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Gold Price Movement : 2025 के 4 महीनों में सोने ने मजबूत प्रदर्शन किया है. इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाई गई टैरिफ और बाजार की अनिश्चितताएं हैं. (Image : Pixabay)
Gold Price Movement from 10K to 1,00,000 : गोल्ड की कीमतों में बीते 1 साल से रिकॉर्ड ब्रेकिंग रैली दिख रही है. 5 अप्रैल 2024 के बाद से अबतक सोने में करीब 30,000 रुपये की तेजी आ चुकी है. वहीं 3 साल से भी कम समय में सोना 50 ,000 रुपये से 1,00,000 रुपये के भाव पर पहुंच गया, यानी करीब 100 फीसदी रिटर्न (Gold Return). आज एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर गोल्ड फ्यूचर्स ने आज पहली बार 99,000 रुपये का बैरियर पार कर लिया. एमसीएक्स पर गोल्ड (Gold MCX) आज 1,899 रुपये बढ़कर 99,178 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold Rates Today) का नया रिकॉर्ड बना दिया. वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंजपर, अक्टूबर कांट्रैक्ट ने पहली बार 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार किया और 2,000 रुपये (करीब 2%) बढ़कर 1,00,484 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
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सोने में 10 हजार से 1,00,000 का सफर
10,000 रुपये : 5 मई 2006
20,000 रुपये : 14 अक्टूबर, 2020
30,000 रुपये : 1 जून, 2012
40,000 रुपये : 3 जनवरी, 2020
50,000 रुपये : 22 जुलाई, 2022
60,000 रुपये : 20 मार्च, 2023
70,000 रुपये : 5 अप्रैल 2024
80,000 रुपये : 24 जनवरी, 2025
90,000 रुपये : 31 मार्च, 2025
99,000 रुपये : 22 अप्रैल, 2025
3 साल से कम समय में डबल रिटर्न
भारत में आज सोने का हाजिर भाव 99,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है. जबकि 22 जुलाई 2020 को इसने पहली बार 50,000 रुपये का भाव टच किया था. यानी 3 साल से कम समय में यह करीब 100 फीसदी बढ़ गया. इंटरनेशनल मार्केट की बात करें तो 10 अक्टूबर, 2022 को प्रति औंस सोने की कीमत 1,704 डॉलर थी, जो 22 अप्रैल तक बढ़कर 3,470 डॉलर हो गई है. यानी यह 2 साल और 6 महीने से भी कम समय में दोगुना हो गया.
2025 के पहले चार महीनों में सोने का शानदार प्रदर्शन
2025 के शुरुआती चार महीनों में सोने ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाई गई टैरिफ की धमकियां और बाजार में बढ़ती अनिश्चितताएं हैं. 24 जनवरी 2025 को इसने 80,000 रुपये, 31 मार्च 2025 को 90,000 रुपये और 22 अप्रैल 2025 को 99,000 रुपये का लेवल पार किया. यानी इस साल इसने 3 माइलस्टोन पार किए. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर एनालिस्ट, कमोडिटी रिसर्च, मानव मोदी का कहना है कि पिछले साल फेड ने 100 बेसिस पॉइंट्स की दर से ब्याज दरों में कटौती की, लेकिन अब उन्होंने महंगाई और ग्रोथ को लेकर चिंताओं के कारण इसे रोक दिया है. महंगाई नियंत्रण में है, लेकिन लेबर मार्केट की स्थिति फेड के लिए चिंता का कारण है.
उनका कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप फेडरल रिजर्व के गवर्नर पॉवेल पर ब्याज दरें और घटाने के लिए दबाव बना रहे हैं. ट्रंप की चीन और अन्य देशों पर टैरिफ लगाने की धमकियों से बाजार में अनिश्चितताएं बढ़ गई हैं. जियो पॉलिटिकल टेंशन भी बना हुआ है, जिससे सोना मजबूत हो रहा है. टेंशन के चलते सोने में सुरक्षित निवेश (Safe Haven) के रूप में आकर्षण और बढ़ सकता है.
क्या करें निवेशक?
मानव मोदी का कहना है कि इस साल सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव (Volatility) जारी रह सकता है. जोखिम लेने वाले निवेशक इस तेजी का लाभ उठा सकते हैं, जबकि सुरक्षित निवेशक कीमतों में गिरावट का इंतजार कर सकते हैं. सुझाव यह है कि गिरावट पर खरीदारी करें. इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतें $3,350-$3,500 की रेंज में रह सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसमें $3,700 तक का लेवल संभव है. वहीं घरेलू स्तर पर कीमतें 96,500-1,00,000 रुपये की रेंज में रह सकती हैं. जबकि लॉन्ग टर्म में यह 1,06,000 रुपये तक पहुंच सकता है.