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Income Tax Regime : ITR फाइल करते समय टैक्स रिजीम को बदला जा सकता है या नहीं? (AI Generated Image by ChatGPT)
Can You Change Tax Regime While Filing ITR : इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तैयारी करते समय बहुत सारे टैक्सपेयर्स को अब एक नया सवाल परेशान करने लगा है. सवाल ये है कि हमने अपने लिए सही टैक्स रिजीम चुनी है या नहीं? इसी से जुड़ा सवाल यह भी है क्या हम ITR फाइल करते समय उस टैक्स रिजीम को बदल सकते हैं, जो हमने साल की शुरुआत में अपने एम्प्लॉयर को बताई थी? खासकर तब, जब आपने पुरानी टैक्स रिजीम को चुना था लेकिन अब नया विकल्प ज्यादा फायदेमंद लग रहा हो. या नई रिजीम चुनने के बाद अब पुरानी रिजीम में टैक्स देनदारी कम नजर आ रही हो. यहां हम इसी मुद्दे को समझने की कोशिश करेंगे कि ITR फाइल करते समय टैक्स रिजीम बदला जा सकता है या नहीं. और अगर हां, तो इसके लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
ITR फाइल करते समय टैक्स रिजीम बदल सकते हैं?
आयकर कानून के अनुसार अगर आप सैलरीड कर्मचारी हैं और आपने वित्त वर्ष 2024-25 में TDS कटवाने के लिए पुरानी टैक्स रिजीम को चुना था, तो भी आप ITR फाइल करते समय अपना मन बदल सकते हैं. मतलब ये कि ITR फाइल करते वक्त आप न्यू टैक्स रिजीम को चुन सकते हैं, अगर उससे आपका टैक्स कम बन रहा हो. ठीक इसी तरह, अगर आपने पहले नई टैक्स रिजीम को चुना था लेकिन अब लगता है कि पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर है, तो आप ITR फाइलिंग के समय उसे भी चुन सकते हैं.
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ITR फॉर्म में टैक्स रिजीम कैसे चुनें?
नई टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट (default) ऑप्शन है. यानी अगर आप कोई ऑप्शन नहीं चुनेंगे, तो भी अपने आप ही न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में मान लिए जाएंगे. ITR फॉर्म में एक सवाल पूछा जाता है – “Whether opting out of new tax regime under Section 115BAC?” यानी क्या आप सेक्शन 115 बीएसी के तहत न्यू टैक्स रिजीम से बाहर रहने का विकल्प चुन रहे हैं? अगर आप इस सवाल का जवाब 'हां' (Yes) में देते हैं, तो आपका ITR पुरानी टैक्स रिजीम के अनुसार माना जाएगा. लेकिन आप जवाब में 'नहीं' (No) का विकल्प चुनते हैं या ये हिस्सा खाली छोड़ देते हैं, तो भी आपका ITR न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएगा.
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क्या है टैक्स रिजीम चुनने की डेडलाइन
अगर आप ITR फाइल करते समय पुरानी टैक्स रिजीम को चुनना चाहते हैं, तो इसके लिए तय डेडलाइन खत्म होने से पहले ITR फाइल करना जरूरी है. अगर आपने ITR देरी से यानी ड्यू डेट के बाद फाइल किया, तो आप पुरानी टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं चुन पाएंगे. ऐसे में आपका ITR अपने-आप नई टैक्स रिजीम के अनुसार माना जाएगा. ITR फाइल करने की डेडलाइन अलग-अलग टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग हो सकती है.
ITR फाइल करने की डेडलाइन
31 जुलाई 2025 – उन टैक्सपेयर्स के लिए जिनके अकाउंट को ऑडिट करने की जरूरत नहीं है.
31 अक्टूबर 2025 – जिन टैक्सपेयर्स के खातों का ऑडिट जरूरी है, लेकिन कोई इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन नहीं है.
30 नवंबर 2025 – जिन टैक्सपेयर्स के इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन हैं, उन्हें ITR इसी तारीख तक फाइल करना होगा.
बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वाले बार-बार नहीं बदल पाएंगे रिजीम
कुल मिलाकर नियम ये है कि फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में आपने भले ही अपने एम्प्लॉयर को बता दिया हो कि आप कौन सी टैक्स रिजीम को चुन रहे हैं, फिर भी ITR फाइल करते समय आप उसमें बदलाव कर सकते हैं. लेकिन ये सुविधा वक्त पर रिटर्न भरने वालों के लिए ही उपलब्ध है. यह भी याद रखें कि जिन टैक्सपेयर्स को बिजनेस या प्रोफेशन से आय होती है, वे नई और पुरानी टैक्स रिजीम में किसी एक को सेलेक्ट करने का फैसला हर साल नहीं कर सकते. अगर उन्होंने एक बार न्यू टैक्स रिजीम से बाहर आने का फैसला कर लिया, तो उन्हें वापस न्यू टैक्स रिजीम सेलेक्ट करने का मौका सिर्फ एक बार ही मिलेगा. और दोबारा न्यू टैक्स रिजीम चुनने के बाद वे फिर से ओल्ड रिजीम को सेलेक्ट नहीं कर पाएंगे.