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Diwali Gold Buying Tips : दिवाली पर सोना खरीदने जा रहे हैं तो समझदारी से काम लें. (File Photo : Reuters)
Gold Buying on Diwali : दिवाली का त्योहार खुशियों और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह धन की देवी लक्ष्मी से जुड़ा है. लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं. सोने के दाम अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुके हैं. ऐसे में सोने में निवेश करना चाहिए या नहीं, ये एक अलग ही सवाल है. लेकिन दिवाली पर लोग अच्छे शगुन के लिए थोड़ा-बहुत सोना खरीदते हैं. अगर आप भी इस दिवाली पर सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो भी समझदारी से काम लें.
1. शहर के हिसाब से चेक करें गोल्ड के रेट
अक्सर लोग यह मान लेते हैं कि पूरे देश में सोने की कीमत एक जैसी होती है, जबकि ऐसा नहीं है. अलग-अलग शहरों में गोल्ड रेट्स में फर्क आता है, क्योंकि इसमें स्थानीय टैक्स, ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट और डिमांड जैसी बातें शामिल होती हैं.
अगर आप सही दाम पर खरीदना चाहते हैं, तो इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) या किसी भरोसेमंद फाइनेंशियल वेबसाइट पर जाकर अपने शहर का लेटेस्ट गोल्ड रेट जरूर देखें. गोल्ड प्राइस दिन में दो बार अपडेट होती है, इसलिए सुबह और शाम दोनों वक्त कीमतें चेक करना फायदेमंद रहेगा. इससे आपको खरीदारी के लिए सबसे सही समय चुनने में मदद मिलेगी.
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2. गोल्ड की प्योरिटी और हॉलमार्किंग की जांच करें
दिवाली पर बाजार में भारी भीड़ रहती है और ऐसे में नकली या कम प्योरिटी वाले सोने की बिक्री भी बढ़ जाती है. इसलिए सबसे जरूरी है कि आप सोने की शुद्धता (purity) की जांच करें. भारत में 24 कैरेट सबसे शुद्ध माना जाता है, लेकिन ज्यादातर गहने 22 कैरेट (916) या 18 कैरेट (750) गोल्ड से बने होते हैं.
अब सरकार ने हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है, इसलिए खरीदारी से पहले गहनों पर मौजूद हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन (Hallmark Unique Identification - HUID) नंबर जरूर देखें. यह छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जिसे BIS केयर ऐप पर डालकर आप सोने की असली जानकारी और ज्वैलर की रजिस्ट्री देख सकते हैं. इससे आपको यह भरोसा रहेगा कि आपका सोना पूरी तरह असली और प्रमाणित है.
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3. मेकिंग चार्ज और वेस्टेज को समझें
सोना खरीदते वक्त सिर्फ गोल्ड रेट ही नहीं, बल्कि मेकिंग चार्ज भी आपके बिल का अहम हिस्सा होता है. यह चार्ज इस बात पर निर्भर करता है कि गहना मशीन से बना है या हाथ से. आमतौर पर मशीन से बने गहनों पर 5-8% तक मेकिंग चार्ज लगता है, जबकि हाथ से बनाए गए डिजाइनर गहनों पर यह 20-30% तक भी जा सकता है.
कई बार ज्वैलर्स गोल्ड वेस्टेज चार्ज के नाम पर अतिरिक्त राशि जोड़ देते हैं. अगर गहनों में डायमंड या दूसरे स्टोन्स लगे हैं, तो उनकी कीमत अलग से जोड़ी जानी चाहिए. इसलिए हमेशा ज्वैलर से बिल की डिटेल मांगें और यह सुनिश्चित करें कि हर चार्ज का स्पष्ट ब्रेकअप दिया गया हो.
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4. फेक हॉलमार्क और स्कैम से रहें सावधान
त्योहारों के मौसम में ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ जाते हैं. इसलिए सबसे पहले ध्यान रखें कि आप सिर्फ हॉलमार्क वाले गहने ही खरीदें. कई बार नकली हॉलमार्क या छिपे हुए मेकिंग चार्ज के जरिए ग्राहकों को ठगा जाता है. इसलिए भरोसेमंद ज्वैलर्स से ही खरीदें और बिल लेना न भूलें.
अगर कोई ज्वैलर बिना इनवॉइस के छूट दे रहा है, तो यह सौदा नुकसान की वजह बन सकता है. असली हॉलमार्क की जांच किए बिना सोना खरीदना आपके निवेश को जोखिम में डाल सकता है.
5. ज्वैलर की बायबैक पॉलिसी को समझें
सोना सिर्फ पहनने के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय का निवेश भी है. जब आप इसे दोबारा बेचने जाएंगे, तो ज्वैलर वर्तमान बाजार भाव के आधार पर इसकी कीमत तय करेगा. इसलिए खरीदते वक्त यह जरूर पूछें कि उसकी बायबैक पॉलिसी क्या है और भविष्य में कितनी कटौती की जाएगी.
कुछ ज्वैलर्स गोल्ड स्कीम भी ऑफर करते हैं, जिनसे आप हर महीने छोटी किस्तों में पैसे जमा करके सोना खरीद सकते हैं. इससे मेकिंग चार्ज पर छूट और डिजाइन कस्टमाइजेशन का फायदा मिल सकता है.
समझदारी से करें खरीदारी
कुल मिलाकर देखें तो दिवाली पर सोना खरीदना शुभ जरूर है, लेकिन ऐसा करते समय समझदारी दिखाना जरूरी है. सही रेट जानना, प्योरिटी की जांच करना और हर चार्ज को समझना आपकी बचत को सुरक्षित रखेगा. याद रखें, सोना तभी सौभाग्य लाएगा जब आप ये काम पूरी सावधानी से करेंगे.