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HDFC Balanced Advantage Fund ने 3, 5 और 10 साल के दौरान शानदार रिटर्न दिए हैं. (Image : Freepik)
HDFC Balanced Advantage Fund Past Performance : देश के दिग्गज म्यूचुअल फंड हाउस एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (HDFC Mutual Fund) की हाइब्रिड स्कीम एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड ने अपने निवेशकों को लगातार बेहतर रिटर्न दिए हैं. HDFC म्यूचुअल फंड की यह स्कीम पिछले 3 साल, 5 साल और 10 साल के दौरान अपनी कैटेगरी में सबसे ज्यादा रिटर्न दे चुकी है. वन टाइम इनवेस्टमेंट की बात हो या सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये किया जाने वाला निवेश, HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड ने अपने निवेशकों को निराश नहीं किया है. आइए जानते हैं, क्या इस स्कीम का पिछला रिटर्न और इसकी निवेश रणनीति.
1 लाख का निवेश कैसे बना 3 लाख से ज्यादा
अगर किसी ने 5 साल पहले HDFC बैलेंस्ड एडवांटेज फंड के डायरेक्ट प्लान में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होगा, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू 3 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी होगी.
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड का पिछला रिटर्न
3 साल का रिटर्न (CAGR) : 19.33% (डायरेक्ट प्लान)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 26.13% (डायरेक्ट प्लान)
10 साल का रिटर्न (CAGR) : 14.34% (डायरेक्ट प्लान)
1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश :
- 3 साल में बन गया : 1,71,534 रुपये (एब्सोल्यूट रिटर्न 71.53%)
- 5 साल में बन गया : 3,14,491 रुपये (एब्सोल्यूट रिटर्न 214.49%)
- 10 साल में बन गया : 3,88,549 रुपये (एब्सोल्यूट रिटर्न 288.55%)
SIP के जरिये निवेश पर भी शानदार रिटर्न
इतना ही नहीं, इस स्कीम ने सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश करने वालों को भी आकर्षक रिटर्न दिए हैं. SIP निवेश पर इस स्कीम का एन्युलाइज्ड रिटर्न 3 साल में 18.98%, 5 साल में 21.67% और 10 साल में 17.28% रहा है.
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड का SIP रिटर्न (डायरेक्ट प्लान)
मंथली SIP : 2000
3 साल बाद फंड वैल्यू : 95,183 रुपये (कुल निवेश 72,000 रुपये)
3 साल में SIP पर एन्युलाइज्ड रिटर्न : 18.98 %
5 साल बाद फंड वैल्यू : 2,05,577 रुपये (कुल निवेश 1,20,000 रुपये)
5 साल में SIP पर एन्युलाइज्ड रिटर्न : 21.67 %
10 साल बाद फंड वैल्यू : 5,94,913 रुपये (कुल निवेश 2,40,000 रुपये)
10 साल में SIP पर एन्युलाइज्ड रिटर्न : 17.28 %
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड की खास बातें
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड एक ओपन एंडेड हाइब्रिड स्कीम है, जिसका मकसद इक्विटी और डेट में निवेश करके लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन करना है. म्यूचुअल फंड्स की इस कैटेगरी को डायनैमिक एसेट एलोकेशन फंड (Dynamic Asset Allocation Fund) भी कहते हैं. इस कैटेगरी की स्कीम के पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट एसेट्स का रेशियो कितना होगा, यह पूरी तरह फंड मैनेजर पर निर्भर है, जिसका फैसला बाजार के हालात को देखते हुए किया जाता है. यानी इसमें बाजार की चाल के हिसाब से इक्विटी और डेट की हिस्सेदारी 0 फीसदी से 100 फीसदी तक हो सकती है. स्कीम का एक्सपेंस रेशियो डायरेक्ट प्लान में 0.88% और रेगुलर प्लान में 1.37% है.
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड का पोर्टफोलियो
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड की लेटेस्ट फैक्टशीट के मुताबिक स्कीम के पोर्टफोलियो में इक्विटी का हिस्सा 65% से ज्यादा है. इसमें सबसे ज्यादा शेयर लार्ज कैप के हैं. फरवरी के अंत में फंड की टॉप होल्डिंग्स और उनकी हिस्सेदारी इस प्रकार है:
टॉप होल्डिंग / पोर्टफोलियो में हिस्सेदारी
HDFC Bank Ltd. : 5.71%
ICICI Bank Ltd. : 3.73%
Infosys Limited : 3.43%
Reliance Industries Ltd. : 3.28%
State Bank of India :3.01%
NTPC Limited : 2.42%
Larsen and Toubro Ltd. : 2.33%
Bharti Airtel Ltd. : 2.29%
Coal India Ltd. : 2.28%
7.18% GOI MAT 140833 : 2.59%
किनके लिए सही है ये स्कीम
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेडज फंड एक डायनैमिक एसेट एलोकेशन होने की वजह से उन निवेशकों के लिए सही विकल्प हो सकता है, जो बाजार की स्थिति के अनुसार अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट का बैलेंस बदलते रहना पसंद करते हैं. तकनीकी तौर पर इस स्कीम में इक्विटी की हिस्सेदारी 100 फीसदी तक हो सकती है. जिसकी वजह से इसमें निवेश पर मार्केट रिस्क ज्यादा रहता है. यही वजह है कि इसे रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) की रेटिंग दी गई है. लेकिन इक्विटी में एक्सपोजर के चलते इसमें लंबे समय के दौरान बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना भी रहती है, जो इसके पिछले प्रदर्शन से पता भी चलता है. साथ ही फंड मैनेजर के पास बाजार में ज्यादा उथल-पुथल होने पर डेट में निवेश बढ़ाकर मार्केट रिस्क को बैलेंस करने का ऑप्शन भी रहता है. HDFC म्यूचुअल फंड की इस स्कीम में उन्हीं लोगों को निवेश करना चाहिए, जो कम से कम 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए इनवेस्ट कर सकते हैं और बेहतर रिटर्न के लिए ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड का पिछला रिटर्न भविष्य में भी जारी रहेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं होती. निवेश के फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)