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SIP in ELSS : म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी भी बहुत पुरानी है और इसमें 28 से 30 साल तक पुरानी स्कीम मौजूद हैं. (Pixabay)
HDFC ELSS Tax Saver Fund : इक्विटी म्यूचुअल फंड में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) यानी ईएलएसएस एक ऐसा विकल्प है, जिसमें निवेश कर आप टैक्स बेनेफिट भी हासिल कर सकते हैं. फिलहाल यह इक्विटी फंड है और इसमें भी अन्य इक्विटी म्यूचुअल फंड की तरह हाई रिटर्न मिलने के चांस होते हैं. म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी भी बहुत पुरानी है और इसमें 28 से 30 साल तक पुरानी स्कीम मौजूद हैं. अगर लॉन्ग टर्म एसआईपी या लम्प सम रिटर्न देखें तो इस कैटेगरी में एचडीएफसी म्यूचुअ फंड की स्कीम एचडीएफसी ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड (HDFC ELSS Tax Saver Fund) सबसे आगे है.
रिटर्न देने में सबसे आगे
एचडीएफसी ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड ने बीते 28 साल में एसआईपी करने वालों को 22.39 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न और लम्प सम करने वालों को 22.87 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न दिया है. 28 साल की अवधि के दौरान ईएलएसएस कैटेगरी में इस फंड का रिटर्न टॉप पर है. इस फंड का इंसेप्शन डेट 31 मार्च 1996 है. फंड का कुल AUM 31 अक्टूबर, 2024 तक 15934.95 करोड़ रुपये है. जबकि एक्सपेंस रेश्यो 1.71 फीसदी है. इसका बेंचमार्क NIFTY 500 Total Returns Index है.
फंड का लम्प सम प्रदर्शन
1 साल का रिटर्न : 47.59%
1 लाख निवेश की वैल्यू : 1,47,906 रुपये
3 साल का रिटर्न : 24.80% सालाना
1 लाख निवेश की वैल्यू : 1,94,495 रुपये
5 साल का रिटर्न : 23.13% सालाना
1 लाख निवेश की वैल्यू : 2,83,294 रुपये
10 साल का रिटर्न : 14.30% सालाना
1 लाख निवेश की वैल्यू : 3,81,085 रुपये
लॉन्च के बाद से रिटर्न : 22.87% सालाना
1 लाख निवेश की वैल्यू : 3,55,84,730 रुपये
फंड का SIP प्रदर्शन
HDFC ELSS Tax Saver Fund के एसआईपी के आंकड़े 28 साल के मौजूद हैं. इन 28 सालों में एसआईपी करने वालों को 22.39 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न मिला है. इस लिहाज से इस फंड में शुरू से 5000 रुपये मंथली एसआईपी करने वालों को 8,53,68,253 रुपये मिल चुका है.
मंथली SIP अमाउंट : 5000 रुपये
SIP की कुल अवधि : 28 साल
SIP पर एनुअलाइज्ड रिटर्न : 22.39%
28 साल में कुल निवेश : 16,80,000 रुपये
28 साल में SIP की वैल्यू : 8,53,68,253 रुपये
कम से कम 3 साल के लिए लगाएं पैसे
यह उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जिनके निवेश का लक्ष्य कम से कम 3 साल या इससे ज्यादा है. इस फंड में कम से कम 500 रुपये लम्प सम और कम से कम 500 रुपये SIP करनी जरूरी है. हालांकि इक्विटी स्कीम होने के चलते रिस्क वेरी हाई कैटेगरी का है. इसमें आपके निवेश का बड़ा हिस्सा इक्विटी योजनाओं में लगाया जाता है. वहीं कुछ एक्सपोजर फिक्स्ड इनकम में भी होता है, जिसके जरिए आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड हो जाता है. म्यूचुअल फंड की इस कैटेगरी में आईटी एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट मिलता है.
पोर्टफोलियो में टॉप स्टॉक
ICICI Bank : 10.46%
HDFC Bank : 10.13%
Axis Bank : 8.00%
Bharti Airtel : 5.35%
Cipla : 5.26%
SBI Life Insurance : 4.48%
HCL Technologies : 3.99%
Kotak Mahindra Bank : 3.80%
Maruti Suzuki India : 3.48%
State Bank of India : 2.83%
किन सेक्टर में अधिक निवेश
फाइनेंशियल
टेक्नोलॉजीज
कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी
हेल्थकेयर
इंडस्ट्रियल
मैटेरियल्स
एनर्जी एंड यूटिलिटीज
3 साल का होता है लॉक इन
ज्यादातर इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है. अगर आपने कोई राशि एकमुश्त जमा की है तो 3 साल का लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद आपके पास ब्याज सहित पूरी राशि निकालने का विकल्प होता है. लेकिन, अगर आपने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश किया है तो ऐसा नहीं है. एसआईपी करने वाले निवेशक सिर्फ वही रकम निकाल सकते हैं, जिनकी अवधि 3 साल पूरी हो गई है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि 3 साल का लॉक-इन पीरियड हर एसआईपी किस्त पर लागू होगा.
इसे उदाहरण से समझ सकते हैं कि मान लिया आपने पहली एसआईपी की तारीख 1 जनवरी 2021 चुनी थी और 3 साल 1 जनवरी 2024 को पूरा हो रहा है. तो आपने जो पहली किस्त जमा की थी, उसके तो 3 साल हो गए, लेकिन जो अंतिम किस्त 1 जनवरी 2024 को जमा की है, उसके 3 साल 1 जनवरी 2027 को पूरे होंगे. यानी आप पूरी राशि 2 जनवरी 2027 को निकाल पाएंगे.
(नोट : किसी भी इक्विटी फंड में पुराना रिटर्न आगे भी जारी रहेगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है. यह भविष्य में कायम भी रह सकता है और नहीं भी. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)