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HDFC Infrastructure Fund ने पिछले 5 साल में निवेशकों की पूंजी को 4.5 गुना से अधिक कर दिया है. (AI Generated Image)
HDFC Infrastructure Fund Performance : किसी स्कीम में लगाए गए पैसे अगर 5 साल में 4.5 गुना से ज्यादा हो जाएं, तो भला किसी इनवेस्टर्स के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है. एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (HDFC Mutual Fund) की इंफ्रास्ट्रक्चर थीम पर आधारित स्कीम ने ऐसा ही कमाल करके दिखाया है. एचडीएफसी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ने 5 साल में 36% से भी अधिक एनुअल रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया है. ये सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि इस फंड की मजबूत निवेश रणनीति और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में आए जबरदस्त बदलावों का नतीजा है. इस स्कीम को वैल्यू रिसर्च ने 4 स्टार रेटिंग दी है.
HDFC इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का पिछला प्रदर्शन
HDFC इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ने बीते 5 साल के दौरान रेगुलर और डायरेक्ट, दोनों प्लान में शानदार रिटर्न दिए हैं, जिसकी बदौलत निवेशकों की पूंजी तेजी से बढ़ी है. इस फंड में अगर किसी ने 5 साल पहले 1 लाख रुपये लगाए होंगे, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू 4.5 लाख रुपये से अधिक हो चुकी होगी. इतना ही नहीं, 3 साल पहले किए गए 1 लाख के निवेश की मौजूदा वैल्यू भी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है.
लंपसम निवेश पर कितना मिला मुनाफा
5 साल पहले इनवेस्ट 1 लाख रुपये की फंड वैल्यू : 4,58,920 रुपये (रेगुलर प्लान), 4,77,274 रुपये (डायरेक्ट प्लान)
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR) : 35.60% (रेगुलर प्लान), 36.67% (डायरेक्ट प्लान)
3 साल पहले इनवेस्ट 1 लाख रुपये की फंड वैल्यू : 2,54,037 रुपये (रेगुलर प्लान), 2,60,538 रुपये (डायरेक्ट प्लान)
3 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR) : 36.41% (रेगुलर प्लान), 37.56% (डायरेक्ट प्लान)
SIP इनवेस्टमेंट पर रिटर्न
10,000 रुपये मंथली SIP की 5 साल में वैल्यू (रेगुलर प्लान) : 11.96 लाख रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न (रेगुलर प्लान) :28.02%
10,000 रुपये मंथली SIP की 5 साल में वैल्यू (डायरेक्ट प्लान) : 12.28 लाख रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न (डायरेक्ट प्लान) : 29.12%
(सोर्स : एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट, वैल्यू रिसर्च)
स्कीम के पिछले रिटर्न के आंकड़े वाकई शानदार हैं. लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड में पिछले रिटर्न के भविष्य में जारी रहने की गारंटी नहीं होती. इस फंड का एक्सपेंस रेशियो डायरेक्ट प्लान के लिए 1.08% और रेगुलर प्लान के लिए 2.04% है. यानी यह स्कीम थोड़ी खर्चीली है.
इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने वाली स्कीम
जैसा कि HDFC इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के नाम से भी जाहिर होता है, यह फंड उन कंपनियों में निवेश करता है जो इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से किसी ने किसी रूप जुड़ी हैं. फंड हाउस के मुताबिक इस फंड के पोर्टफोलियो को तीन मुख्य हिस्सों में बांटकर देखा जा सकता है: 1. बैंक और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनियां, जो इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को फंडिंग देती हैं. 2. इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनियां, जो सीधे तौर पर प्रोजेक्ट्स को तैयार करती हैं. और 3. ऐसी कंपनियां जिनके पास खुद के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स हैं, जैसे एयरपोर्ट्स, पावर प्लांट्स वगैरह की मालिक कंपनियां. इनके अलावा, इस स्कीम के कुल एसेट का अधिकतम 20% हिस्सा ऐसी कंपनियों में भी लगाया जा सकता है जो सीधे इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं जुड़ी हैं.
किन शेयरों में किया है निवेश?
30 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, इस फंड की टॉप होल्डिंग्स में कुछ बड़े और भरोसेमंद नाम शामिल हैं. फंड की टॉप 10 होल्डिंग्स और उनकी कुल पोर्टफोलियो में हिस्सेदारी इस प्रकार है:
ICICI Bank: 7.25%
HDFC Bank : 5.41%
L & T : 5.38%
J Kumar Infraprojects : 3.9%
Kalptaru Projects : 3.59%
InterGlobe Aviation : 3.46%
Reliance Industries : 2.9%
NTPC : 2.84%
Bharti Airtel : 2.71%
GR Infraprojects : 2.39%
स्कीम के बारे में जरूरी जानकारी
फंड कैटेगरी : ओपन एंडेड थीमैटिक इक्विटी फंड
बेंचमार्क : BSE India Infrastructure TRI
फंड की शुरुआत (Inception Date) : 10 मार्च 2008 (रेगुलर प्लान), 1 जनवरी 2013 (डायरेक्ट प्लान)
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 2,539.90 करोड़ रुपये (31 जुलाई 2025)
रिस्क लेवल : बहुत अधिक (Very High)
एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) : 1.08% (डायरेक्ट प्लान), 2.04% (रेगुलर प्लान)
एग्जिट लोड (Exit Load) : 30 दिन के भीतर यूनिट्स बेचने पर 1%, उसके बाद कुछ नहीं.
फंड मैनेजर : श्रीनिवासन राममूर्ति और ध्रुव मुच्छल
क्या आपके लिए सही है ये ऑप्शन
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और हाई रिटर्न के लिए ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं, तो इस फंड में निवेश पर विचार कर सकते हैं. खासकर ऐसे लोग जिन्हें आने वाले वर्षों के दौरान भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ में काफी तेजी आने का भरोसा है, इस फंड पर विचार कर सकते हैं. लेकिन अगर आप पहली बार थीमैटिक या सेक्टोरल फंड में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, तो निवेश से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर फोकस करने वाला सेक्टोरल थीमैटिक फंड होने की वजह से इसमें रिस्क बहुत अधिक है. अगर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में गिरावट आती है, तो इस फंड के रिटर्न पर सीधा असर पड़ सकता है. बिलकुल नए निवेशकों के लिए, जिन्हें बाजार और इकॉनमी की ज्यादा समझ नहीं है, किसी भी सेक्टोरल या थीमैटिक फंड से दूर रहना बेहतर है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)