/financial-express-hindi/media/media_files/2025/10/04/gold-reuters-3-2025-10-04-10-07-00.jpg)
Best time to buy gold : इस धनतेरस या दिवाली पर सोना शुभ लाभ के लिए खरीदें, जबकि निवेश के लिए कीमतें गिरने का इंतजार करें. Photograph: (Reuters)
Should you buy gold on Diwali or wait for price correction : इस साल दिवाली के पहले सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर हैं. सोना पिछली दिवाली से अब तक 56 फीसदी महंगा हो चुका है. पिछले साल दिवाली 30 अक्टूबर 2024 को सोने का भाव 78,430 रुपये प्रति 10 ग्राम था. यह अब बढ़कर 1,22,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस पास है. यानी इसमें 43,570 रुपये या 56 फीसदी की तेजी आ चुकी है. ऐसे में अब निवेशकों को इतने हाई रेट पर सोना (Gold) खरीदने के लेकर कनफ्यूजन हो सकता है. क्या आपके लिए धनतेरस या दिवाली पर इस साल मौजूदा प्राइस पर सोना खरीदने में समझदारी है?
Gold ETF Success : 5 लाख निवेश करने पर मिला 50 लाख, निप्पॉन इंडिया के पहले गोल्ड ईटीएएफ का कमाल
एक्सपर्ट : गिरावट का करें इंतजार, मौजूदा प्राइस पर रिस्क
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि इस धनतेरस या दिवाली पर सोना सिर्फ शुभ लाभ यानी परंपरा निभाने के लिए ही खरीदें. उन​का कहना है कि सोने की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ चुकी हैं और अभी निवेशकों को फ्रेश इन्वेस्टमेंट के लिए 10 से 15 फीसदी करेक्शन का इंतजार करना चाहिए.
उनका कहना है कि सोना अगर 15 फीसदी टूटकर 1 लाख रुपये के करीब आता है, तो उसमें निवेश करना चाहिए. क्योंकि अभी सोने के शॉर्ट टर्म मूवमेंट को लेकर कुछ क्लेरिटी नहीं है. इजराइल और हमास का वार करीब करीब रुक चुका है. रूस और यूक्रेन में भी इस तरह की सहमति बनती है तो यह सोने में गिरावट आ सकती है.
SBI की गोल्ड स्कीम ने 15 लाख को बनाया 1 करोड़, 572% एबसॉल्यूट रिटर्न वाला Gold ETF
उनका कहना है कि सोना ही नहीं चांदी में भी 10 से 15 फीसदी गिरावट का इंतजार करना सही विकल्प है. अभी चांदी 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम के करीब है. अगर चांदी 1.25 से 1.30 लाख रुपये के आस पास आता है तो इसमें नए सिरे से या फ्रेश निवेश किया जा सकता है. हालांकि अगर आप शादी, गिफ्ट या त्योहार के मौके के लिए गहने खरीद रहे हैं, तो इंतजार करने से खास फायदा नहीं होगा. क्योंकि अगर करेक्शन नहीं आया तो आपको वर्तमान ऊंचे दामों पर ही खरीदना पड़ेगा.
सोना पहले से हैं तो बने रहें, बेचना गलत कदम
अजय केडिया का कहना है कि हालांकि सोने का लॉन्ग टर्म आउटलुक मजबूत है. सोना लंबी अवधि में कंसिस्टेंट वेल्थ क्रिएटर रहा है. ऐसे में आपके पास सोना पहले से है तो बिना किसी बड़ी जरूरत के, उसे बेचने से बचें. सोना लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देता रहेगा. हालांकि उनकी सलाह है कि फिजिकल गोल्ड की बजाए डीमैट फॉर्मेट में सोना खरीदने में ज्यादा समझदारी है. गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड बॉन्ड (Gold Bonds) बेहतर विकल्प हैं. सिल्वर ईटीएफ आने वाले दिनों में कमोडिटी में बेस्ट विकल्प हो सकता है.
Diwali Stocks : निवेश के लिए बेस्ट 5 लार्ज कैप स्टॉक, दिवाली के पहले पोर्टफोलियो करें मजबूत
Gold ETF क्या होते हैं?
गोल्ड ईटीएफ ओपन-एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund) होते हैं, जो सोने और उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. गोल्ड फंड, गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश करते हैं और गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड में. गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स की कीमतें, फिजिकल गोल्ड के भाव के आधार पर बढ़ती-घटती रहती हैं. यही वजह है कि गोल्ड ईटीएफ में किए गए निवेश के रिटर्न आम तौर पर फिजिकल गोल्ड में निवेश से मिलने वाले रिटर्न के काफी करीब होते हैं.
गोल्ड ETF को भी बाकी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किया जाता है और इनवेस्टर अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए इन्हें खरीद और बेच सकते हैं. रिस्कोमीटर पर ज्यादातर गोल्ड ईटीएफ को हाई रिस्क (High Risk) रेटिंग मिली हुई है, क्योंकि इसके रिटर्न पर गोल्ड की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है.