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Gold Fund Returns : कई गोल्ड फंड बेहद कम खर्च में पिछले 10 साल से 15% एनुअल रिटर्न दे रहे हैं. (Image : Pixabay)
Gold Funds Long Term Returns : सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है. बदलते दौर में सोने में निवेश का सबसे आसान तरीका गोल्ड फंड बन गए हैं. कई ऐसे गोल्ड फंड्स हैं, जिनका बीते 10 साल का एनुअल रिटर्न 15% के आसपास रहा है, जो काफी आकर्षक माना जा सकता है. खास बात यह है कि इन फंड्स का एक्सपेंस रेशियो यानी निवेश का खर्च काफी कम है और रेटिंग मजबूत.
10 साल में दमदार रिटर्न देने वाले गोल्ड फंड
पिछले एक दशक में गोल्ड की कीमतों में लगातार मजबूती रही है और इसका असर गोल्ड फंड्स के रिटर्न्स पर भी साफ दिखता है. यहां हम ऐसे 5 गोल्ड फंड्स की जानकारी दे रहे हैं, जिनका पिछले 10 साल का एनुअल रिटर्न करीब 15% रहा है. यानी लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों को इन फंड्स ने काफी अच्छा रिटर्न दिया है. इनका एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) भी बेहद कम यानी 0.10% से 0.32% तक है.
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10 साल में 15% एनुअल रिटर्न देने वाले 5 गोल्ड फंड
कम खर्च में बेहतर रिटर्न देने वाले टॉप 5 गोल्ड फंड्स में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (HDFC MF), एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI MF), एलआईसी म्यूचुअल फंड (LIC MF), एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis MF) और इनवेस्को इंडिया म्यूचुअल फंड की स्कीम शामिल हैं.
1. एसबीआई गोल्ड फंड - डायरेक्ट प्लान
(SBI Gold Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 5 स्टार
10 साल में औसत सालाना रिटर्न (CAGR) : 15.21%
एक्सपेंस रेशियो : 0.10%
2. एक्सिस गोल्ड फंड - डायरेक्ट प्लान
(Axis Gold Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 5 स्टार
10 साल में औसत सालाना रिटर्न (CAGR) : 15.29%
एक्सपेंस रेशियो : 0.17 %
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3. एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ फंड ऑफ फंड - डायरेक्ट प्लान
(HDFC Gold ETF Fund of Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 3 स्टार
10 साल में औसत सालाना रिटर्न (CAGR) : 15.21%
एक्सपेंस रेशियो : 0.18 %
4.. एलआईसी एमएफ गोल्ड ईटीएफ फंड ऑफ फंड - डायरेक्ट प्लान
(LIC MF Gold ETF FoF - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 4 स्टार
10 साल में औसत सालाना रिटर्न (CAGR) : 14.93%
एक्सपेंस रेशियो : 0.32 %
5. इनवेस्को इंडिया गोल्ड ईटीएफ फंड ऑफ फंड - डायरेक्ट प्लान
(Invesco India Gold ETF FoF - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 3 स्टार
10 साल में औसत सालाना रिटर्न (CAGR) : 15.38%
एक्सपेंस रेशियो : 0.10 %
(सोर्स - वैल्यू रिसर्च)
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गोल्ड फंड और गोल्ड ईटीएफ में अंतर
गोल्ड फंड्स उन म्यूचुअल फंड स्कीम्स को कहते हैं, जो सोने और सोने से जुड़े एसेट्स में निवेश करती हैं. इन्हें सीधे एएमसी या फंड हाउस से खरीदा जा सकता है. गोल्ड ETF भी गोल्ड में इनवेस्ट करते हैं, लेकिन ये एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड होते हैं, जिन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की तरह खरीदा-बेचा जाता हैं. इनमें लाइव प्राइसिंग और ज्यादा लिक्विडिटी होती है. वहीं, गोल्ड फंड्स को नेट एसेट वैल्यू (NAV) यानी दिन के अंत में तय कीमत पर खरीदा या बेचा जाता है. वहीं, गोल्ड ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स (Gold ETF FoF), ऐसे म्यूचुअल फंड्स हैं, जो दूसरी गोल्ड ईटीएफ स्कीम्स में इनवेस्ट करते हैं. निवेशकों के लिए ये सभी फिजिकल गोल्ड खरीदे बिना सोने में निवेश करने के आसान ऑप्शन हैं.
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गोल्ड फंड्स में निवेश क्यों हैं आसान
गोल्ड फंड्स उन निवेशकों के लिए बेहतर ऑप्शन हैं जो सोना खरीदना चाहते हैं लेकिन फिजिकल गोल्ड रखने के झंझट से बचना चाहते हैं. इन्हें खरीदने-बेचने में आसानी है, चोरी या स्टोरेज का कोई डर नहीं है और लंबे समय में ये महंगाई से सुरक्षा भी देते हैं. सोने की मांग और कीमतें बढ़ने पर इनके रिटर्न भी मजबूत हो जाते हैं.
अगर आप अपनी बचत का एक हिस्सा सोने में लगाना चाहते हैं तो गोल्ड फंड्स और गोल्ड ETF बेहतरीन विकल्प हैं. पिछले 10 सालों के रिटर्न्स बताते हैं कि सोना सिर्फ गहनों की खूबसूरती नहीं बढ़ाता, बल्कि निवेशकों की दौलत भी बढ़ाता है. सही फंड चुनकर और लंबे समय तक टिके रहकर निवेशक सोने की इस चमक से अपने पोर्टफोलियो को और मजबूत बना सकते हैं.
रिस्क को समझना भी जरूरी है
गोल्ड फंड या गोल्ड ईटीएफ के बारे में ये जानना जरूरी है कि इनका रिटर्न सोने की मार्केट प्राइस में होने वाले उतार-चढ़ावों से प्रभावित होता है. इसलिए इनमें पिछले रिटर्न के भविष्य में भी जारी रहने की कोई गारंटी नहीं होती. यही वजह है कि रिस्कोमीटर पर इन्हें हाई रिस्क (High Risk) की रेटिंग दी जाती है. इसलिए इनमें निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखें. साथ ही लंबी अवधि के लिए पैसे लगाने की तैयारी हो तभी निवेश करें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर से सलाह-मशविरा करने के बाद ही करें)