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Gold Silver Price Today : सोना 1.24 लाख रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर, चांदी में बड़ी गिरावट. (Image : Freepik)
Gold Rate Today, Sone Chandi Ka Bhav Aaj Ka : दिल्ली के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत ने नया रिकॉर्ड बना दिया. 99.9 फीसदी शुद्धता वाला सोना 700 रुपये बढ़कर 1,24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया. वहीं चांदी ने इसके उलट रुख दिखाया और 3,400 रुपये टूटकर 1,54,000 रुपये प्रति किलो पर आ गई. सोने की इस तेजी के पीछे अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और सुरक्षित निवेश के तौर पर बढ़ती मांग को अहम वजह माना जा रहा है.
चांदी में गिरावट
जहां सोने ने रिकॉर्ड बनाया, वहीं चांदी ने रिवर्स गियर लगाया. सोमवार को 1,57,400 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई चांदी मंगलवार को 3,400 रुपये गिरकर 1,54,000 रुपये प्रति किलो पर आ गई. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्पॉट सिल्वर 0.12 फीसदी फिसलकर 48.46 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही थी.
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सोने पर फेड रेट कट की उम्मीदों का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को स्पॉट गोल्ड 3,958.18 डॉलर प्रति औंस के आसपास ट्रेड कर रहा था, जबकि इससे पहले यह 3,977.45 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था. एनालिस्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नर्म मॉनेटरी पॉलिसी (dovish policy) की उम्मीदों ने सोने को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने बताया, “फेडरल रिजर्व की संभावित डोविश पॉलिसी और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के चलते सोने के दाम लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं. हालांकि, तकनीकी तौर पर यह ओवरबॉट जोन में है, लेकिन निवेशक फिलहाल गोल्ड की तरफ झुकाव बनाए हुए हैं.”
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अमेरिकी शटडाउन से बढ़ी अस्थिरता
अमेरिका में सरकार के पार्शियल शटडाउन को सात दिन हो चुके हैं और अभी भी समाधान के आसार नहीं दिख रहे हैं. इस स्थिति ने ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स में अस्थिरता बढ़ा दी है. साउमिल गांधी का कहना है, “अमेरिकी शटडाउन से पैदा हुई अस्थिरता ने सोने-चांदी को सपोर्ट दिया है. इसके अलावा फ्रांस और जापान में चल रहे राजनीतिक तनाव और अंतरराष्ट्रीय जियो-पोलिटिकल हालात ने भी गोल्ड की सेफ हेवन डिमांड को बढ़ाया है.”
इन सभी कारणों से निवेशक इक्विटी जैसे जोखिम भरे एसेट से दूरी बनाकर सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं. वहीं, अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के जारी होने में देरी ने भी बाजार के सेंटिमेंट्स को प्रभावित किया है.
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सेंट्रल बैंकों से सोने को सपोर्ट
सोने की कीमतों में तेजी का एक और बड़ा कारण है सारी दुनिया के केंद्रीय बैंकों की निरंतर गोल्ड खरीद. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में सेंट्रल बैंकों की गोल्ड खरीद 15 टन बढ़ी. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने सितंबर के अंत तक अपने गोल्ड रिजर्व को 74.06 मिलियन फाइन ट्रॉय औंस तक बढ़ा लिया है, जो लगातार 11वां महीना है जब बैंक ने सोना खरीदा है.
यह रुझान दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय बैंक डॉलर की अस्थिरता और आर्थिक अस्थिरता से बचने के लिए सोने को रिजर्व के रूप में और मजबूत बना रहे हैं.
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चांदी की गिरावट, सोने में बना रहेगा रुझान
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च एनालिस्ट - कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, “सोना फिलहाल 3,958 डॉलर के स्तर पर अस्थिर कारोबार कर रहा है. बाजार अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और फेड चेयरमैन के भाषण पर नजर रखे हुए है. घरेलू बाजार में एमसीएक्स गोल्ड 1,18,500 से 1,21,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में रह सकता है. फिलहाल निवेशक सतर्क हैं, लेकिन रुझान ऊपर की ओर ही है.”
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क्या आगे भी सोना चमकेगा?
मौजूदा हालात में फेड की नीतियों और भू-राजनीतिक माहौल से सोने की कीमतों में और उछाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि, तेजी के बीच सतर्क रहना निवेशकों के लिए जरूरी है, क्योंकि बाजार का फोकस अब आने वाले अमेरिकी आंकड़ों पर रहेगा.