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FD vs Debt Fund: डेट फंड में रिस्क इक्विटी के मुकाबले कम रहता है और रिटर्न आमतौर पर बैंक एफडी से बेहतर रहते हैं. (Image : Pixabay)
HDFC Mutual Fund Debt Scheme: बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FD) में निवेश करने वालों का मुख्य मकसद अपनी जमापूंजी को सुरक्षित रखना और उस पर फिक्स्ड रिटर्न हासिल करना होता है. लेकिन इसके बदले में उन्हें रिटर्न के साथ काफी समझौता करना पड़ता है. अगर इंफ्लेशन की वजह से रुपये की परचेजिंग पावर यानी क्रय शक्ति में आने वाली गिरावट को भी एडजस्ट कर लिया जाए, तो बैंक एफडी के रिटर्न और भी कमजोर नजर आते हैं. महंगाई को मात देने वाले बेहतर रिटर्न के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में पैसे लगाने की सलाह दी जाती है. लेकिन सभी निवेशक इक्विटी इनवेस्टमेंट के साथ जुड़ा मार्केट रिस्क उठाने की स्थिति में नहीं होते. ऐसे निवेशकों के लिए डेट फंड में निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इक्विटी के मुकाबले डेट फंड में रिस्क काफी कम रहता है और रिटर्न आमतौर पर बैंक एफडी से बेहतर रहते हैं.
HDFC लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड का शानदार रिटर्न
देश के प्रमुख फंड हाउस HDFC म्यूचुअल फंड की डेट स्कीम एचडीएफसी लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड (HDFC Long Duration Debt Fund) ने पिछले साल लॉन्च होने के बाद से अब तक निवेशकों की इसी उम्मीद को पूरा करने का काम किया है. इस स्कीम के डायरेक्ट प्लान ने पिछले एक साल में 14 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. खास बात यह है कि स्कीम के पोर्टफोलियो का अधिकांश हिस्सा गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ में लगा हुआ है, जिसकी वजह से इसमें निवेश को तुलनात्मक रूप से काफी सुरक्षित माना जा सकता है. यही वजह है कि इस स्कीम का रिस्क लेवल मॉडरेट रखा गया है. आइए जानते हैं इस स्कीम की खास बातें. साथ ही यह भी समझेंगे कि इस स्कीम में निवेश करना आपके लिए कितना सही है.
HDFC लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड में क्या है खास
HDFC लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड एक ओपन-एंडेड डेट स्कीम है, जो लंबे समय तक निवेश के लिए बनाई गई है. इसका निवेश मुख्य तौर पर सरकारी सिक्योरिटीज (Government Securities) में किया जाता है, जिससे इसमें कम जोखिम रहता है.
स्कीम से जुड़ी जरूरी बातें
- 1 साल का रिटर्न (डायरेक्ट प्लान) : 14.48%
- बेंचमार्क : Nifty Long Duration Debt Fund Index - A-III
- बेंचमार्क का रिटर्न (1 साल) : 11.82%
- पोर्टफोलियो: 98.69% निवेश सरकारी बांड्स में
- एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 5,106.16 करोड़ रुपये (14 अक्टूबर 2024)
- स्कीम शुरू होने की तारीख : 20 जनवरी 2023
- मिनिमम SIP: 100 रुपये
- रिस्क लेवल : मॉडरेट
- एक्सपेंस रेशियो (डायरेक्ट प्लान): 0.25 %
- एक्सपेंस रेशियो (रेगुलर प्लान): 0.60 %
-एंट्री लोड, एग्जिट लोड : कुछ नहीं
निवेश की रणनीति
HDFC लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड की निवेश रणनीति में अधिकतर सरकारी बांड्स का चयन किया गया है. यह स्कीम 7 साल से अधिक की मैकाले अवधि (Macaulay Duration) वाले निवेश पर फोकस करती है. लिहाजा यह स्कीम लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतर मानी जा सकती है. इस स्कीम का लक्ष्य पूंजी को सुरक्षित रखते हुए लॉन्ग टर्म रिटर्न हासिल करना है.
फंड मैनेजर्स
- शोभित मेहरोत्रा: सीनियर फंड मैनेजर, 30 साल का अनुभव
- ध्रुव मुचाल: इक्विटी एनालिस्ट और फंड मैनेजर
बैंक FD से बेहतर क्यों है यह स्कीम?
HDFC लॉन्ग ड्यूरेशन डेट फंड ने बैंक FD की तुलना में महंगाई और ब्याज दरों के बदलाव के बावजूद बेहतर रिटर्न दिया है. पिछले एक साल में इस फंड ने निवेशकों को 14.48% तक रिटर्न दिया है, जो बैंक FD की तुलना में काफी बेहतर है. 1 साल के बैंक एफडी की ब्याज दरें आमतौर पर 6 से 7 फीसदी तक ही हैं.
किनके लिए सही है ये डेट स्कीम
अगर आप लंबी अवधि यानी कम से कम 3 से 5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह HDFC म्यूचुअल फंड की यह डेट स्कीम आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकती है. खास तौर पर ऐसे निवेशकों के लिए जो इक्विटी मार्केट के जोखिम से बचना चाहते हैं, लेकिन मॉडरेट रिस्क लेकर महंगाई को मात देने वाला रिटर्न पाने की इच्छा रखते हैं. हालांकि यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि डेट फंड में मिलने वाले रिटर्न एफडी की तरह फिक्स्ड नहीं होते हैं.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)