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EPS Account : आप 2 साल (60 की उम्र तक) के लिए पेंशन को टाल सकते हैं, जिसके बाद आपको हर साल 4% की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी. (AI Image)
EPFO Pension Rules : कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का एक हिस्सा है. यह योजना रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन देती है. यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है, लेकिन इस योजना का लाभ तभी लिया जा सकता है, जब किसी कर्मचारी ने कम से कम 10 साल तक नौकरी की हो. इस योजना (EPS Pension) का लाभ सिर्फ बुढ़ापे में पेंशन ही नहीं है, बल्कि इसमें अपंगता लाभ और ईपीएफ मेंबर की डेथ होने पर परिवार को पेंशन भी मिलता है.
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1. EPS पेंशन : क्या है फॉर्मूला (2014 के बाद)
(औसत वेतन × पेंशन योग्य सेवा) ÷ 70
एवरेज सैलरी : आखिरी 60 महीने (5 साल) की बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता (DA). लेकिन कैलकुलेशन करते समय आखिरी 60 महीने की बेसिक सैलरी को अधिकतम 15,000 रुपये ही माना जाता है.
पेंशन योग्य सेवा : 15 नवम्बर 1995 के बाद संगठित क्षेत्र में जितने साल काम किया है.
नोट : यहां ध्यान रखने वाली बात है कि हायर पेंशन विकल्प में कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी (15,000 रुपये से ऊपर) का 8.33% हिस्सा EPF से EPS में ट्रांसफर कर सकते हैं.
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2. EPS : पेंशन की क्या होनी चाहिए योग्यता
- आपको EPFO का मेंबर होना जरूरी है.
- आपने 10 साल तक नौकरी की हो, भले ही यह लगातार न हो.
- आप 58 साल के हो गए हों, तभी पेंशन का लाभ मिलेगा.
- 50 साल की उम्र होने पर आप ईपीएस से पैसे निकालना शुरू कर सकते हैं.
- आप 2 साल (60 साल की उम्र तक) के लिए अपनी पेंशन को टाल सकते हैं, जिसके बाद आपको हर साल 4% की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी.
3. EPS अकाउंट में कितनी जमा होती है रकम
हर महीने PF खाते में कर्मचारी की बेसिक सैलरी + डीए का 12 फीसदी जमा होता है. एम्प्लॉयर/कंपनी का योगदान भी 12 फीसदी ही होता है. कंपनी द्वारा किए जाने वाले योगदान में से 8.33 फीसदी राशि कर्मचारी के पेंशन फंड (EPS Fund) में जाती है और बाकी 3.67 फीसदी राशि ही पीएफ खाते में जाती है.
मौजूदा नियमों के अनुसार किसी भी कर्मचारी की सैलरी का 8.33 फीसदी उसके पेंशन खाते में जमा होता है. हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की सैलरी 15000 रुपए है तो 15000 X 8.33 /100 = 1250 रुपए हर महीने उसके पेंशन खाते में जाएंगे.
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4. मैक्सिमम कितनी मिलेगी पेंशन
कर्मचारी की मंथली पेंशन = पेंशन योग्य वेतन X पेंशन योग्य सेवा /70.
अधिकतम पेंशन : (15,000 रुपये × 35 साल ÷ 70) = 7,500 रुपये प्रति माह
न्यूनतम पेंशन : 1,000 रुपये प्रति माह
नोट: अगर आपने नौकरी बदली है और आपके कई EPS खाते हैं, तो वे सब जुड़ जाएंगे और आपको सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी.
5. EPS-95 पेंशन बढ़ाने की मांग
भारत में रिटायर लोग लंबे समय से न्यूनतम EPS-95 पेंशन (अभी 1,000 रुपये प्रति माह) बढ़ाने का इंतजार कर रहे हैं. ट्रेड यूनियन और पेंशनधारकों के संगठन सरकार से इसे 7,500 रुपये प्रति माह तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सरकार ने भी स्वीकार किया है कि इस बारे में काफी आवेदन और अनुरोध मिले हैं.
6. EPS के फायदे
EPS के तहत आप 58 साल की उम्र के बाद रिटायरमेंट पर पेंशन लेना शुरू कर सकते हैं.
अगर आपने कम से कम 10 साल नौकरी की है और जल्दी रिटायर हो जाते हैं, तो आप अग्रिम निकासी कर सकते हैं.
स्थायी विकलांगता की स्थिति में आपको अपंगता पेंशन मिलेगी.
अगर ईपीएफ मेंबर की डेथ हो जाती है, तो पत्नी, बच्चे या अनाथ बच्चों को फैमिली पेंशन मिलती है.
7. EPS के तहत कितने तरह की पेंशन
विधवा पेंशन : सदस्य की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को दी जाती है.
बाल पेंशन : पत्नी को पेंशन के साथ-साथ बच्चों के लिए अतिरिक्त पेंशन मिलती है.
अनाथ पेंशन : अगर दोनों माता-पिता जीवित नहीं हैं, तो ज्यादा से ज्यादा 2 बच्चों को 25 साल की उम्र तक या अगर वे अपंग हैं तो जीवनभर पेंशन मिलेगी.
कम उम्र में निकाली गई पेंशन : अगर 58 साल से पहले पेंशन निकाली जाती है तो यह कम राशि में मिलेगी.