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Gold October Return : अक्टूबर में पिछले 5 से 6 साल की हिस्ट्री देखें तो गोल्ड में कभी भी गिरावट नहीं आई है. (Image : Freepik)
Gold Rally News : गोल्ड में निवेश निवेशकों के लिए वाकई खरा सोना ही साबित हो रहा है. जिन निवेशकों ने पिछले साल दिवाली पर गोल्ड खरीदा था, तब से अब तक इसका भाव 34,320 रुपये या 43 फीसदी के करीब बढ़ चुका है. गोल्ड में निवेश करने वालों या खरीदारों के मन में एक सवाल जरूर आता होगा कि गोल्ड में लगातार रैली के बाद भी तेजी थम नहीं आ रही है. ​कहीं ये एसेट क्लास का बड़ा बुलबुला तो नहीं. आने वाले दिनों में गोल्ड में क्या हो सकता है.
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अक्टूबर होता है तेजी वाला महीना
केडिया एडवाइजरी की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार सितंबर में गोल्ड में अबतक 9.64 फीसदी तेजी रही है. पिछले 6 में से 5 साल सितंबर में गोल्ड तेजी के साथ बंद हुआ है. यानी यह महीना अक्सर सोने के लिए पॉजिटिव (बुलिश) रहा है.
अब अक्टूबर में भी बढ़त जारी रहने का अनुमान है. अक्टूबर में पिछले 5 से 6 साल की हिस्ट्री देखें तो गोल्ड में कभी भी गिरावट नहीं आई है. अक्टूबर में गोल्ड का पिछले कुछ सालों में औसतन ग्रोथ 2.58% रही है. यानी ऐतिहासिक रूप से सितंबर की तेजी अक्टूबर में भी बनी रहती है. इसमें त्योहारी मांग और ग्लोबल हेजिंग फ्लो का भी सहारा मिलता है.
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सोने की तेजी सिर्फ फंडामेंटल्स नहीं, बल्कि सेंटीमेंट भी शामिल
केडिया एडवाइजरी की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार जेपी मॉर्गन के चेयरमैन और सीईओ जेमी डिमोन ने चेतावनी दी है कि गोल्ड में मौजूदा रैली एसेट क्लासेज (शेयर, गोल्ड, क्रिप्टो आदि) में बन रहे बड़े बुलबुले (बबल) का हिस्सा हो सकती है.
डिमोन ने कहा कि जरूरत से ज्यादा बुलिश होना गोल्ड और अन्य एसेट्स को खतरनाक बबल में बदल सकता है.
अभी ग्लोबल इक्विटी, क्रिप्टो और गोल्ड की कीमतें ऊंचाई पर हैं, जिससे यह चिंता बढ़ी है कि बाजार में ज्यादातर तेजी सट्टेबाजी से आ रही है.
सोने की कीमत 3,743 डॉलर पर स्थिर रही, लेकिन तकनीकी दबाव और सेंटीमेंट ठंडा पड़ने से निकट भविष्य में गिरावट (पुलबैक) संभव है.
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फेडरल रिजर्व ने 25 बेसिस प्वॉइंट ब्याज दर घटाई, जिससे रैली को सहारा मिला, लेकिन कुछ पॉलिसीमेकरों ने आगे महंगाई के खतरे पर चेतावनी दी.
सुरक्षित निवेश (Safe-haven) की मांग से गोल्ड को सपोर्ट मिला है, लेकिन जरूरत से अधिक पैसा आने पर यह सुरक्षा वाली खरीदारी सट्टेबाजी में बदल सकती है और करेक्शन का खतरा बढ़ सकता है.
सोना तेजी से 3,755 डॉलर तक पहुंच गया है, जो इसके लंबे समय के औसत ट्रेंड से कहीं ऊपर है. यह बताता है कि मोमेंटम ओवरएक्सटेंडेड (बहुत ज्यादा खिंचा हुआ) है.
अल्सर इंडेक्स कई सालों के न्यूनतम स्तर पर है, जबकि कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. इसका मतलब है कि बाजार बहुत अधिक लापरवाह हो गया है और अचानक उतार-चढ़ाव का खतरा है.
शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को 3,690–3,694 डॉलर स्तर पर नजर रखनी चाहिए. अगर यह टूटता है तो अगला सपोर्ट 3,350–3,280 डॉलर के बीच मिलेगा.
रेजिस्टेंस 3,755–3,784 डॉलर पर है, और अगर इससे ऊपर जाता है तो अगला टारगेट 3,900 डॉलर और 3,940 डॉलर होगा.
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Ulcer Index 1.36 के करीब
केडिया एडवाइजरी के अनुसार अभी की स्थिति की बात करें तो मार्केट अभी भी बुलिश (तेजी) जोन में है, लेकिन अल्सर इंडेक्स 1.36 के करीब है, जो सावधानी बरतने का संकेत देता है. सपोर्ट लेवल और नीचे जा सकते हैं, हालांकि रुझान अब भी पॉजिटिव बना हुआ है.
अल्सर इंडेक्स नुकसान का जोखिम मापने का पैमाना है. अल्सर इंडेक्स (UI) यह बताता है कि गिरावट कितनी गहरी और कितने समय तक चलती है. जब कीमत हाल की ऊंचाइयों से नीचे जाती है तो UI बढ़ता है. जब कीमत नई ऊंचाई पर पहुंचती है तो UI घटता है, यानी गिरावट (drawdown) कम होती है.
इसे आमतौर पर 14 दिन की अवधि के लिए शॉर्ट-टर्म एनालिसिस में निकाला जाता है. यह दिखाता है कि हाल की ऊंचाई से कितने फीसदी गिरावट हो सकती है. ज्यादा UI का मतलब है कि कीमत को पुराने हाई तक वापस आने में ज़्यादा समय लगेगा.
(Disclaimer : यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से केडिया स्टॉक्स एंड कमोडिटीज़ रिसर्च प्रा. लि. द्वारा जारी की गई है. इसमें दिए गए सुझाव या राय केवल विचार हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. किसी भी खरीद-बिक्री के लिए एक्सपर्ट से सुझाव लें.)