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Mutual Funds SIP Trends : Groww प्लेटफार्म ने म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट के बारे में कई दिलचस्प आंकड़े जारी किए हैं.
Mutual Funds SIP Investment Trends : आज के दौर में म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे लोकप्रिय तरीका सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बन चुका है. ग्रो (Groww) प्लेटफार्म द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड में होने वाले कुल निवेश का 86% हिस्सा SIP के जरिये आता है, जबकि लंपसम यानी एकमुश्त निवेश का हिस्सा केवल 14% ही है. ग्रो ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वे एसआईपी में छोटे शहरों के निवेशकों और युवा पीढ़ी की बढ़ती दिलचस्पी के संकेत भी देते हैं. Groww प्लेटफार्म ने म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट, खास तौर पर SIP के जरिये होने वाले निवेश के बारे में कई दिलचस्प आंकड़े जारी किए हैं. SIP को लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड बनाने का शानदार तरीका माना जाता है, क्योंकि इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है.
युवाओं और महिलाओं की बढ़ती भूमिका
Groww प्लेटफार्म के आंकड़ों के मुताबिक SIP निवेश में सबसे ज्यादा योगदान युवा निवेशकों का है.
- SIP करने वाले 50% निवेशक 35 साल से कम उम्र के हैं, जो दिखाता है कि युवा वर्ग नियमित निवेश के बारे में गंभीर हो रहा है.
- SIP निवेश में महिलाओं की हिस्सेदारी 24% है, जो AMFI द्वारा रिपोर्ट किए गए राष्ट्रीय औसत से अधिक है. यह आंकड़ा बताता है कि महिलाएं भी अब वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं.
म्यूचुअल फंड में SIP का बढ़ता क्रेज
- म्यूचुअल फंड निवेश का 86% हिस्सा SIP के माध्यम से आता है.
- म्यूचुअल फंड के कुल निवेश में एकमुश्त निवेश का हिस्सा केवल 14% है, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि अधिकतर निवेशक SIP को प्राथमिकता दे रहे हैं.
- लंपसम के मुकाबले SIP की लोकप्रियता का एक मुख्य कारण है कि यह निवेशकों को बेहद छोटी रकम से भी नियमित निवेश शुरू करने का मौका देता है.
- यह निवेश का अनुशासित तरीका है, जिसमें हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश होता है.
गैर-मेट्रो शहरों का बढ़ता योगदान
- SIP निवेश में 80% लेन-देन गैर-मेट्रो शहरों से होता है, जो यह दर्शाता है कि छोटे शहरों के लोग भी अब निवेश के महत्व को समझने लगे हैं.
- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों से सबसे ज्यादा SIP निवेशक सामने आए हैं. यह क्षेत्रीय स्तर पर निवेश में बढ़ती जागरूकता और इच्छाशक्ति को दर्शाता है.
नए निवेशकों की भागीदारी
युवा निवेशकों के साथ ही, महिलाओं का भी योगदान बढ़ा है. महिलाओं के 24% SIP नए निवेश के रूप में दर्ज किए गए हैं, जो राष्ट्रीय औसत 17% से अधिक है. Groww पर औसत SIP निवेश की रकम प्रति ग्राहक 6,000 रुपये से अधिक हो चुकी है, जो यह दर्शाता है कि निवेशक अब लंबे समय के लिए प्रतिबद्ध हो रहे हैं. ग्रो के सह-संस्थापक और सीओओ हर्ष जैन ने इन आंकड़ों को जारी किए जाने के मौके पर कहा, "युवाओं और महिला निवेशकों की बढ़ती भागीदारी पूरे भारत में बचत के वित्तीयकरण को दर्शाती है, क्योंकि अधिक लोग व्यवस्थित, दीर्घकालिक निवेश को अपना रहे हैं. हमने यूपीआई ऑटोपे को बड़े पैमाने पर अपनाया है, जिसने निवेशकों के लिए भुगतान की प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है. इसके अलावा हमारी एक पहल - ‘अब इंडिया करेगा ग्रो’ ने पूरे देश में निवेशकों के बीच अनुशासित निवेश का प्रचार किया है."
म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे आसान तरीका
ग्रो प्लेटफॉर्म ने यह भी बताया है कि उसने सितंबर तिमाही में 47 लाख नए SIP जोड़े हैं. सितंबर 2024 के महीने में Groww प्लेटफार्म पर कुल 16 लाख नए SIP जुड़े. पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में Groww पर नए SIP में 2 गुना वृद्धि देखी गई है. यह सारे आंकड़े बताते हैं कि SIP को म्यूचुअल फंड में निवेश करने के सबसे अनुशासित और सरल तरीके के रूप में बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है. Groww प्लेटफार्म पर दी गई जानकारी के अनुसार, अधिकतर निवेशक अब SIP के जरिये निवेश करना पसंद कर रहे हैं, खासकर युवा और छोटे शहरों के लोग. यह प्रवृत्ति न केवल वित्तीय जागरूकता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि लोग अपने भविष्य के लिए लॉन्ग टर्म निवेश की योजना बना रहे हैं.
हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश को लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन का बेहतर तरीका माना जाता है. लेकिन निवेशकों को यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि इसके साथ मार्केट रिस्क भी जुड़ा रहता है. इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश की तुलना फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) या ऐसी ही अन्य सुरक्षित स्मॉल सेविंग स्कीम्स से नहीं की जा सकती.