/financial-express-hindi/media/media_files/Rp2gExpfblrwf9YvyByo.jpg)
Gold rate today : जियो-पोलिटिकल हालात, डॉलर की मजबूती और महंगाई के चलते सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. (Image : Pixabay)
Gold Rate Today: सोने की कीमतों में तेजी का सिलसिला लगातार जारी है. सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोना 110 रुपये बढ़कर 80,660 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. इससे पहले शुक्रवार को यह 80,550 रुपये प्रति 10 ग्राम था. बीते पांच कारोबारी सेशन के दौरान सोने की कीमतों में 1,660 रुपये यानी 2.1% की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है. आइए जानते हैं कि क्या हैं इस तेजी की वजहें और क्या बता रहे हैं भविष्य के संकेत?
सोने में तेजी की बड़ी वजहें
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी और करंसी रिसर्च) जतिन त्रिवेदी ने बताया, "सोने की कीमतों में तेजी रुपये की कमजोरी के कारण आई है. डॉलर के मुकाबले रुपया 86.61 पर पहुंच गया, जो कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का नतीजा है. अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों से जियो-पोलिटिकल तनाव और बढ़ा है, जिससे कच्चे तेल की कीमतें चढ़ीं. इसका असर सोने की कीमतों पर भी पड़ा है." सोमवार को रुपया 58 पैसे की गिरावट के साथ 86.62 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ. डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने रुपये पर दबाव बनाया, जिससे सोने की कीमतों में उछाल आया.
अंतरराष्ट्रीय बाजारों का हाल
इंटरनेशनल मार्केट में कॉमैक्स गोल्ड फ्यूचर्स 10.70 डॉलर या 0.39% की गिरावट के साथ 2,704.30 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता और जियो-पोलिटिकल तनाव के चलते सोने में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज़) सौमिल गांधी ने बताया, "स्पॉट गोल्ड प्राइसेज में स्थिरता बनी हुई है, जो पिछले सप्ताह 1.95% की तेजी के बाद देखी जा रही है. अमेरिका में महंगाई दर बढ़ने की आशंका और अंतरराष्ट्रीय कर्ज संकट ने सोने की मांग को मजबूत किया है."
अमेरिकी मॉनेटरी पॉलिसी का असर
ऑगमोंट (Augmont) की रिसर्च हेड डॉ. रेनिशा चैनानी ने बताया, "अमेरिका के नॉन-फार्म पेरोल्स (NFP) रिपोर्ट मजबूत रही, जिससे फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है. डॉलर इंडेक्स दो साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव बना है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई की चिंता सोने की मांग को बनाए रखेगी."
सोने में क्या हैं भविष्य के संकेत?
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा जियो-पोलिटिकल हालात, डॉलर की मजबूती और महंगाई के चलते सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी का मानना है कि "अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता के बीच निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की मांग बनी रहेगी." सोने की कीमतों में लगातार तेजी के लिए रुपये की कमजोरी, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और ग्लोबल जियो-पोलिटिकल टेंशन जैसे कारण जिम्मेदार हैं. जानकारों के अनुसार सोने में निवेश से जुड़े फैसले लेते समय इन फैक्टर्स पर ध्यान देना जरूरी है. आने वाले दिनों में भी सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है.