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Gold Return : 25 साल में 19 गुना से अधिक बढ़ी सोने की वैल्‍यू, भारत और अमेरिकी शेयर बाजारों से अधिक दिया रिटर्न, अब आगे क्‍या

Gold Performance : एक्विटास की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोना साल 2000 के बाद से रिटर्न के मामले में एक मजबूत परफॉर्मर के रूप में उभरा है. इसने पिछले 25 साल में एसएंडपी 500 और निफ्टी 50 जैसे प्रमुख स्‍टॉक मार्केट इंडेक्‍स को पीछे छोड़ दिया है.

Gold Performance : एक्विटास की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोना साल 2000 के बाद से रिटर्न के मामले में एक मजबूत परफॉर्मर के रूप में उभरा है. इसने पिछले 25 साल में एसएंडपी 500 और निफ्टी 50 जैसे प्रमुख स्‍टॉक मार्केट इंडेक्‍स को पीछे छोड़ दिया है.

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Sushil Tripathi
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Gold Price : भारतीय रुपये के संदर्भ में, 25 साल में सोने की वैल्‍यू 19.32 गुना बढ़ी है, जबकि निफ्टी 50 इस दौरान 15.67 गुना बढ़ा है. Photograph: (Image : Pixabay)

Gold Investment as a Safe Heaven Assets : एक्विटास की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोना (Gold) साल 2000 के बाद से रिटर्न के मामले में एक मजबूत परफॉर्मर के रूप में उभरा है. इसने पिछले 25 साल में एसएंडपी 500 और निफ्टी 50 जैसे प्रमुख स्‍टॉक मार्केट इंडेक्‍स को पीछे छोड़ दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सोने ने लगातार अमेरिकी शेयर बाजार इंडेक्‍स एसएंडपी 500 (S&P 500) और भारत के बेंचमार्क निफ्टी 50 (Nifty50) दोनों की तुलना में अधिक रिटर्न दिया है. साल 2000 के बाद से पिछले 25 सालों में सोने ने एसएंडपी 500 और निफ्टी 50 दोनों से बेहतर प्रदर्शन दिखाया है. 

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S&P 500 की तुलना में दोगुना रिटर्न 

अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में, साल 2000 के बाद से सोना 9.99 गुना बढ़ गया है, जो कि एसएंडपी 500 से काफी बेहतर प्रदर्शन है. एसएंडपी 500 ने इसी अवधि के दौरान 4.34 गुना ग्रोथ दिखाई है. इससे पता चलता है कि 25 साल में सोने ने S&P 500 की तुलना में दोगुना से भी अधिक रिटर्न दिया है. S&P 500 संयुक्त राज्य अमेरिका में एक स्टॉक मार्केट इंडेक्स है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्‍टेड 500 सबसे बड़ी कंपनियों के स्टॉक के प्रदर्शन को ट्रैक करता है. इसी तरह, भारतीय रुपये के संदर्भ में, सोने ने भारत के निफ्टी 50 इंडेक्स से भी बेहतर प्रदर्शन किया है. पिछले 25 साल में सोने की वैल्‍यू 19.32 गुना बढ़ गई है, जबकि निफ्टी 50 इस दौरान 15.67 गुना बढ़ा है.

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लंबी अवधि के लिए मजबूत विकल्‍प 

इससे साफ है कि निवेश के विकल्प के रूप में सोना लंबी अवधि के लिए एक मजबूत विकल्‍प है. इसमें लंबी अवधि में हाई रिटन देने की ताकत है, खासकर अनिश्चित आर्थिक परिस्थितियों के दौरान. सोने को अक्सर एक सेफ हैवन एसेट्स के रूप में देखा जाता है, और पिछले कुछ साल में इसकी लगातार ग्रोथ स्थिर रिटर्न की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए इसकी विश्वसनीयता को दिखाती है.

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क्‍या होगा सोने का अगला पड़ाव? 

एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट - कमोडिटी एंड करेंसी,  जतीन त्रिवेदी का कहना है कि कमजोर डॉलर इंडेक्‍स और अमेरिकी टैरिफ नीतियों के निरंतर सपोर्ट से सोने की कीमतों में तेजी जारी है. एमसीएक्स में, (शुक्रवार को) सोना 475 रुपये बढ़कर 86,280 रुपये पर पहुंच गया, जबकि कॉमेक्स पर सोना 18 अमेरिकी डॉलर की तेजी के साथ 2,935 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था. सोने में ओवरआल ट्रेंड पॉजिटिव बना हुआ है. सोने के लिए 85,750 रुपये का लेवल सपोर्ट जोन के रूप में काम कर रहा है. जबकि 87,000 रुपये का लेवल अगला रेजिस्‍टेंस लेवल के रूप में उभर रहा है. 

(Input : ANI)

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सोने में तेजी के पीछे प्रमुख वजह

अमेरिका की अर्थव्यवस्था में धीमी ग्रोथ और गिरते ट्रेजरी यील्ड ने सोने की कीमतों को बढ़ाने में मदद की है. जब अर्थव्यवस्था कमजोर होती है, तो लोग सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं. 

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष यानी जियो पॉलिटिकल टेंशन ने भी सोने की डिमांड को सेफ हैवन के रूप में बढ़ाया है.

सेंट्रल बैंक, विशेषकर भारत और पोलैंड जैसे उभरते बाजारों से, लगातार सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं. यह संकेत देता है कि वे भविष्य में आर्थिक अनिश्चितताओं से बचने के लिए सोने को एक सुरक्षित संपत्ति मानते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की योजना बनाई है. इससे व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है, जो सोने की मांग को और बढ़ा सकता है. 

चीन में सोने के आभूषणों की मांग में कमी आई है, लेकिन वहां के लोग अब सोने के बार और सिक्कों में अधिक रुचि दिखा रहे हैं. यह बदलाव भी वैश्विक मांग को प्रभावित कर रहा है.

(सोर्स : केडिया कमोडिटी)

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