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Gold Rate : अप्रैल में सोना 3,500 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था, लेकिन इसके बाद इसमें तेज गिरावट आई है. (File Photo : Reuters)
Gold falls over 7% from the all-time high level of $3,500 : अप्रैल में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंचा था, लेकिन इसके बाद इसमें तेज गिरावट आई है. सोने की कीमत अब दो हफ्तों के निचले स्तर पर है और लगातार तीसरे दिन दबाव में बनी हुई है. अभी गोल्ड करीब 3,232 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है, यानी अपने उच्चतम स्तर से करीब 7% नीचे. हालांकि, पिछले एक साल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में 40% की बढ़त देखी गई है.
आर्थिक अनिश्चितता के समय में सोना चमकता है और अमेरिका की टैरिफ नीतियों के कारण जब व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ा था, तब गोल्ड ने रफ्तार पकड़ी थी. लेकिन अब जब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के बीच व्यापार तनाव कम हुआ है, तो सोने की मांग पर असर पड़ा है.
ट्रंप का नया कदम और असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, साउथ कोरिया और जापान के साथ संभावित व्यापार समझौतों की घोषणा की है. उनका मकसद अपनी टैरिफ पॉलिसी को ट्रेड एग्रीमेंट में बदलना है. इसके साथ ही ट्रंप ने ऑटोमोबाइल्स और ऑटो पार्ट्स पर 25% टैरिफ में ढील देने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर भी साइन किया है. इससे अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है और डॉलर की मजबूती का सीधा असर सोने की मांग पर पड़ता है, क्योंकि इससे दूसरे देशों के निवेशकों के लिए सोना महंगा हो जाता है. 1 मई को अमेरिकी डॉलर इंडेक्स इंट्राडे में 100 के ऊपर चला गया.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती और फेड रेट कट की उम्मीद
अमेरिका की ताजा GDP रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है. साल 2025 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि 0.4% की बढ़त की उम्मीद थी. इसके अलावा, अप्रैल का ADP नेशनल एंप्लॉयमेंट रिपोर्ट भी निराशाजनक रही, जिसमें 1.2 लाख नौकरियों की उम्मीद थी, लेकिन सिर्फ 62,000 नई नौकरियों का ही इजाफा हुआ.
इन कमजोर आर्थिक आंकड़ों के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. ब्याज दरों में कटौती होने पर आमतौर पर सोने की कीमतों को सपोर्ट मिलता है. अब सवाल यह है कि क्या फेड अगली FOMC मीटिंग (6-7 मई) में ही रेट कट करेगा या फिर 17-18 जून तक इंतजार करेगा? इसका फैसला 13 मई को आने वाले अप्रैल के CPI डेटा पर भी निर्भर करेगा.
गोल्ड का लॉन्ग टर्म आउटलुक क्या कहता है?
लंबी अवधि में सोने का आउटलुक अब भी पॉजिटिव है. हाल ही में अरबपति निवेशक जॉन पॉलसन ने अनुमान जताया है कि सेंट्रल बैंकों की सोने की खरीदारी और वैश्विक व्यापार तनाव के चलते 2028 तक गोल्ड की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है.
2025 के बचे हुए समय में भी सोने की कीमत मौजूदा स्तरों के आसपास ही रहने की उम्मीद है. रॉयटर्स के एक पोल के अनुसार, इस साल पहली बार सोने की औसत कीमत 3,000 डॉलर से ऊपर रह सकती है. पोल में गोल्ड की मीडियन कीमत 3,065 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस बताई गई है, जबकि पहले यह अनुमान 2,700 डॉलर के आसपास था.
भारत में क्या है गोल्ड का हाल?
भारत में सोने की कीमत 94,710 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है, जो 22 अप्रैल को बने 1 लाख रुपये के ऑल टाइम हाई से 5% नीचे है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है और हाल ही में मुनाफावसूली के चलते आई है. साथ ही टैरिफ से जुड़े अच्छे समाचारों के बाद कीमतों में हल्का करेक्शन स्वाभाविक है क्योंकि फिलहाल कोई बड़ा नया पॉजिटिव ट्रिगर नहीं दिख रहा है.
(Article by Sunil Dhawan)