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FD : एफडी लैडरिंग एक टेक्निक है, जिसमें निवेशकों को एकसाथ कई एफडी अकाउंट खोलने होते हैं, जिनकी मैच्योरिटी अलग अलग होती है. (Freepik)
Fixed Deposit Portfolio : फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेश का परंपरागत तरीका है, जिसे सुरक्षित मानते हुए एक तय ब्याज दर पर रिटर्न पाने के लिए इसमें निवेशक अपनी जमा पूंजी जमा करते हैं. FD स्कीम कई मैच्योरिटी डेट के साथ आती है. वहीं अलग अलग मैच्योरिटी के लिए ब्याज दरें भी अलग अलग होती हैं. अब एक स्मार्ट निवेशक इसी का फायदा उठाकर एफडी पर अपने रिटर्न को मैक्सिमाइज कर सकता है. इसके लिए निवेशक एफडी लैडरिंग का इस्तेमाल करते हैं. अब सवाल उठता है कि आप अलग-अलग अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट पर मैक्सिमम फायदा कैसे हासिल कर सकते हैं?
एफडी लैडरिंग कैसे होती है?
फिक्स्ड डिपॉजिट लैडरिंग (FD Laddering) निवेश का एक ऐसा तरीका है, जिसका उपयोग रिटर्न को बेहतर बनाने के साथ ही लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए किया जाता है. एफडी लैडरिंग में, अपने सभी फंड को एक ही स्कीम में ब्लॉक करने की बजाय, कोई निवेशक अलग-अलग मैच्योरिटी डेट के साथ कई एफडी बना सकता है.
एफडी लैडरिंग एक टेक्निक है, जिसमें निवेशकों को एकसाथ कई एफडी अकाउंट खोलने होते हैं, जिनकी मैच्योरिटी अलग अलग होती है. उदाहरण के तौर पर अगर आपके पास 20 लाख रुपये हैं, जिसे फिक्स्ड डिपॉजिट करना है तो पहले इसे अलग अलग 5 हिस्सों में बांट लें. अब हर 2 लाख को 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल की मैच्योरिटी वाली एफडी योजना में जमा करें. इससे आपको समय-समय पर पैसा मिलता रहेगा, जिसे आप जरूरत के हिसाब से खर्च कर सकते हैं.
निवेश की ये स्ट्रैटेजी कितनी कारगर
एफडी एक लैडर यानी सीढ़ी बनाने की तरह (How FD Ladder Works) है. इसके जरिए आप अपनी रकम को अलग-अलग मैच्योरिटी पीरियड के साथ कई एफडी योजनाओं में बांट देते हैं. अगर आपके पास निवेश के लिए 10 लाख रुपये है तो इसे 5 अलग अलग हिस्से में बांट सकते हैं. एक हिस्सा 1 साल की एफडी में, दूसरा 2 साल की एफडी में, तीसरा 3 साल की एफडी में और चौथा 5 साल की एफडी में बांटते हैं.
अब अगले स्टेप में हर डिपॉजिट अमाउंट अलग-अलग समय पर मैच्योर होता है. अगले स्टेप में आपको करना यह है कि मैच्योरिटी के बाद जरूरत न हो तो ब्याज के साथ मिलने वाली रकम को उसी स्कीम में फिर जमा कर सकते हैं. इस तरह से एफडी की एक सीढ़ी बनती जाती है. वहीं आप अपनी एफडी पर मैक्सिमम रिटर्न हासिल कर सकते हैं. लंबी अवधि में आपके पास इस रणनीति से अच्छा खासा फंड होगा
जब चाहें तब फंड का करें इस्तेमाल
FD लैडरिंग का यह फायदा बहुत बड़ा है. इसमें जैसे जैसे आपकी एफडी मैच्योर होगी, उस हिसाब से हर साल यानी 1 साल, 2 साल, 3 साल, 4 साल और 5 साल पर ब्याज जोड़कर आपका डिपॉजिट मिलता रहेगा. यानी हर साल एक बड़ा अमाउंट आपके बैंक खाते में आ जाएगा. इसलिए अचानक से पैसे की जरूरत आने पर आपको अपनी एफडी तोड़नी नहीं पड़ेगी. सबसे कम समय की मैच्योरिटी वाली एफडी का इस्तेमाल उस इमरजेंसी में कर सकते हैं. अगर मैच्योरिटी पूरे होने पर आपका पैसों का काम हैं तो इस्तेमाल करें और बचे पैसों को फिर एफडी कर दें.
FD लैडरिंग क्यों करना चाहिए?
हाई इंटरेस्ट अर्निंग
ब्याज दर घटने या बढ़ने के टेंशन से छुटकारा
बिना नुकसान के लिक्विडिटी
फ्लेक्सिबिलिटी
रिस्क मैनेजमेंट
लंबी अवधि में अपने निवेश के लक्ष्य पूरा करने के लिए
टैक्स सेविंग के लिए
इन बातों का रखें ध्यान
लिक्विडिटी की जरूरत
इंटरेस्ट रेट कहां ज्यादा
अर्ली विदड्रॉ पर पेनल्टी
टैक्स के नियम