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Gold Demand : सोने और चांदी में हालिया रिकॉर्ड तेजी अभी भी जारी है, लेकिन त्योहारों के बाद फिजिकल डिमांड कम हो गई है. Photograph: (Reuters)
Safe investment options 2025 : आने वाले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में कुछ हद तक हेल्दी गिरावट देखने को मिल सकती है. सोने और चांदी में हालिया रिकॉर्ड तेजी अभी भी जारी है, लेकिन त्योहारों के बाद फिजिकल डिमांड कम हो गई है. एक्सपर्ट का कहना है कि सोने या चांदी में यह गिरावट निवेश (Gold Investment) का नए सिरे से मौका लेकर आएगी. क्योंकि इन एसेट क्लास में लॉन्ग टर्म रैली जारी रहेगी. अगले साल दिवाली तक सोना 1.50 लाख रुपये और चांदी 1.80 से 2 लाख रुपये तक की रेंज दिखा सकता है.
फिलहाल ग्लोबल और डोमेस्टिक बाजारों में नई ऊंचाइयों को छूने के बाद बुलियन एक सीमित दायरे में कारोबार कर सकता है, क्योंकि निवेशकों की नजर अमेरिकी फाइनेंसिंग विधेयक, प्रमुख वैश्विक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों पर रहेगी.
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बता दें कि एमसीएक्स पर, दिसंबर डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव बीते शुक्रवार को 1,32,294 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. हालांकि, इसमें ऊपरी स्तर से गिरावट हुई और यह 1,27,008 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. वहीं दिवाली पर सुरक्षित निवेश की मांग से सोने-चांदी की चमक लौटी. एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव 982 रुपये या 0.77 फीसदी बढ़कर 1,27,990 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया.
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जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमेाडिटी एंड करेंसी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर ने कहा कि सोने की कीमतों में कुछ हेल्दी गिरावट देखने को मिल सकती है, क्योंकि मौजूदा फंडामेंटल का पहले ही मूल्यांकन हो चुका है और इस हफ्ते के मिड के बाद फिजिकल डिमांड कम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि ट्रेडर्स प्रमुख ग्लोबल इंडीकेटर्स पर नजर रखेंगे, जिनमें चीन के आंकड़े, ब्रिटेन की महंगाई के आंकडे, पीएमआई डाटा, अमेरिकी उपभोक्ता आंकड़े और फेडरल रिजर्व की टिप्पणी शामिल हैं.
सोना खरीदने का क्या होगा सही समय
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि सोने की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ चुकी हैं और अभी निवेशकों को फ्रेश इन्वेस्टमेंट के लिए 10 से 15 फीसदी करेक्शन का इंतजार करना चाहिए. सोना अगर टूटकर वापस 1.10 लाख से 1 लाख रुपये के करीब आता है, तो उसमें निवेश करना चाहिए.
सोना ही नहीं चांदी में भी 10 से 15 फीसदी गिरावट का इंतजार करना सही विकल्प है. अभी चांदी 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम के करीब है. अगर चांदी 1.25 से 1.30 लाख रुपये के आस पास आता है तो इसमें नए सिरे से या फ्रेश निवेश किया जा सकता है.
अजय केडिया का कहना है कि हालांकि सोने का लॉन्ग टर्म आउटलुक मजबूत है. सोना लंबी अवधि में कंसिस्टेंट वेल्थ क्रिएटर रहा है. ऐसे में आपके पास सोना पहले से है तो बिना किसी बड़ी जरूरत के, उसे बेचने से बचें. सोना लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देता रहेगा.
सोना : 1 साल में 1.50 लाख होगा भाव
वेंचुरा सिक्योरिटीज के हेड ऑफ कमोडिटीज एंड सीआरएम, एनएस रामास्वामी का कहना है कि आगे भी सोने में तेजी जारी रहने की उम्मीद है. उनका कहना है कि सोने में रेजिस्टेंस लेवल 1,30,000 रुपये से 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच देखा जा रहा है. जबकि सपोर्ट लेवल 1,21,000 रुपये या 4,000 डॉलर के आसपास है.
अगर कीमत 1,20,000 रुपये या 3980 डॉलर से नीचे जाती है, तो ही सोने में कमजोरी देखने को मिल सकती है. अगर सोना धनतेरस 2025 से नई तेजी शुरू करता है, तो 2026 की दिवाली या धनतेरस तक यह 5,000 डॉलर प्रति औंस या 1,50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए ऊंचे स्तर को छू सकता है.
(Disclaimer : गोल्ड एसेट क्लास पर सलाह या विचार एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)