपडेट करना पहले जैसा मुश्किल नहीं है. अगर आपका UAN आधार से लिंक है, तो आप अपना नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, जीवनसाथी की जानकारी और नौकरी की शुरुआत व समाप्ति की तारीख जैसे जरूरी बदलाव ऑनलाइन कर सकते हैं, वो भी बिना किसी दस्तावेज के. अगर आपका UAN 1 अक्टूबर 2017 से पहले का है, तो कुछ जानकारी अपडेट करने के लिए आपके नियोक्ता (employer) की मंजूरी लेनी पड़ सकती है.

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2. नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर करना आसान

पहले नौकरी बदलने पर पीएफ (Provident Fund) ट्रांसफर करने में काफी दिक्कतें होती थीं, लेकिन अब यह प्रक्रिया भी सरल हो गई है. 15 जनवरी 2025 को EPFO ने नए निर्देश जारी किए हैं, जिनके अनुसार कुछ मामलों में न पुराने नियोक्ता की मंजूरी और न ही नए नियोक्ता की मंजूरी, पीएफ ट्रांसफर के लिए जरूरी होगी.

यह सुविधा इन मामलों में मिलेगी:

एक ही UAN से जुड़े सभी सदस्य आईडी (Member IDs) का ट्रांसफर.

अगर दो अलग-अलग UAN आधार से लिंक हैं और नाम, जन्मतिथि, और लिंग जैसी जानकारी समान है.

अगर एक UAN पुराना और दूसरा नया है, लेकिन आधार और अन्य जानकारी मेल खाती है.

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3. ज्‍वॉइंट डिक्‍लेरेशन सरल हुआ

EPFO ने 16 जनवरी 2025 को ज्‍वॉइंट डिक्‍लेरेशन प्रक्रिया (Joint Declaration) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. अब सदस्यों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:

जिनका UAN आधार बेस्‍ड है,  वे ऑनलाइन ज्‍वॉइंट डिक्‍लेरेशन कर सकते हैं.

जिनका UAN पुराना है, लेकिन आधार से वेरिफाइड है, वे भी ऑनलाइन ज्‍वॉइंट डिक्‍लेरेशन कर सकते हैं.

जिनके पास UAN नहीं है, आधार वेरिफाइड नहीं है या सदस्य की डेथ हो गई है, उनके लिए फिजिकल ज्‍वॉइंट डिक्‍लेरेशन का प्रावधान रखा गया है.

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4. पेंशन भुगतान के लिए नया सिस्टम : CPPS

1 जनवरी 2025 से EPFO ने एक नया सिस्टम शुरू किया है, सेंट्रलाइज्‍ड पेंशन पेमेंट सिस्‍टम (CPPS). इसके तहत पेंशन अब NPCI प्लेटफॉर्म के जरिए देश के किसी भी बैंक खाते में सीधे भेजी जा सकती है.

इससे क्षेत्रीय कार्यालयों के बीच PPO ट्रांसफर की जरूरत खत्म हो जाएगी.

नया PPO जारी करते समय UAN बेस्‍ड लिंक होना जरूरी होगा, ताकि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Jeevan Pramaan) की सुविधा ली जा सके.

अगर गलती से क्लेम किसी गलत कार्यालय में भेज दिया गया है, तो उसे सही कार्यालय में वापस भेजा जाएगा.

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5. ज्यादा पेंशन को लेकर स्थिति साफ

जो सदस्य ज्यादा सैलरी के आधार पर पेंशन ले रहे हैं या लेना चाहते हैं, उनके लिए EPFO ने नई नीति साफ कर दी है.

पेंशन का कैलकुलेशन सभी पेंशनर्स के लिए समान तरीके से होगी.

जिन संस्थानों को छूट मिली हुई है, उन्हें ट्रस्ट के नियमों का पूरा पालन करना होगा.

बकाया वसूली और एरियर भुगतान की प्रक्रिया अलग से की जाएगी.

फिलहाल इन 5 बड़े बदलावों के साथ EPFO की सेवाएं अब और अधिक आधुनिक, डिजिटल और कर्मचारियों के लिए सुविधाजनक हो गई हैं. प्रोफाइल अपडेट करना, पीएफ ट्रांसफर करना या पेंशन से जुड़े काम करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गए हैं. यह कदम कर्मचारियों की सुविधा और भरोसे को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है.

Provident Fund Epfo