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Mutual Fund Return : इक्विटी फंड्स की 19 में सिर्फ 2 कैटेगरी में हुआ मुनाफा, बाकी 17 में निगेटिव रहा 1 साल का रिटर्न

Mutual Funds Negative Returns: पिछले 1 साल में 19 में से 17 इक्विटी फंड कैटेगरीज का रिटर्न निगेटिव रहा. सिर्फ दो ही कैटेगरीज ने 1 साल में कराया मुनाफा.

Mutual Funds Negative Returns: पिछले 1 साल में 19 में से 17 इक्विटी फंड कैटेगरीज का रिटर्न निगेटिव रहा. सिर्फ दो ही कैटेगरीज ने 1 साल में कराया मुनाफा.

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Viplav Rahi
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Negative Returns : पिछले 1 साल में ज्यादातर इक्विटी फंड्स का रिटर्न निगेटिव रहा है. (AI Generated Image)

Mutual Funds Negative Returns : इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की 19 में 17 कैटेगरीज का पिछले 1 साल का एवरेज रिटर्न निगेटिव रहा है. सबसे बुरी हालत में हैं टेक्नॉलजी फंड जिनका एक साल का एवरेज रिटर्न (-) 13.46% है. इसके बाद PSU फंड का नंबर है, जिसका एक साल का रिटर्न माइनस (-)12.54% है. वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स का पिछले 1 साल का एवरेज रिटर्न माइनस (-) 7.38 % रहा है.

सिर्फ 2 कैटेगरी का रिटर्न पॉजिटिव रहा

पिछले 1 साल के दौरान 19 में से सिर्फ 2 ही इक्विटी फंड कैटेगरीज का रिटर्न पॉजिटिव रहा है. ये हैं - इंटरनेशनल फंड्स (1 साल का एवरेज रिटर्न 30.23 %) और बैंकिंग सेक्टर फंड्स (1 साल का कैटेगरी एवरेज 4.42%). आइए देखते हैं कि पिछले 1 साल के दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की किस कैटेगरी ने कितना एवरेज रिटर्न दिया है. 

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इक्विटी फंड कैटेगरी / 1 साल का औसत रिटर्न 

टेक्नॉलजी फंड्स : (-) 13.46 %

PSU फंड्स : (-) 12.54 %

इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स : (-) 7.38 %

स्मॉल कैप फंड्स : (-) 7.35 %

लार्ज एंड मिड कैप फंड्स : (-) 7.34 %

वैल्यू फंड्स : (-) 7.22 %

डिविडेंड यील्ड फंड्स : (-) 6.54 %

एनर्जी फंड्स : (-) 5.52%

MNC फंड्स : (-) 5.13%

ESG फंड्स : (-) 4.12%

मिड कैप फंड्स : (-) 4.03%

ELSS फंड्स : (-) 3.60%

लार्ज कैप फंड्स : (-) 3.28%

फ्लेक्सी कैप फंड्स : (-) 3.27%

मल्टी कैप फंड्स : (-) 2.80%

कंजम्पशन थीम बेस्ड फंड्स : (-) 1.35%

फार्मा सेक्टोरल फंड्स : (-) 0.07%

बैंकिंग सेक्टोरल फंड्स : 4.42%

इंटरनेशनल फंड्स : 30.23%

(सोर्स : वैल्यू रिसर्च, 5 सितंबर 2025 तक के आंकड़े)

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सेक्टोरल, थीमैटिक फंड्स पर पड़ी मार

इन आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि पिछले 1 साल में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली तीन फंड कैटेगरी वे हैं, जिन्हें सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स की श्रेणी में रखा जाता है. इनके बाद सबसे खराब प्रदर्शन स्मॉल कैप फंड्स का है, जिनका 1 साल का एवरेज रिटर्न (-)7.35% रहा है. ये आंकड़े सेक्टोरल / थीमैटिक फंड्स या स्मॉल कैप फंड्स को शॉर्ट टर्म में बेहद रिस्की समझे जाने को सही साबित करते हैं. 

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लॉन्ग टर्म में बदली तस्वीर 

अगर आप 1 साल के निगेटिव रिटर्न के इन आंकड़ों को देखकर निराश हो रहे हैं, तो जरा रुकिए. ये बात हमेशा ध्यान में रखें कि इक्विटी फंड लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए होते हैं. इसलिए 1 साल के रिटर्न के आंकड़ों के आधार पर कोई राय बनाना सही नहीं होगा. इन सभी फंड कैटेगरीज के 3, 5 और 10 साल के एवरेज रिटर्न के आंकड़े देखेंगे, तो इनमें से एक का भी रिटर्न निगेटिव नहीं मिलेगा.

औसत सालाना रिटर्न को देखें, तो 3 साल में सबसे कम कैटेगरी एवरेज MNC फंड का है, जिसने इस दौरान 12.09% सालाना रिटर्न दिया है. वहीं, 5 साल में मिनिमम कैटेगरी एवरेज रिटर्न 11.65% (इंटरनेशनल फंड) और 10 साल में 9.91% (MNC फंड) रहा है. यानी लंबी अवधि में हर फंड कैटेगरी ने वेल्थ क्रिएशन में अपना योगदान किया है. एक बात और - यहां हमने जिन भी आंकड़ों का जिक्र किया है, वे सभी अलग-अलग फंड कैटेगरीज का औसत सालाना रिटर्न बताते हैं. हर फंड कैटेगरी में शामिल तमाम फंड्स के रिटर्न के आंकड़े इनसे काफी अलग हो सकते हैं. 

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यह भी ध्यान में रखें कि इक्विटी मार्केट में निवेश करने के कारण इक्विटी फंड्स को आमतौर पर रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक रिस्क (Very High Risk) की रेटिंग दी जाती है. इसलिए निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर ध्यान में रखना चाहिए.

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सलाह देना नहीं. म्यूचुअल फंड्स में पिछला रिटर्न आगे भी जारी रहेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं होती. निवेश का कोई भी फैसला अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर से सलाह-मशविरा करने के बाद ही करें)

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