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Tax Planning in 2025: नए साल में घटानी है टैक्स देनदारी? इन 6 उपायों से आसान होगा आपका काम

Income Tax Planning in 2025: अगर आप 2025 में अपनी टैक्स देनदारी को कम करना चाहते हैं, तो वक्त रहते योजना बनाकर उस पर अमल करना शुरू कर दीजिए.

Income Tax Planning in 2025: अगर आप 2025 में अपनी टैक्स देनदारी को कम करना चाहते हैं, तो वक्त रहते योजना बनाकर उस पर अमल करना शुरू कर दीजिए.

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Viplav Rahi
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Tax Planning 2025: टैक्स सेविंग की सही रणनीति से आप न सिर्फ अपनी टैक्स देनदारी घटा सकते हैं, बल्कि लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल टार्गेट्स को भी पूरा कर सकते हैं. (Image : Pixabay)

Income Tax Planning : How To Save Tax in 2025: अगर आप 2025 में अपनी टैक्स देनदारी को कम करना चाहते हैं, तो वक्त रहते योजना बनाकर उस पर अमल करना शुरू कर दीजिए. बहुत से लोग टैक्स सेविंग के लिए अंतिम समय तक इंतजार करते हैं, लेकिन ऐसा करना अक्सर वित्तीय लक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है. यहां हम आपको 6 ऐसे आसान उपाय बता रहे हैं, जिनसे आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपने वित्तीय भविष्य को भी सुरक्षित बना सकते हैं.

1. NPS में निवेश करें

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक शानदार विकल्प है, खासकर प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए. अगर आप अपनी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 10% तक NPS में निवेश करते हैं, तो आप सेक्शन 80CCD(1) के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं. इसके अलावा, आप अपने निवेश में एक्स्ट्रा 50,000 रुपये का योगदान करके 80CCD(1B) के तहत भी छूट का फायदा ले सकते हैं.

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जो कार्पोरेट NPS का विकल्प चुनते हैं, वे टैक्स में और भी अधिक बचत कर सकते हैं. नई टैक्स रिजीम के तहत, एंप्लॉयर द्वारा आपके बेसिक सैलरी का 14% तक का योगदान टैक्स फ्री हो सकता है. इस विकल्प का लाभ उठाने के लिए, अपने एंप्लॉयर से इस सुविधा को लागू करने के लिए बात करें.

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2. PF और होम लोन प्रिंसिपल का ध्यान रखें

अक्सर लोग टैक्स बचाने के लिए बिना योजना बनाए जल्दी-जल्दी निवेश कर देते हैं. लेकिन हो सकता है आप कर्मचारी भविष्य निधि (PF) और होम लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट के तहत पहले से ही सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की लिमिट का पूरा या काफी बड़ा हिस्सा पूरा कर चुके हों. लिहाजा, इन विकल्पों को ध्यान में रखते हुए निवेश करें ताकि आपके पैसे ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में बेवजह न फंस जाएं जिनमें लंबा लॉक-इन पीरियड रहता हो. अगर आप होम लोन का भुगतान कर रहे हैं, तो आप अपने प्रिंसिपल रीपेमेंट को जरूर ध्यान में रखें. साथ ही, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) और टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसे विकल्पों में निवेश तभी करें जब यह दरअसल जरूरी हो.

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3. बच्चों की ट्यूशन फीस पर छूट क्लेम करें

अगर आपने अपने बच्चों की स्कूल या कॉलेज की ट्यूशन फीस का भुगतान किया है, तो आप इस पर भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. यह छूट भी एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये की लिमिट में ही शामिल है. पति-पत्नी दोनों सैलरीड हैं, तो दोनों अलग-अलग इस छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. मिसाल के तौर पर अगर आपने अपने बच्चों की ट्यूशन फीस के लिए 2.5 लाख रुपये का भुगतान किया है, तो पति और पत्नी दोनों इसे आपस में बांटकर अधिकतम लाभ ले सकते हैं. यह छूट केवल ट्यूशन फीस पर लागू होती है; डोनेशन, स्कूल बस की फीस या अन्य शुल्क पर नहीं.

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4. बुजुर्गों के मेडिकल खर्चों पर टैक्स बेनिफिट

अगर आपके परिवार में सीनियर सिटिजन यानी बुजुर्ग हैं और उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है, तो आप उनके मेडिकल खर्चों के लिए टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80D के तहत, वरिष्ठ नागरिकों के मेडिकल खर्चों पर 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है. अगर यह खर्च उनके बच्चे करते हैं, तो वे भी इस छूट का लाभ ले सकते हैं.

5. एंप्लॉयर की मदद से टैक्स बचाएं

बहुत से एंप्लॉयर अपने कर्मचारियों को टैक्स बचाने के लिए सैलरी स्ट्रक्चर को फिर से डिज़ाइन करने की सुविधा देते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपको अपने एंप्लॉयर से पर्सनल और ऑफिशियल इस्तेमाल के लिए कार मिली है, तो उस पर होने वाले खर्च भी टैक्स छूट क्लेम करने में काम आ सकते हैं. अपने दफ्तर से इस बारे में जानकारी हासिल कर लें. इसके अलावा, अगर आपका कॉस्ट टू कंपनी (CTC) 20 लाख रुपये तक है, तो आप अपने एंप्लॉयर द्वारा दी जाने वाली टैक्स-फ्री सुविधाओं और भत्तों का लाभ उठाकर टैक्स बचत को अधिकतम कर सकते हैं.

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6. टैक्स रिजीम का सही चुनाव करें

साल की शुरुआत में आपको यह तय करना होता है कि आप नई या पुरानी टैक्स रिजीम में से किसे चुनेंगे. ध्यान रखें कि आप जुलाई में रिटर्न फाइल करते समय भी अपनी टैक्स रिजीम चेंज कर सकते हैं. अगर आपके एंप्लॉयर ने अधिक टैक्स काट लिया है, तो रिटर्न फाइल करते समय उसका रिफंड क्लेम करना न भूलें. 

टैक्स प्लानिंग एक लगातार चलने वाली प्रॉसेस है. अगर आप सही रणनीति अपनाते हैं, तो न केवल आप अपनी टैक्स देनदारी को घटा सकते हैं, बल्कि अपने लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल टार्गेट्स को भी आसानी से हासिल कर सकते हैं. 2025 में इन उपायों को अपनाएं और टैक्स बचाने के साथ-साथ अपने फाइनेंशियल फ्यूचर को भी मजबूत बनाएं.

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