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SIP in Red : 6 महीनों के दौरान 25 से ज्यादा ऐसी इक्विटी स्कीम हैं, जिनमें 25 से 30 फीसदी का नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ा है. (Pixabay)
Losing Wealth in SIP : सितंबर 2024 के बाद से जहां घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है, वहीं शॉर्ट टर्म में इक्विटी म्यूचुअल फंड का रिटर्न चार्ट भी लाल हो गया है. बीते 6 महीने की बात करें तो ज्यादातर इक्विटी स्कीम का रिटर्न निगेटिव में दिख रहा है. वहीं इन 6 महीनों के दौरान इनमें 25 से ज्यादा ऐसी इक्विटी स्कीम हैं, जिनमें 25 फीसदी से 30 फीसदी का नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ा है. फिलहाल बाजार के मौजूदा करेक्शन ने निवेशकों के म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो के रिटर्न को बिगाड़ दिया है. वहीं, इन 6 महीनों के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स में 12 फीसदी और 12 फीसदी गिरावट रही है.
6 महीने के टॉप लूजर इक्विटी फंड
मोतीलाल ओसवाल फोकस्ड फंड : -30%
सैमको फ्लेक्सी कैप फंड : -29%
क्वांट पीएसयू फंड : -28.80%
सैमको स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड : -28.50%
HDFC निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स फंड : -28%
ICICI प्रू निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स फंड : -28%
मोतीलाल ओसवाल निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स फंड : -28%
HDFC डिफेंस फंड : -27.26%
सैमको ELSS टैकस सेवर फंड : -27.26%
टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर फंड : -27%
कोटक BSE PSU इंडेक्स फंड : -26.84%
बंधन इंफ्रास्ट्रक्चर फंड : -26.80%
इन्वेस्को इंडिया PSU इक्विटी फंड : -26.73%
DSP निफ्टी स्मॉलकैप 250 क्वालिटी 50 इंडेक्स फंड : -26.40%
क्वांट बिजनेस साइकिल फंड : -26.26%
क्वांट मैन्युफैक्चरिंग फंड : -26.21%
SBI एनर्जी अपॉर्च्यूनिटीज फंड : -26.14%
मोतीलाल ओसवाल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड : -25.97%
LIC MF इंफ्रास्ट्रक्चर फंड : -25.37%
एडेलवाइस बिजनेस साइकिल फंड : -25.14%
ABSL PSU इक्विटी फंड : -25%
मोतीलाल ओसवाल क्वांट फंड : -25%
Tata निफ्टी रियल्टी इंडेक्स फंड : -25%
क्या आपको पोर्टफोलियो भी हो रहा निगेटिव
इक्विटी मार्केट में बड़ी गिरावट का खामियाजा इक्विटी म्यूचुअल फंड के निवेशकों को भी उठाना पड़ रहा है. बहुत से निवेशकों को म्यूचुअल फंड में नुकसान हो रहा है और वे बाजार के कमजोर आउटलुक को देखकर पैनिक हो रहे हैं. ऐसे में वे जानना चाहते हैं कि इस मुश्किल दौर में क्या किया जा सकता है. संभव है कि बहुत से निवेशक इस कठिन दौर में एसआईपी बंद करने पर भी विचार कर रहे हों. हालांकि फाइनेंशियल एडवाइजर घाटे वाले म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो से अचानक से बाहर आ जाने को सही स्ट्रैटेजी नहीं मानते हैं. बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि अचानक से एसआईपी बंद करना या घाटे में चल रहे म्यूचुअल फंड को भुना लेने की बजाए धैर्य से काम लिया जा सकता है. कुछ विकल्पों पर विचार कर सकते हैं.
SIP में 'पॉज' की भी है सुविधा?
अगर कोई कठिन दौर आ जाए, लेकिन आगे चीजों के सुधरने की गुंजाइश है, तो एसआईपी बंद नहीं करना चाहिए. इसके बजाए आप एसआईपी पॉज (SIP Pause) की सुविधा ले सकते हैं. एसआईपी पॉज वह सुविधा है, जिसमें आपको एसआईपी बंद करने की बजाए, इसे कुछ दिन रोकने की सुविधा मिल जाती है. पहले यह सुविधा 1 से 3 महीने की थी, लेकिन अब कुछ फंड हाउस ने इसे 6 महीने तक बढ़ा दिया है. अगर आप 6 महीने के लिए एसआईपी ‘पॉज’ का विकल्प लेते हैं तो 6 महीने बाद एसआईपी की रकम आपके खाते से खुद ही कटने लगेगी. इस पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं भी देना होगा.
पैनिक होकर पूरा पैसा न निकालें
बाजार में उतार चढ़ाव साइक्लिक होता है, इसलिए म्यूचुअल फंड में छोटी अवधि के दौरान नुकसान हो सकता है. लेकिन बाजार में गिरावट स्थाई नहीं होती है. इसलिए घबराकर आपको अपना निवेश नहीं भुनाना चाहिए. SIP आपको बाजार के टाइमिंग से मुक्त कर देता है. जब बाजार नीचे होता है तो यह आपके लिए अधिक यूनिट खरीदने के लिए रुपये की औसत लागत का भी लाभ उठाता है. इसलिए बाजार में रिकवरी का इंतजार करें. एक बार बाजार चढ़ाना शुरू हागा तो आपको ज्यादा यूनिट का फायदा मिलेगा. कह सकते हैं कि घाटे में चल रहे पोर्टफोलियो को अचानक बंद करना समझदारी नहीं है.
पोर्टफोलियो को कर सकते हैं कंपेयर
निगेटिव रिटर्न आने पर अपने म्यूचुअल फंड स्कीम की उसी कैटेगरी में और अन्य कैटेगरी में दूसरे म्यूचुअल फंड स्कीम के साथ तुलना करें. अगर आप देखते हैं कि बेस्ट रेटिंग वाले फंडों की तुलना में आपके म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन थोड़ा ही खराब है, तो स्विच करना आवश्यक नहीं होगा. अगर प्रदर्शन में बहुत ज्यादा अंतर है तो स्विच करने के पहले एडवाइजर की सलाह लें.
रिचर्स करें कि जिस फंड में पैसे लगा रहे हैं, उसके पोर्टफोलियो में किन कंपनियों के शेयर हैं. उन कंपनियों में हाई ग्रोथ के साथ लंबी अवधि तक मार्केट में आगे बने रहने की क्षमता है या नहीं. उसके बाद उस फंड के बारे में मसलन उसके पिछले प्रदर्शन, आउटलुक और एक्सपेंस रेश्यो की तुलना करनी चाहिए. निवेश के पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से भी सलाह लें.
(Fund Performance Source : Value Research)
(नोट : किसी भी इक्विटी फंड में पुराना रिटर्न आगे भी जारी रहेगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है. यह भविष्य में कायम भी रह सकता है और नहीं भी. बाजार में जोखिम होती है, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)