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Gold Scheme : मोदी सरकार ने बंद कर दी गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, आपने जमा किया था सोना तो अब क्या होगा?

Govt Gold Scheme : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार (25 मार्च) को गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) के तहत मीडियम और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MLTGD) घटकों को 26 मार्च से बंद करने की घोषणा की है.

Govt Gold Scheme : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार (25 मार्च) को गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) के तहत मीडियम और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MLTGD) घटकों को 26 मार्च से बंद करने की घोषणा की है.

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Sushil Tripathi
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What is GMS : गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत लोग अपने घरों में पड़ा सोना, बैंकों में जमा कर उस पर ब्याज हासिल कर सकते थे. (Reuters)

Gold Monetisation Scheme : मोदी सरकार ने बेहतर हो रही बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) को तुरंत प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार (25 मार्च) को गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) के तहत मीडियम और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MLTGD) घटकों को 26 मार्च से बंद करने की घोषणा की है. हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि बैंक 1 से 3 साल वाली अपनी शॉर्ट टर्म गोल्ड डिपॉजिट योजनाओं को जारी रख सकते हैं. सरकार इस स्कीम के तहत नवंबर, 2024 तक लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटा चुकी थी. 

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GMS : क्या था इस योजना का उद्देश्य? 

मोदी सरकार (Modi Govt) के ही पहले कार्यकाल में इस योजना की घोषणा 15 सितंबर, 2015 को हुई थी. इसे लाने का उद्देश्य लंबी अवधि में सोने के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के साथ देश में परिवारों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को जुटाना था, ताकि इसका उपयोग प्रोडक्टिविटी उद्देश्यों के लिए किया जा सके. 

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ग्राहकों के लिए कैसे काम करती थी ये योजना 

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत लोग अपने घरों में पड़ा सोना, बैंकों में जमा कर उस पर ब्याज हासिल कर सकते थे. वहीं बैंकों के पास सोना डिपॉजिट होने से देश की सोने की आयात (इंपोर्ट) पर निर्भरता कम हो रही थी. इस स्कीम के तहत बैंकों में जमा किए गए सोने की पहले शुद्धता जांची जाती थी, और फिर उसे गोल्ड बार्स में बदलकर ग्राहक के गोल्ड डिपॉजिट अकाउंट में जमा कर दिया जाता था. फिर उस अकाउंट पर ग्राहकों को ब्याज मिलता था. अगर ग्राहक अपना सोना वापस लेना चाहे तो बार या सिक्के के रूप में उसे वापस ले सकता था. 

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गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में शॉर्ट टर्म बैंक डिपाजिट(एक-तीन साल), मिड टर्म डिपॉजिट (पांच-सात साल) और लॉन्ग टर्म डिपॉजिट (12-15 साल) के रूप में 3 कंपोनेंट शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के प्रदर्शन की पड़ताल और बाजार की उभरती स्थितियों के आधार पर 26 मार्च, 2025 से जीएमएस के मध्यम अवधि और दीर्घकालिक सरकारी जमा वाले घटकों को बंद करने का निर्णय लिया गया है.

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जिनका सोना जमा है, उनका क्या होगा?

अगर आपने पहले से इस स्कीम में निवेश किया है, तो बैंक द्वारा जारी किए गए नियमों के अनुसार स्कीम की अवधि पूरी होने तक आपका सोना और ब्याज सुरक्षित रहेगा. बस आप मिड और लॉन्ग टर्म के लिए इस स्कीम में निवेश अब नहीं कर सकेंगे. हालांकि शॉर्ट टर्म गोल्ड डिपॉजिट का विकल्प कुछ बैंकों में उपलब्ध रहेगा.

(Input : news agency)

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